Condoms / महिलाओं और पुरुषों के कंडोम में अंतर, कौन-सा होता है सबसे सुरक्षित

Zoom News : Feb 12, 2021, 09:37 AM
आज के समय में लोग शारीरिक संबंध बनाने के लिए कंडोम का इस्तेमाल किया करते हैं। यह काफी सुरक्षित भी है और गर्भधारण करने से इससे बचा भी जा सकता है। शादी के बाद भी अक्सर लोग अब कंडोम का इस्तेमाल करने लगे हैं। पहले की तुलना में अब लोग शादी के बाद तुरंत ही बच्चों की नहीं सोचते बल्कि वह तब बच्चों की प्लानिंग करते हैं जब वह पूरी तरह से इसके लिए तैयार हो जाते हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि लोग शादी के बाद भी शारीरिक संबंध नहीं बनाते बल्कि अब लोग कंडोम का इस्तेमाल करने लगे हैं जिससे कई बचाव होते हैं।

कंडोम के बारे में बात की जाए तो यह अब महिलाओं के लिए भी सामान्य बात हो गई है। अब महिलाओं के लिए भी कंडोम बनने लगे हैं जिसे महिलाएं उपयोग भी करती हैं। यह काफी सेफ माना जाता है जिसके कारण लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि पुरुषों के कंडोम में और महिलाओं के कंडोम में क्या फर्क है? अगर नहीं, तो आज हम आपको बताएंगे कि इन दोनों ही तरह के कंडोम में क्या फर्क होता है?

इसलिए बनाया फीमेल कंडोम

बहुत-से लोगों को तो यह तक नहीं पता होता कि महिलाओं के भी कंडोम बाजार में बिकने लगे हैं। लेकिन इस बात का पता हमें जरूर होना चाहिए। कंडोम एक ऐसी चीज है जो हमें कई तरह के संक्रमण से बचाती है। महिलाओं की योनि में किसी भी तरह का कोई संक्रमण न फैले, इसके लिए महिला कंडोम बनाया गया।

महिला और पुरुष कंडोम में अंतर

महिला और पुरुष कंडोम में अगर सामान्य अंतर की बात की जाए, तो पुरुषों का जो कंडोम होता है वह लेटेक्स, पॉलीयुरेथेन, पॉलीआईसोप्रेन से बनाया जाता है जिसे उस समय पहना जाता है जब आपके पेनिस में इरेक्शन हो। वहीं, महिलाओं का कंडोम पॉलीयुरेथेन या नाइट्राइल से बनाया जाता है, जिससे महिलाओं की योनि की रक्षा होती है और इससे अनचाही प्रेग्नेंसी से बचाव होता है। महिलाओं का कंडोम एक पाउच की तरह होता है जिसके अंदर दो सिरे पाए जाते हैं। इस पाउच का एक सिरा बंद होता है और दूसरा सिरा खुला हुआ होता है। इन दोनों पर 2 छल्ले होते हैं जिसे आप आसानी से अपनी योनि में लगा सकते हैं। जो अंदरूनी छल्ला होता है उसे योनि के अंदर डालना होता है।

एलर्जी होने का खतरा

दूसरी और जो पुरुषों का कंडोम होता है, वह पुरुषों के लिंग को ढंककर रखता है। जहां से स्पर्म भी बाहर नहीं जा सकता। इन कंडोम से महिलाओं की जननांगों की रक्षा भी होती है। वहीं, महिलाओं का कंडोम उसके जननांगों को पूरी तरह से ढंककर रखता है। इसमें जब लिंग का प्रवेश किया जाता है तो वह बिल्कुल सुरक्षित होता है। हालांकि, अगर पुरुषों के कंडोम की बात की जाए तो यह लेटेक्स से बना हुआ होता है जिससे एलर्जी होने का खतरा बढ़ता है। लेकिन जो महिलाओं का कंडोम होता है वह हाइपोएलर्जिक होता है जिससे एलर्जी नहीं होती।

महिला और पुरुष कंडोम का इस्तेमाल

जैसा कि हमने आपको बताया कि पुरुषों के कंडोम का उसी समय इस्तेमाल किया जाता है जब पेनिस में इरेक्शन हो। लेकिन जो महिलाएं होती हैं वह कंडोम को सेक्स करने के काफी पहले लगा सकती हैं। कहा जाता है कि महिलाएं 8 घंटे पहले भी कंडोम को अपनी योनि में लगा सकती हैं।

कौन-सा कंडोम है ज्यादा सेफ

अब सवाल यह उठता है कि कौन-सा कंडोम सुरक्षित होता है? माना जाता है कि पुरुषों के कंडोम 98% सेफ होते हैं और महिलाओं के कंडोम होते हैं वह 95% सेफ माने जाते हैं। वहीं, पुरुषों के कंडोम में पानी वाला लुब्रिकेंट होता है, जबकि महिलाओं के कंडोम पानी वाले लुब्रिकेंट से बनते हैं या फिर ऑयल वाले लुब्रिकेंट से बनाए जाते हैं। जो पुरुषों का कंडोम होता है वह काफी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन महिलाओं के कंडोम को इस्तेमाल करना पुरुषों के कंडोम के मुताबिक थोड़ा मुश्किल होता है।

पुरुषों के कंडोम से ज्यादा महंगे

पुरुषों के जो कंडोम होते हैं वह आसानी से किसी भी मेडिकल स्टोर पर मिल जाते हैं। साथ ही यह कंडोम सस्ते भी होते हैं। अगर महिलाओं के कंडोम की बात की जाए तो यह हर मेडिकल स्टोर पर नहीं मिल पाते हैं। इसका कारण यह है कि अभी तक महिलाओं के कंडोम के बारे में हर किसी को नहीं पता चला है। साथ ही यह कंडोम पुरुषों के कंडोम से ज्यादा महंगे भी होते हैं।

फीमेल कंडोम का एक ही साइज

पुरुषों के कंडोम में खास बात यह भी होती है कि उनमें कई तरह के साइज होते हैं, साथ ही कई तरह के फ्लेवर भी पाए जाते हैं। लेकिन फीमेल कंडोम का एक ही साइज होता है और यह रंगीला नहीं होता।

अनचाही प्रेगनेंसी को रोकते हैं

दोनों की उपयोगिता के बारे में बात की जाए तो दोनों का असर एक ही होता है। यह दोनों ही कंडोम अनचाही प्रेगनेंसी को रोकते हैं और साथ ही यह कंडोम कई तरह के संक्रमण से भी बचाव करते हैं। दोनों ही तरह के कंडोम का इस्तेमाल एक बार किया जाना चाहिए और इसे बार-बार इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

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