मंनोरजन / रिऐलिटी शोज में कोरोना का खौफ, अब सेट पर एंट्री के समय तालियों की जगह मेडिकल चेकअप से स्वागत

NavBharat Times : Jul 26, 2020, 09:29 AM
Mumbai: कोरोना काल से पहले जो लाइव ऑडियंस रिऐलिटी शोज की जान हुआ करती थी, अब नई गाइडलाइंस के बाद कोरोना के डर से वह इन रिऐलिटी शोज से नदारद हो गई है। पिछले वीकेंड प्रसारित हुए सारेगामापा लिटल चैंप और इंडियाज बेस्ट डांसर में कंटेस्टंट, होस्ट और जजेज तो नजर आए, मगर लाइव ऑडियंस नहीं दिखी। अगस्त के पहले सप्ताह से आने वाले द कपिल शर्मा शो में भी दर्शकों को कपिल और ऑडियंस के बीच की चुहलबाजी से महरूम होना पड़ेगा। लाइव ऑडियंस के बगैर कितने सूने होंगे ये रिऐलिटी शोज, एक पड़ताल।

कोरोना काल में तमाम गाइडलाइंस के साथ लगभग तीन महीने से बंद पड़े सेट्स पर शूटिंग की शुरुआत हुई और छोटे परदे के जरिए दर्शकों को अपने मनोरंजन का डेली डोज मिलने लगा है। जहां एक ओर फिक्शन शोज की शूटिंग नए रूल-रेगुलेशंस के तहत लिमिटेड कास्ट और क्रू के साथ हो रही है, वहीं रिऐलिटी शोज को नई गाइडलाइंस के मुताबिक बिना किसी लाइव ऑडियंस के अपने एपिसोड शूट करने पड़े हैं। छोटे परदे के लोकप्रिय सिंगिंग रिएलिटी शो सारेगामापा लिटल चैंप और इंडियाज बेस्ट डांसर के दो-दो एपिसोड प्रसारित हो चुके हैं। टीवी के रिऐलिटी शो 'द कपिल शर्मा शो' का मजा भी दर्शक अगस्त में ले पाएंगे, मगर बिना लाइव ऑडियंस के।


सेट पर सेल्फी, तालियों और ठहाकों को मिस किया

तकरीबन 125 दिनों के अंतराल के बाद द कपिल शर्मा शो की शूटिंग की शुरुआत हुई। शो में अपने बेबाक ठहाकों के लिए जानी जानेवाली अर्चना पूरन सिंह कहती हैं, 'पहली बार लाइव ऑडियंस के बगैर शूट किया, मगर कोरोना काल में यह सेफ्टी के नजरिए से जरूरी भी था। जब लाइव ऑडियंस होती थी, तब उनके वेव्स, तालियां, शोर, सेल्फी खींचने का दौर भी खूब चलता था। लाइव ऑडियंस की एनर्जी की बात ही कुछ और होती है। पहले दिन बिना लाइव ऑडियंस के बहुत अटपटा भी लगा, मगर जब शूटिंग पर टेक्निशयंस और क्रू मेंबर्स ने ऑडियंस की कमी पूरी करने की कोशिश की, तो अच्छा लगने लगा। कृष्णा अभिषेक की एंट्री पर क्रू मेंबर्स ने जोरदार तालियां बजाई। इस नए सेटअप में एक बात और हुई है कि हम सभी आर्टिस्ट बिना ऑडियंस के बहुत कंफर्टेबली शूट कर रहे हैं। इस बार बिना लाइव ऑडियंस के अपने मेकअप, हेयर ड्रेसर, बॉय और ड्राइवर का काम खुद करना एक अलग अनुभव था।'


