Tripura Assembly Election / इस राज्य में होने वाले हैं 1 साल में चुनाव, NDA से जुड़े 5 MLA ने छोड़ी पार्टी; विरोधी हैरान

Zoom News : Oct 19, 2022, 10:28 AM
Tripura Assembly Election: त्रिपुरा में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.लेकिन उससे पहले NDA के लिए सियासी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. 5 विधायक पार्टी और गठबंधन का दामन छोड़ चुके हैं. इसी को लेकर त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने सत्ताधारी पार्टी पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी उन दलों को एकजुट रखने में नाकाम हो गई है, जिन्होंने 2018 में राज्य में वाम मोर्चे की सरकार गिराई थी.

अगरतला में ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में अब हालात बदल गए हैं और तीन बीजेपी विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और वे अलग-अलग दलों में शामिल हो गए हैं, जबकि आईपीएफटी के दो विधायक टिपरा मोथा में शामिल हो गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि NDA के तीन दल-बदलुओं ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि वे बीजेपी की कार्यशैली से बहुत नाखुश हैं. उन्होंने कहा, आगामी चुनावों को देखते हुए सत्तारूढ़ पार्टी के लिए यह बड़ा झटका है.

IPFT के विधायक ने दिया था इस्तीफा

बीते शुक्रवार को त्रिपुरा में आईपीएफटी के विधायक धनंजय त्रिपुरा ने निजी कारणों का हवाला देते हुए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इंडिजीनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) त्रिपुरा में NDA का सहयोगी दल है. विधानसभा अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती ने कहा था कि टिपरा मोथा पार्टी के प्रमुख प्रद्युत किशोर माणिक्य देबबर्मा के साथ आए, धनंजय ने उनसे मुलाकात की और निजी कारणों का हवाला देते हुए त्याग पत्र सौंपा. चक्रवर्ती ने कहा था, चूंकि उन्होंने कानून और प्रक्रिया के तहत त्यागपत्र दिया है, लिहाजा मैंने इसे स्वीकार कर लिया. त्रिपुरा धलाई जिले की राइमा वैली सीट से विधायक थे. 60 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ NDA के पास स्पष्ट बहुमत है. गठबंधन में BJP के 35 जबकि आईपीएफटी के 6 विधायक हैं.

बीजेपी ने महेंद्र सिंह को बनाया चुनाव प्रभारी

बीजेपी ने चुनावों के लिए कमर कस ली है. पार्टी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह को त्रिपुरा के लिए अपना चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है. सिंह बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव रहे हैं और असम में भी पार्टी मामलों के प्रभारी थे. वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं. वह योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे लेकिन इस साल योगी के दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया.

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