Abu Azmi Controversy: महाराष्ट्र की राजनीति में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी के बयान को लेकर विवाद जारी है। हाल ही में औरंगजेब को लेकर दिए गए उनके बयान पर हंगामा खड़ा हो गया था। वहीं, छत्रपति संभाजी महाराज की पुण्यतिथि पर अबू आसिम आजमी द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद यह मामला और भी गरमाता जा रहा है।
अबू आजमी ने अर्पित की श्रद्धांजलि
आज, 11 मार्च को छत्रपति संभाजी महाराज की पुण्यतिथि है। इसी दिन इतिहास में दर्ज है कि मुगल शासक औरंगजेब ने उनकी हत्या करवा दी थी। इसके बावजूद, अबू आसिम आजमी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए संभाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लिखा:
"स्वराज्य के दूसरे छत्रपति, पराक्रमी योद्धा, धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज को उनके बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि।"हालांकि, कुछ दिन पहले औरंगजेब को लेकर उनके बयान के कारण अब उनकी यह श्रद्धांजलि भी संदेह और विवादों के घेरे में आ गई है।
क्या है विवाद?
अबू आजमी ने हाल ही में एक बयान में औरंगजेब को अच्छा शासक बताया था। उन्होंने कहा था:
"गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए। वह कोई क्रूर शासक नहीं थे। बनारस में जब एक पंडित की बेटी के साथ उसके सिपहसालार ने बदतमीजी करने की कोशिश की, तो औरंगजेब ने उस सिपहसालार को दो हाथियों के बीच बंधवाकर मरवा डाला। बाद में उन पंडितों ने औरंगजेब के लिए एक मस्जिद बनवाकर भेंट की। वह अच्छे प्रशासक थे और उन्होंने जो किया, वह सही किया। अगर कोई और राजा होता, तो वह भी वही करता।"इसके अलावा, उन्होंने यह भी दावा किया था कि औरंगजेब के शासन के दौरान भारत की जीडीपी 24% थी और देश को "सोने की चिड़िया" कहा जाता था। उन्होंने कहा:
"औरंगजेब उनके लिए गलत नहीं था। उसने कई मंदिर भी बनवाए थे। इतिहास में कई गलत चीजें बताई गई हैं।"उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली, और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू हो गई। बढ़ते विवाद के बाद अबू आजमी ने सफाई देते हुए कहा था:
"अगर किसी को मेरी टिप्पणी से ठेस पहुंची है, तो मैं अपने बयान और टिप्पणियां वापस लेता हूं।"राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
अबू आसिम आजमी के इन बयानों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। कई हिंदू संगठनों और राजनीतिक दलों ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, कुछ समर्थकों का कहना है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आने वाले चुनावों में बड़ा राजनीतिक हथियार बन सकता है। महाराष्ट्र में औरंगजेब और छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं हमेशा से संवेदनशील मुद्दा रही हैं, और ऐसे बयान अक्सर बड़े विवाद का रूप ले लेते हैं।
निष्कर्ष
अबू आसिम आजमी का औरंगजेब को लेकर दिया गया बयान और उसके बाद संभाजी महाराज की पुण्यतिथि पर दी गई श्रद्धांजलि ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर वे अपने बयान से पीछे हट चुके हैं, वहीं दूसरी ओर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी जारी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस विवाद का राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।