दिल्ली / दिल्ली सरकार ने दी मोबाइल ऐप और वेबसाइट के ज़रिए शराब की होम डिलीवरी की इजाज़त

Zoom News : Jun 01, 2021, 01:24 PM
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने कई वर्षों के बाद अंततः राजधानी में ऑनलाइन वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप के माध्यम से भारतीय और विदेशी शराब की होम डिलीवरी की अनुमति दे दी है, इसके लिए एक स्पष्ट कानूनी प्रावधान किया गया है।

दिल्ली सरकार ने संशोधित आबकारी नियम के अधीन शराब की होम डिलीवरी की अनुमति दे दी है। दिल्ली उत्पाद शुल्क (संशोधन) नियम, 2021 सोमवार को अधिसूचित किया गया, जिसके अनुसार, लाइसेंस धारकों को ऐप या वेबसाइट के माध्यम से खरीदी गई शराब की होम डिलिवरी की अनुमति दे दी गई है। नियम आवश्यक लाइसेंस धारकों को खुली जगहों जैसे छतों, क्लबों के आंगनों, बार और रेस्टोरेंट्स में शराब परोसने की भी अनुमति देते हैं।

हिन्दुस्तान टाइम्स ने 27 मई को अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि नए नियम और दिल्ली एक्साइज पॉलिसी, 2021 को उपराज्यपाल (एलजी) से आवश्यक मंजूरी मिल गई है और सभी अधिसूचित होने के लिए तैयार हैं।

वरिष्ठ आबकारी अधिकारियों ने बताया कि नया नियम किसी भी खुदरा शराब विक्रेता को उपभोक्ता के घर पर शराब पहुंचाने का अधिकार नहीं देता है। “केवल एक विशेष प्रकार के लाइसेंस धारक को शराब की होम डिलीवरी करने की अनुमति होगी। दिल्ली में अभी हमने केवल एल-13 लाइसेंस धारकों को ही शराब की होम डिलीवरी की अनुमति दी है। एक वरिष्ठ आबकारी अधिकारी ने अपना नाम न बताते हुए कहा कि यह कोई नई लाइसेंस कैटेगिरी नहीं है, जिसे बनाया गया है। एल -13 परमिट पिछले एक्साइज पॉलिसी नियमों में भी मौजूद थे, लेकिन अब तक शायद ही ऐसा कोई लाइसेंस जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि शराब केवल फैक्स या ईमेल के माध्यम से घरों तक पहुंचाई जा सकती है।

एचटी द्वारा देखे गए नए एक्साइज नियमों में कहा गया है कि एल -13 लाइसेंसधारक शराब विक्रेता मोबाइल ऐप या ऑनलाइन वेब पोर्टल के माध्यम से ऑर्डर प्राप्त कर भारतीय शराब और विदेशी शराब की होम डिलीवरी कर सकेंगे। लाइसेंसधारी केवल मोबाइल ऐप या ऑनलाइन वेब पोर्टल के माध्यम से ऑर्डर मिलने के बाद ही ही घरों में शराब की डिलीवरी करेगा और किसी भी हॉस्टल, ऑफिस और शिक्षण संस्थान को कोई डिलीवरी नहीं की जाएगी।

गौरतलब है कि कोरोना की सेकेंड वेव के दौरान दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा के बाद शराब निर्माता कंपनियों ने अप्रैल महीने दिल्ली सरकार से घरों पर शराब की डिलीवरी करने की अनुमति मांगी थी। उनका कहना था कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लॉकडाउन की घोषणा के बाद शराब की दुकानों पर पीने वालों की लंबी कतारें लग गई थीं।

शराब बनाने वाली घरेलू कंपनियों के संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि मुंबई में कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं, लेकिन राज्य सरकार ने शराब की डिलीवरी घर तक करने की अनुमति दी है।

सीआईएबीसी के अनुसार, करीब एक सप्ताह के लॉकडाउन की घोषणा के बाद दिल्ली में शराब की दुकानों पर काफी भीड़ देखी गई। संगठन के महानिदेशक विनोद गिरी ने कहा कि हमने दिल्ली में जो देखा, वह लोगों के बीच घबराहट का नतीजा था। यह लोगों के जेहन में पिछले साल के लॉकडाउन की याद का परिणाम है। देशभर में लाखों लोग शराब पीते हैं और वे नहीं चाहते कि उन्हें उससे वंचित होना पड़े।

सीआईएबीसी ने उम्मीद जताई कि लोग और शराब दुकानदार कोविड की रोकथाम से जुड़े व्यवहार यानी मास्क लगाना और उचित दूरी समेत अन्य जरूरी उपायों का पालन करेंगे।

इससे पहले मार्च महीने में दिल्ली कैबिनेट ने शराब पीने की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष करने की नई नीति को मंजूरी दी थी। शराब पीने की उम्र कम करने के लिए विपक्ष ने AAP सरकार पर हमला बोला था। विपक्ष का कहना था कि नई आबकारी नीति दिल्ली को "नशे की राजधानी" बना देगी।

दिल्ली में 863 शराब की दुकानें हैं जिनमें से 475 दुकानें चार सरकारी निगमों - दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DSIIDC), दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DTTDC), दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन (DSCSC) और दिल्ली कंज्यूमर कोऑपरेटिव होलसेल स्टोर (DCCWS) द्वारा संचालित हैं, जबकि 389 दुकानें निजी व्यक्तियों के स्वामित्व में हैं। इन 389 निजी दुकानों में से, लगभग 150 शॉपिंग मॉल में स्थित हैं।

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