लाइव ऑडियंस का न होना उदास तो करता है

'कोरोना के डर ने रिऐलिटी शो के सेट पर भी सब कुछ बदल कर रख दिया है। पहले सेट पर पहुंचते ही लाइव ऑडियंस की तालियां मिलती थीं, मगर अब सेट पर पहुंचने के बाद पहला काम मेडिकल चेकअप का होता है।' हाल ही में सारागामापा लिटल चैंप में होस्ट के रूप में की गई शूटिंग के अपने अनुभव को बयान करते हुए मनीष कहते हैं, 'सेट पर लाइव ऑडियंस का न होना उदास तो कर गया। सालों से उनके रिऐक्शन पर एक्शन की आदत जो पड़ गई है। स्टेज पर जाते ही सामने से होने वाले उनके शोर को मिस किया। अब हमें उनकी गैरमजूदगी में ऑक्सीजन लेवल चेक करना, हाथ धोना, खुद को सैनिटाइज करना और पीपीई किटस पहनकर रखना पड़ता है। जब तक कैमरा रोल नहीं होता, मास्क पहने रखना पड़ता है।' सेट पर मात्र 33 प्रतिशत कास्ट और क्रू मेंबर्स की मौजूदगी हो सकती है, जिसके तहत जजेज में अलका याग्निक, हिमेश रेशमिया, जावेद अली, होस्ट मनीष पॉल, 15 लोगों की ग्रैंड ज्यूरी, 11 कंटेस्टंट और जरूरी टेक्निशयंश होते हैं।'

गाइडलाइंस के आगे हम प्रड्यूसर्स मजबूर हैं

'कोविड से पहले हमने पांच एपिसोड शूट किए थे और उस वक्त लाइव ऑडियंस के कारण सेट की रौनक देखने योग्य होती थी।' प्री कोरोना इंडियाज बेस्ट डांसर जैसे रिऐलिटी डांस शो के निर्माता रणजीत ठाकुर बताते हैं, 'मगर अब जब हमने 13 जुलाई को शूटिंग शुरू की, तो सेट पर गिने-चुने लोग थे। पहले सेट पर लाइव ऑडियंस को मिलकर 400-450 लोगों की भीड़ लगी रहती थी, मगर शूटिंग की नई गाइडलाइंस के मुताबिक हम भीड़ इकट्ठा नहीं कर सकते, तो हमें लाइव ऑडियंस को कट करना पड़ा है। आपको ऑडियंस के रूप में क्रू मेंबर्स ही देखने को मिले होंगें। हमने एपिसोड्स में साउंड और कुछ दूसरे इफेक्ट्स भी डाले, जिससे लाइव ऑडियंस की कमी पूरी हो सके। निर्माता होने के नाते मुझे बहुत बुरा लगता है कि पहले मेरे सेट के जरिए कई जूनियर आर्टिस्ट को क्राउड या ऑडियंस बनकर डेली वेजेस और खाना-पीना मिल जाता था, मगर हम क्या करें? हम भी गाइडलाइंस के आगे मजबूर हैं। हमें तो सेट, वैनिटी वैन्स समेत हर चीज को सैनिटाइज करना होता है। सेट पर हर डिपार्टमेंट का अलग जोन है और एक जोन का बंदा सेट पर दूसरे जोन में नहीं जा सकता। मुझे इंतजार है कि कब हालात सही हों और हमारी लाइव ऑडियंस शूटिंग पर लौटे।'


500 पर डे पाने वाली लाइव ऑडियंस हो गई बेरोजगार

टीवी और फिल्मों के लिए पिछले 22 सालों से जूनियर आर्टिस्ट सप्लायर का काम करने वाले संतोष सुदाम साबले कहते हैं, 'एक लंबे अरसे से मैं रिऐलिटी शोज के सेट पर जूनियर आर्टिस्ट को भेजने का काम करता रहा हूं। इनमें से कई नॉन-मेंबर भी रहते हैं। कार्ड न होने के कारण इन्हें पर डे 500 से 700 रुपये और खाना-पीना मिल जाया करता था। बदले में इन्हें सेट पर 12 घंटे की शिफ्ट में रहना पड़ता था। लाइव ऑडियंस में एक कैटगिरी मॉडल आर्टिस्ट की भी होती है, जो होस्ट या गेस्ट के आस-पास सजे-धजे मिलते हैं। जैसे कपिल के शो में अर्चना पूरन सिंह के आस-पास बैठनेवाली ऑडियंस उसी कैटेगिरी में आती है। वे ज्यादा ग्लैमरस होते हैं और इसी वजह से उन्हें पर डे 1500 मिल जाते हैं। रिएलिटी शोज की शूटिंग के दौरान लाइव ऑडियंस के रूप में इन जूनियर आर्टिस्ट का महीने में दस दिन का जुगाड़ तो हो ही जाता था, मगर अब ये जूनियर आर्टिस्ट बुरे हाल में हैं। सीरियल्स की शूटिंग में भी इनकी रिक्वायरमेंट कम कर दी गई है।'

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