अरबपति कारोबारी और टेस्ला व स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया है, जिसने भारत और वैश्विक प्रौद्योगिकी जगत के बीच एक नए सांस्कृतिक सेतु का निर्माण किया है और मस्क ने बताया है कि उनकी पार्टनर शिवोन जिलिस से हुए उनके एक बेटे का मध्य नाम 'शेखर' है। यह नाम किसी और के सम्मान में नहीं, बल्कि प्रसिद्ध भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक और भौतिकी के नोबेल पुरस्कार विजेता सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर के सम्मान में रखा गया है। यह घोषणा ज़िरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत के पॉडकास्ट 'पीपुल बाय डब्ल्यूटीएफ'। पर एक साक्षात्कार के दौरान की गई, जिसने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं।
वैज्ञानिक प्रतिभा को श्रद्धांजलि: सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर की विरासत
'शेखर' नाम का चुनाव एक गहरी श्रद्धांजलि है, जो विज्ञान और बौद्धिक उत्कृष्टता के प्रति मस्क के सम्मान को दर्शाता है। सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर एक असाधारण खगोल भौतिक विज्ञानी थे, जिन्हें 1983 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। उन्हें यह सम्मान "तारों की संरचना और विकास के लिए महत्वपूर्ण भौतिक प्रक्रियाओं पर उनके सैद्धांतिक अध्ययनों" के लिए मिला था और चंद्रशेखर का कार्य खगोल भौतिकी के क्षेत्र में मौलिक था और इसने ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ को गहरा किया। एक बच्चे का नाम ऐसे महान वैज्ञानिक के नाम पर रखना न केवल उनकी विरासत का सम्मान करता है, बल्कि अगली पीढ़ी में वैज्ञानिक जिज्ञासा और अन्वेषण की भावना को भी बढ़ावा देता है। यह कदम मस्क के अपने बच्चों में ज्ञान और खोज के प्रति प्रेम को विकसित करने की इच्छा को भी दर्शाता है।
शिवोन जिलिस: एक प्रौद्योगिकी नेता और भारतीय विरासत
एलन मस्क ने अपनी पार्टनर शिवोन जिलिस के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि जिलिस आधी भारतीय हैं, हालांकि उन्हें बचपन में ही गोद ले लिया गया था और उनका पालन-पोषण कनाडा में हुआ। मस्क ने कहा, "मुझे लगता है कि उनके पिता विश्वविद्यालय में पढ़ने आए थे, या कुछ ऐसा ही रहा होगा। मुझे इसकी पूरी जानकारी नहीं है। उन्हें (जिलिस) गोद लिया गया है। " जिलिस स्वयं प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में एक प्रभावशाली हस्ती हैं। उन्होंने येल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की है और अपनी अकादमिक यात्रा के दौरान आइस हॉकी टीम में गोलकीपर भी रही हैं। उनके पेशेवर करियर में आईबीएम और ब्लूमबर्ग जैसी कंपनियों में काम करना शामिल है, जिसके बाद उन्होंने वेंचर कैपिटल में कदम रखा। 2016 में, उन्होंने एआई पर अपना ध्यान केंद्रित किया और ओपनएआई से जुड़ीं, जहां वह बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की सबसे युवा सदस्य बनीं। वर्तमान में, वह मस्क की कंपनी न्यूरालिंक में 'ऑपरेशन्स और स्पेशल प्रोजेक्ट्स' की निदेशक हैं, जो उनके तकनीकी कौशल और नेतृत्व क्षमताओं को उजागर करता है। मस्क और जिलिस के चार बच्चे हैं, जिनमें से एक का नाम 'शेखर' है।
एलन मस्क द्वारा भारतीय पेशेवरों की सराहना
इसी पॉडकास्ट साक्षात्कार के दौरान, एलन मस्क ने संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय पेशेवरों के योगदान की भी जमकर सराहना की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "मेरा मानना है कि अमेरिका को प्रतिभाशाली भारतीयों से बहुत लाभ हुआ है। " यह टिप्पणी भारतीय प्रतिभा के वैश्विक प्रभाव को रेखांकित करती है, विशेष रूप से प्रौद्योगिकी और विज्ञान के क्षेत्रों में। मस्क ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर भी अपनी राय व्यक्त की, जो विदेशी पेशेवरों को अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है। उन्होंने स्वीकार किया कि "यह कहना सही होगा कि एच-1बी कार्यक्रम का कुछ दुरुपयोग हुआ है," लेकिन साथ ही उन्होंने दृढ़ता से कहा, "मुझे नहीं लगता कि हमें एच-1बी कार्यक्रम को बंद कर देना चाहिए। मुझे लगता है कि ऐसा करना वास्तव में बहुत बुरा होगा। " यह बयान अमेरिका की अर्थव्यवस्था और नवाचार के लिए भारतीय पेशेवरों के महत्व को दर्शाता है, और यह भी कि मस्क जैसे उद्योग के नेता इस प्रतिभा पूल को कितना महत्व देते हैं।
विरासत, नवाचार और वैश्विक प्रतिभा का संगम
एलन मस्क के ये खुलासे केवल उनके व्यक्तिगत जीवन के बारे में नहीं हैं, बल्कि ये विरासत, नवाचार और वैश्विक प्रतिभा के व्यापक विषयों को भी छूते हैं। शिवोन जिलिस की भारतीय विरासत, उनके बेटे का नाम एक भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक के सम्मान में रखना, और भारतीय पेशेवरों के प्रति मस्क की। प्रशंसा, ये सभी एक ऐसे विश्व को दर्शाते हैं जहां सीमाएं धुंधली हो रही हैं और प्रतिभा को सार्वभौमिक रूप से सराहा जाता है। यह कहानी प्रौद्योगिकी, विज्ञान और मानव कनेक्शन के एक जटिल जाल को उजागर करती है, जो यह। दर्शाता है कि कैसे व्यक्तिगत संबंध और सांस्कृतिक पहचान वैश्विक नवाचार और प्रगति को प्रभावित कर सकते हैं। यह एक अनुस्मारक है कि दुनिया के सबसे प्रभावशाली दिमाग अक्सर विभिन्न पृष्ठभूमि और संस्कृतियों के। संगम से प्रेरणा लेते हैं, जिससे भविष्य के लिए एक समृद्ध और विविध मार्ग प्रशस्त होता है।