देश / ई-एजेंडा: आयुर्वेद के इन तीन तरीकों से बढ़ा सकते हैं इम्युनिटी, हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया

चीन के वुहान से दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के भारत में दस्तक देने के साथ ही ये बहस शुरू हो गई थी कि क्या इस वायरस से निपटने के लिए कोई वैकल्पिक पद्धति हो सकती है। कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है, ऐसे में क्या आयुर्वेद के तरीके असरदार साबित होंगे?

AajTak : Apr 25, 2020, 04:00 PM
दिल्ली: चीन के वुहान से दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के भारत में दस्तक देने के साथ ही ये बहस शुरू हो गई थी कि क्या इस वायरस से निपटने के लिए कोई वैकल्पिक पद्धति हो सकती है। कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है, ऐसे में क्या आयुर्वेद के तरीके असरदार साबित होंगे? आज तक के ई-एजेंडा कार्यक्रम के 'चीनी वायरस, देसी इलाज' सत्र में आयुर्वेद के विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आयुर्वेदिक पद्धति की भूमिका को लेकर चर्चा की। हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया कि कैसे किचन की कुछ चीजें भी शरीर को अंदर से मजबूत बनाने का काम करती हैं।

आयुर्वेदिक तरीके से इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं?

जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ। प्रताप चौहान ने बताया कि आयुर्वेद में महामारी को लेकर पूरा एक अध्याय लिखा हुआ है जिसमें बताया गया है कि महामारी की उत्पत्ति कब होती है और इसके आने पर हम उससे किस तरह से लड़ें। आयुर्वेद की एक खास बात ये भी है कि इसमें हर व्यक्ति की आयु, खान-पान और उसकी लोकेशन को भी ध्यान में रखा जाता है। उन्होंने बताया कि इम्युनिटी की बात करें तो च्वयनप्राश का नाम सबसे पहले आता है। च्वयनप्राश हमारे फेफड़ों के लिए बहुत फायदेमंद है। डॉक्टर चौहान ने कहा कि लोगों का रूझान अब तेजी से आयुर्वेद की तरफ बढ़ रहा है।

काम का है आयुष काढ़ा, हो रहा लोकप्रिय

डॉक्टर चौहान ने कहा कि कोरोना से बचने के लिए अब ज्यादातर लोग घरों में आयुष काढ़ा बना रहे हैं। उन्होंने इसे बनाने की विधि भी बताई। डॉक्टर चौहान ने बताया कि एक कप पानी में चार तुलसी के पत्ते, दो काली मिर्च, अदरक, दालचीनी और मुनक्का डालकर पानी को उबाल लें। इसे मीठा करने के लिए इसमें गुड़ या शहद भी डालें। इसे दिन में दो बार पीने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है। इसके अलावा हल्दी दूध का भी सेवन करें।

नाक में तेल डालें, तिल के तेल से करें कुल्ला

डॉक्टर चौहान ने बताया कि नाक में तेल डालने से भी शरीर रोगमुक्त रहता है। दोनों नासिका छिद्रों में दो बार तिल का तेल डालें। डॉक्टर चौहान ने तिल के तेल से कुल्ला करने को भी कहा है। इसे भी दिन में दो बार करना है। उन्होंने कहा कि अगर नैसल मेंब्रेन और माउथ कैप्टिविटी लुब्रिकेटेड रहते हैं तो उससे किसी भी तरह के रोगाणु हमला नहीं कर सकते हैं।

आपको बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी ने भी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोगों से आयुष मंत्रालय के निर्देशों का पालन करने को कहा था। इसके अलावा आयुष मंत्रालय की तरफ से भी एक सेल्फ केयर गाइडलाइन जारी की गई थी।