देश / डीआरडीओ ने तैयार किया खास हथियार, एक मिनट में करेगी 700 राउंड फायर

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने कार्बाइन के फाइनल ट्रायल को पूरा कर लिया है। डीआरडीओ के मुताबिक यह अब सेना के उपयोग के लिए तैयार है। यह वही 'कार्बाइन गन' है जो 700 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर कर सकती है। डीआरडीओ के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि पिछले हफ्ते रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने कहा कि कार्बाइन विकसित की गई है।

नई दिल्ली | रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने कार्बाइन के फाइनल ट्रायल को पूरा कर लिया है। डीआरडीओ के मुताबिक यह अब सेना के उपयोग के लिए तैयार है। यह वही 'कार्बाइन गन' है जो 700 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर कर सकती है। 

दरअसल, डीआरडीओ के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि पिछले हफ्ते रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने कहा कि कार्बाइन विकसित की गई है। सेना द्वारा परीक्षणों के अंतिम चरण को भी पूरा कर लिया गया और यह उपयोग के लिए तैयार है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, सेना के फाइनल परीक्षण के बाद अब इसे CRPF, BSF और राज्य पुलिस बलों के बेड़े में शामिल किया जा सकता है। यहां कार्बाइन शस्त्रागारों को आधुनिक और नई तकनीक से लैस करेगी। इसके साथ ही यह मौजूदा समय में सेना द्वारा इस्तेमाल हो रही 9 एमएम कार्बाइन की जगह लेगी।

डीआरडीओ ने बताया कि जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन कम रेंज के ऑपरेशन्स के लिए एक खास हथियार है। इसकी खासियत है कि लगातार गोलीबारी के दौरान सैनिक इसे आराम से संभाल सकते है। ये इतनी हल्की है कि जवान केवल एक हाथ से भी आराम से फायरिंग कर सकते हैं।  

जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन यानि जेपीवीसी एक गैस चालित सेमी ऑटोमेटिक हथियार है। डीआरडोओ की पुणे स्थित लैब आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट में इसका डिजाइन तैयार किया गया है।

दिलचस्प बात ये है कि कार्बाइन 700 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर कर सकती है। यह बिना किसी को नुकसान पहुंचाए टारगेट पर हमला कर सकती है। इस कार्बाइन के लिए गोलियां पुणे की एम्यूशन फैक्ट्री में तैयार होंगी।