छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने। पुलिस विभाग के भीतर आचरण और अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रायपुर एयरपोर्ट पर ऑन-ड्यूटी थाना प्रभारी मनीष तिवारी द्वारा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र। कृष्ण शास्त्री के पैर छूने का मामला अब प्रशासनिक कार्रवाई तक पहुंच गया है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल संज्ञान लेते हुए TI मनीष तिवारी को लाइन अटैच कर दिया है। यह कार्रवाई वर्दी की गरिमा और पुलिस सेवा नियमों के उल्लंघन के आरोप में की गई है।
घटना का विस्तृत विवरण
जानकारी के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री। अपनी कथा के लिए रायपुर पहुंचे थे और एयरपोर्ट पर उनका आगमन हुआ। एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था और प्रोटोकॉल के तहत ऑन-ड्यूटी पर तैनात थाना प्रभारी मनीष तिवारी ने पहले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को विधिवत सलामी दी। सलामी देने के तुरंत बाद, उन्होंने झुककर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पैर छू लिए। यह पूरा घटनाक्रम किसी व्यक्ति द्वारा अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया गया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट कर दिया गया और देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया और इसने पुलिस प्रशासन के भीतर और आम जनता के बीच एक बड़ी बहस छेड़ दी। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि एक वर्दीधारी अधिकारी अपनी ड्यूटी के दौरान एक धार्मिक गुरु के प्रति व्यक्तिगत श्रद्धा व्यक्त कर रहा है, जो कि सेवा नियमों के विपरीत है।
प्रशासनिक कार्रवाई और उसके कारण
वीडियो वायरल होने के बाद, पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों पर सवाल उठने लगे। पुलिस विभाग के नियमों के अनुसार, एक वर्दीधारी अधिकारी का ड्यूटी के दौरान इस तरह किसी धार्मिक गुरु या किसी भी व्यक्ति के पैर छूना वर्दी की गरिमा और सेवा नियमों के खिलाफ माना जाता है और पुलिस बल को निष्पक्ष और तटस्थ रहने की अपेक्षा की जाती है, और ड्यूटी के दौरान व्यक्तिगत आस्था का प्रदर्शन आधिकारिक आचरण के साथ टकराव पैदा करता है। इसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया और नियमों के उल्लंघन के आधार पर TI मनीष तिवारी को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। लाइन अटैच का मतलब है कि अधिकारी को फील्ड ड्यूटी से हटाकर मुख्यालय में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया जाता है, और यह एक प्रारंभिक अनुशासनात्मक कार्रवाई होती है।
पुलिस महकमे का संदेश
इस कार्रवाई को वर्दी के सम्मान और पुलिस बल की निष्पक्षता बनाए रखने की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस महकमे ने इस कार्रवाई के माध्यम से यह साफ संकेत दिया है कि ड्यूटी के दौरान व्यक्तिगत आस्था और आधिकारिक आचरण की सीमाएं स्पष्ट रूप से तय हैं और उनका उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस अधिकारी सार्वजनिक सेवा में होते हैं और उनकी हर गतिविधि जनता की नजर में होती है। ऐसे में, उनके आचरण से विभाग की छवि प्रभावित होती है और यह घटना अन्य अधिकारियों के लिए भी एक चेतावनी है कि वे अपनी ड्यूटी के दौरान पेशेवर आचरण बनाए रखें और व्यक्तिगत भावनाओं को आधिकारिक जिम्मेदारियों से अलग रखें।
धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता और उनके विचार
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री देश भर में लाखों अनुयायियों के साथ एक लोकप्रिय धार्मिक गुरु हैं और उनकी कथाओं में भारी भीड़ उमड़ती है, और वे अक्सर विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करते रहते हैं। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके आगमन पर एयरपोर्ट पर इतनी भीड़। जमा हो जाती है और अधिकारी भी उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने से खुद को रोक नहीं पाते। हाल ही में, धीरेंद्र शास्त्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का मुद्दा भी उठाया था, जिस पर उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त की थी।
बांग्लादेशी हिंदुओं पर धीरेंद्र शास्त्री का बयान
धीरेंद्र शास्त्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। उन्होंने कहा था कि भारत सरकार को बांग्लादेश में हिंदुओं। के लिए कुछ अहम कदम उठाना जरूरी हो गया है। उनके अनुसार, अगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो बांग्लादेश में हिंदुओं की पहचान खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर हम अभी उनकी सहायता नहीं करते हैं, तो हिंदू एकता का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। धीरेंद्र शास्त्री ने बांग्लादेशी हिंदुओं की रक्षा की वकालत की और सुझाव दिया कि यहां रहने वाले बांग्लादेशियों की जगह पर बांग्लादेशी हिंदुओं को भारत में स्थान देना चाहिए और यह बयान उनके सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है, जो उनके अनुयायियों के बीच उनकी अपील का एक और कारण है। यह घटना जहां एक ओर पुलिस अनुशासन पर सवाल उठाती है, वहीं दूसरी ओर एक धार्मिक गुरु के बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाती है।