समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान पर तीखा तंज कसा है, जिसमें उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान लगभग चार करोड़ मतदाताओं की संख्या में कमी आने का दावा किया था. अखिलेश यादव ने सीएम योगी के इस दावे को भाजपा की संभावित चुनावी हार से जोड़ते हुए कहा कि मतदाता सूची से हटाए गए 85-90 प्रतिशत मतदाता भारतीय जनता पार्टी के ही थे, जिसका सीधा मतलब है कि सारी गड़बड़ी भाजपा के वोटर ही कर रहे थे.
सीएम योगी का मतदाता सूची में कमी का दावा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि एसआईआर के बाद राज्य में मतदाताओं की संख्या में करीब चार करोड़ की कमी आई है और उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के हर व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में होना चाहिए, जिसके अनुसार उत्तर प्रदेश में मतदाताओं की संख्या 16 करोड़ होनी चाहिए थी. हालांकि, एसआईआर के बाद मतदाता सूची में केवल 12 करोड़ नाम ही दर्ज किए गए हैं, जिससे 4 करोड़ का अंतर सामने आया है. सीएम योगी ने यह भी कहा कि जनवरी 2025 की मतदाता सूची में. कुल 15 करोड़ 44 लाख नाम थे, लेकिन अब यह संख्या घट गई है. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि वे हर बूथ पर जाकर पात्र मतदाताओं के नाम सूची में जुड़वाएं, क्योंकि उनके अनुसार इस 4 करोड़ के अंतर में से 85 से 90 प्रतिशत भाजपा के ही मतदाता हैं.
अखिलेश यादव का तीखा पलटवार
सीएम योगी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद यह स्वीकार कर रहे हैं कि जो 4 करोड़ मतदाता एसआईआर के दौरान वोटर लिस्ट में शामिल नहीं किए गए हैं, उनमें से 85-90 प्रतिशत भाजपा के वोटर हैं. यादव ने इस बात का पहला मतलब यह निकाला कि पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) प्रहरी के चौकन्ने रहने से भाजपाइयों का मनमाफिक जुगाड़ नहीं हो पाया. उन्होंने आगे कहा कि वोटर लिस्ट में साक्ष्यों के अभाव में हटाए गए 85-90% वोटर भाजपा के निकले, जिसका स्पष्ट अर्थ है कि सारी गड़बड़ी भाजपा के वोटर ही कर रहे थे.
'पीडीए प्रहरी' की भूमिका
अखिलेश यादव ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए 'पीडीए प्रहरी' की भूमिका पर जोर दिया और उन्होंने कहा कि पीडीए प्रहरी की सतर्कता और सक्रियता के कारण ही मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की मनमानी या गड़बड़ी को अंजाम नहीं दिया जा सका. उनके अनुसार, यह पीडीए की एकजुटता और चौकसी का ही परिणाम है कि भाजपा अपने मनमुताबिक मतदाताओं को. सूची में शामिल कराने या हटाने में सफल नहीं हो पाई, जिससे उनकी चुनावी रणनीति को झटका लगा है. यह दर्शाता है कि जमीनी स्तर पर पीडीए के कार्यकर्ता कितने सजग हैं.
2027 विधानसभा चुनावों पर असर
सपा अध्यक्ष ने सीएम योगी के आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए भाजपा के लिए एक गणितीय निष्कर्ष निकाला. उन्होंने कहा कि यदि 4 करोड़ मतदाताओं में से कम से कम 85% भी भाजपा के मतदाता थे, तो इसका मतलब है कि 3 करोड़ 40 लाख (3,40,00,000) भाजपा के मतदाता कम हो गए हैं. इस आंकड़े को उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर विभाजित करने. पर, प्रत्येक सीट पर भाजपा को लगभग 84,000 वोटों का नुकसान हुआ है. अखिलेश यादव ने जोर देकर कहा कि ये वे मतदाता थे जो दरअसल जायज वोटर नहीं थे और जिन्हें सूची से हटाया जाना सही था.
अखिलेश यादव ने इस गणितीय विश्लेषण के आधार पर भविष्यवाणी की कि भाजपा आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव में 'रेस से ही बाहर' हो जाएगी. उन्होंने कहा कि 3 करोड़ 40 लाख मतों का यह नुकसान भाजपा. के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगा, जिसे वह पार नहीं कर पाएगी. यादव ने दावा किया कि भाजपा की हार का यह गणित और पीडीए की जीत का अंकगणित, आकांक्षा और अपनी पीडीए सरकार बनाने के लिए पीडीए की एकजुटता देखकर भाजपा और उनके प्रत्यक्ष सहयोगी, साथ ही पिछले दरवाजे से साथ निभाने वाले अन्य दलों से टिकट मांगने वाले प्रत्याशी या उम्मीदवार ही नहीं होंगे और यह बयान भाजपा के मनोबल को तोड़ने और पीडीए कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने का प्रयास प्रतीत होता है.
चुनाव आयोग पर आरोप
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग द्वारा सत्ताधारी दल (भाजपा) के नुकसान को देखकर ही एसआईआर फॉर्म जमा करने के लिए 14 दिन का समय बढ़ाया गया है और उनके अनुसार, यह कदम भाजपा को अपने 'खोए हुए' मतदाताओं को फिर से सूची में शामिल कराने का अवसर देने के लिए उठाया गया है. हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि पीडीए प्रहरी अब दोगुनी सजगता से काम करेंगे और किसी भी गड़बड़ी को नहीं होने देंगे. यादव ने कहा कि हर एक पीडीए प्रहरी चुनाव आयोग के अधिकारियों से कहेगा, 'तू जहां-जहां चलेगा मेरा साया साथ होगा', जो उनकी कड़ी निगरानी का प्रतीक है.
पीडीए की दोगुनी सजगता
अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग द्वारा समय बढ़ाए जाने के बावजूद, पीडीए के कार्यकर्ता और भी अधिक सतर्कता के साथ काम करेंगे और उनका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता सूची में कोई भी अवैध नाम शामिल न हो और कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए. यह बयान आगामी चुनावों के मद्देनजर मतदाता सूची के महत्व. और उस पर होने वाली राजनीतिक खींचतान को उजागर करता है. सपा अध्यक्ष ने यह भी संकेत दिया कि पीडीए की एकजुटता और जमीनी स्तर पर उनकी सक्रियता भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती बनेगी, और वे किसी भी कीमत पर चुनावी प्रक्रिया में धांधली नहीं होने देंगे.