हिजाब विवाद / कर्नाटक में खुले शिक्षा संस्थान, बुर्के में प्रवेश नहीं दिया, पीएफआई के पोस्टर से सरगर्मी

Zoom News : Feb 16, 2022, 02:58 PM
कर्नाटक में एक सप्ताह चले हिजाब विवाद के दौरान बंद रहे स्कूल-कॉलेज बुधवार से फिर  खुल गए। राज्य की बसवराज बोम्मई सरकार ने दावा किया है कि कुल मिलाकर स्थिति शांतिपूर्ण है। राज्य के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने कहा है कि हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। इस बीच, शिवमोगा शहर में एक मुस्लिम स्कूल के द्वार पर पीएफआई का पोस्टर चस्पा किए जाने से सरगर्मी बढ़ गई। हालांकि प्रशासन ने तत्काल वह पोस्टर हटा दिया। 

बुधवार को भी कर्नाटक के कुछ शिक्षा संस्थानों में युवतियां बुर्का या हिजाब पहनकर पहुंचीं, इसलिए उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। इस पर कुछ देर के लिए बवाल मचने की भी खबर है। समाचार एजेंसी एएनआई से चर्चा में मंत्री ज्ञानेंद्र ने कहा कि राज्य में कुल मिलाकर हालात नियंत्रण में हैं। कुछेक स्थानों पर छात्राओं को हिजाब या बुर्के में प्रवेश नहीं देने की घटनाएं हुईं। हम हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश का पालन करेंगे। यदि कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई होगी। 

हिजाब विवाद पिछले माह कर्नाटक में शुरू हुआ था। इसके बाद यह देश के कई राज्यों में नजर आया। मुस्लिम महिलाएं व छात्राएं जहां अपनी पसंद के पहनावे के अधिकार पर अड़ी हैं वहीं कई संगठनों की राय है कि ड्रेस कोड वाले शिक्षा संस्थानों में हिजाब की इजाजत नहीं दी जा सकती है। 

कर्नाटक हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है। फिलहाल कोर्ट ने न हिजाब, न भगवा दुपट्टा या शॉल पहनकर स्कूल कॉलेज आने की इजाजत दी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य के शिक्षा संस्थानों को फिर खोलने का अंतरिम आदेश दिया है।

बुधवार को कर्नाटक के बीजापुर, कलबुर्गी, विजयपुर में जो छात्राएं बुर्का या हिजाब पहनकर स्कूल कॉलेज पहुंचीं उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। राज्य में सुरक्षा के इंतजाम सख्त कर दिए गए हैं। संवेदनशील व तनावग्रस्त क्षेत्रों में बड़े कार्यक्रमों पर पहले ही पाबंदी लगा दी गई है। 

छात्राएं बगैर हिजाब आने को तैयार नहीं, छुट्टी करना पड़ी

हुबली से खबर है कि लिंगराज अंगाडी एसजेएमवी कॉलेज फॉर वमून की छात्राएं बगैर हिजाब के आने को तैयार नहीं हैं। कॉलेज प्रबंधन ने ड्रेस कोड का पालन करने को कहा। कुछ विद्यार्थी हिजाब पर अड़ गए, इसलिए छुट्टी घोषित करना पड़ी। एक छात्रा ने कहा कि हम कक्षा में जाने के लिए आए थे, लेकिन प्रबंधन ने हिजाब व बुर्के में नहीं आने को कहा। हम बुर्का हटाने को तैयार हैं, लेकिन हिजाब नहीं हटाएंगे। 

पापुलर फ्रंट डे मनाने का आह्वान

उधर, शिवमोगा शहर से खबर मिली है कि वहां मौलाना अब्दुल कलाम आजाद इंग्लिश मीडियम स्कूल के प्रवेश द्वार पर पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) का एक पोस्टर चिपका दिया गया। प्रशासन ने ताबड़तोड़ उसे हटा दिया। इस पोस्टर में पीएफआई ने पापुलर फ्रंट डे मनाने का आह्वान किया है। 

क्या है पीएफआई

PFI एक विवादास्पद संगठन है। इस पर उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश और कई राज्यों में बैन लगाने की मांग उठ चुकी है। पहले यह सीएए आंदोलनों में जुटा था और अब हिजाब विवाद में भी इसका नाम आया है। यूपी पुलिस ने पीएफआई के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया था। कहा जाता है कि यह एक कट्टर इस्लामिक संगठन है। एनआईए इसके ISIS और सिमी से संपर्कों की जांच कर रहा है। पीएफआई के बारे में कहा जाता है कि उसका केरल मॉड्यूल ISIS के लिए काम करता था। 

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