Delhi Pollution Level / दिल्ली में वायु प्रदूषण 'गंभीर', सुप्रीम कोर्ट ने कहा - अब मास्क भी पर्याप्त नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में गंभीर वायु प्रदूषण पर चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि अब मास्क भी पर्याप्त नहीं हैं। दिल्ली में लगातार तीसरे दिन वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में रही, जिससे स्वास्थ्य जोखिम बढ़ गए हैं और दृश्यता कम हो गई है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक बना हुआ है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता व्यक्त की है। गुरुवार को शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण इतना घातक हो गया है कि अब इससे बचाव के लिए साधारण मास्क भी पर्याप्त नहीं रह गए हैं। यह बयान दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता की गंभीरता को दर्शाता है,। जो निवासियों के स्वास्थ्य और दैनिक जीवन पर गंभीर प्रभाव डाल रही है।

मास्क की अपर्याप्तता और वर्चुअल सुनवाई का सुझाव

जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान यह महत्वपूर्ण टिप्पणी की। जब वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल सहित कुछ वकील अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए, तो जस्टिस नरसिम्हा ने उनसे पूछा कि वे अदालत में क्यों आ रहे हैं, जबकि वर्चुअल सुनवाई की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने वकीलों को इस सुविधा का लाभ उठाने का आग्रह किया और इस पर सिब्बल ने जवाब दिया कि वे मास्क का उपयोग कर रहे हैं। जस्टिस नरसिम्हा ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि "मास्क भी पर्याप्त नहीं हैं। " उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मुद्दे पर मुख्य न्यायाधीश से भी बात करेंगे, जो। इस बात का संकेत है कि अदालत इस गंभीर पर्यावरणीय संकट को कितनी गंभीरता से ले रही है।

लगातार तीसरे दिन 'गंभीर' श्रेणी में वायु गुणवत्ता

सुप्रीम कोर्ट की यह तीखी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब दिल्ली में गुरुवार सुबह धुंध की एक मोटी चादर छाई हुई थी। शहर की वायु गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई, जो कि स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक मानी जाती है और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी सुबह के वायु गुणवत्ता बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 404 दर्ज किया गया। यह आंकड़ा 'गंभीर' श्रेणी में आता है, जिसका अर्थ है कि वायु में प्रदूषकों का स्तर बहुत अधिक है।

स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव

'गंभीर' श्रेणी का AQI स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है और यह विशेष रूप से उन लोगों को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है जिन्हें पहले से ही सांस संबंधी या हृदय संबंधी समस्याएं हैं। वायु में मौजूद सूक्ष्म कण फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और विभिन्न प्रकार की श्वसन बीमारियों, जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य फेफड़ों से संबंधित समस्याओं को बढ़ा सकते हैं। हृदय रोगियों के लिए भी यह स्थिति खतरनाक हो सकती है, क्योंकि प्रदूषित हवा दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकती है। बच्चों और बुजुर्गों पर भी इसका विशेष रूप से बुरा प्रभाव पड़ता है।

दिल्ली के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण का स्तर

सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के 37 निगरानी केंद्रों में से 27 ने AQI का स्तर 'गंभीर' श्रेणी में बताया। कुछ प्रमुख क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर बेहद चिंताजनक रहा। इनमें बुराड़ी (433), चांदनी चौक (455), आनंद विहार (431), मुंडका (438), पूसा (302), बवाना (460) और वजीरपुर (452) शामिल हैं। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि दिल्ली का लगभग हर कोना इस गंभीर वायु संकट से जूझ रहा है। आनंद विहार जैसे भीड़भाड़ वाले और औद्योगिक क्षेत्रों में उच्च प्रदूषण स्तर अपेक्षित। है, लेकिन अन्य आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है।

दृश्यता में भारी गिरावट

राजधानी और आसपास के शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति इतनी गंभीर बनी हुई है कि दृश्यता में भारी गिरावट आई है। सुबह के समय इमारतें और सड़कें मुश्किल से दिखाई दे रही थीं, जिससे यातायात और सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ और धुंध की मोटी परत ने पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया था, जिससे लोगों को बाहर निकलने में परेशानी हो रही थी और उन्हें अपनी आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि दैनिक गतिविधियों को भी बाधित करती है।

तापमान और मौसम की स्थिति

गुरुवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 2. 9 डिग्री कम 10. 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। ठंडे मौसम और हवा की धीमी गति के कारण प्रदूषक तत्व निचले वायुमंडल। में फंस जाते हैं, जिससे धुंध और प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ जाती है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक हवा की गति में सुधार नहीं होता और कोई महत्वपूर्ण मौसमी बदलाव नहीं होता, तब तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार की संभावना कम है और इस प्रकार, दिल्ली के निवासियों को आने वाले दिनों में भी इस गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।