Russia-Ukraine War / यूरोप का यूक्रेन शांति प्लान: ट्रंप के प्रस्ताव को खारिज कर संप्रभुता पर जोर

यूरोपीय देशों ने रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए एक वैकल्पिक 24-प्वाइंट शांति योजना जारी की है, जो अमेरिका के 28-प्वाइंट प्रस्ताव से भिन्न है। यह योजना यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करती है, युद्धविराम के बाद क्षेत्रीय वार्ता का सुझाव देती है, और यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से नहीं रोकती।

यूरोपीय देशों ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम उठाते हुए, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 28-प्वाइंट शांति योजना के विपरीत, एक वैकल्पिक 24-प्वाइंट शांति योजना प्रस्तुत की है और यह नया प्रस्ताव यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को प्राथमिकता देता है, जो अमेरिकी योजना के कुछ विवादास्पद प्रावधानों को सीधे तौर पर खारिज करता है। यह पहल ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका, यूक्रेन और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के। वार्ताकार जिनेवा में युद्ध के समाधान के लिए एक रूपरेखा पर चर्चा कर रहे थे।

ट्रंप का विवादास्पद 28-प्वाइंट प्लान

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने। के उद्देश्य से एक 28-प्वाइंट का शांति प्लान जारी किया था। इस योजना में यूक्रेन से रूस को कुछ क्षेत्र सौंपने, अपनी सैन्य क्षमता को सीमित करने और कथित युद्ध अपराधों के लिए मॉस्को पर कार्रवाई नहीं करने की मांग की गई थी। इस प्रस्ताव ने कई यूरोपीय अधिकारियों को चौंका दिया था, क्योंकि इसमें यूक्रेन से ऐसी रियायतें मांगी गई थीं जो उसकी संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ मानी जा सकती हैं। यह योजना युद्ध के मूल कारणों और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों पर कम और त्वरित समाधान पर अधिक केंद्रित प्रतीत होती थी, भले ही उसकी कीमत यूक्रेन को चुकानी पड़े।

यूरोपीय संघ का वैकल्पिक प्रस्ताव: संप्रभुता का सम्मान

यूरोपीय देशों द्वारा तैयार किया गया वैकल्पिक 24-प्वाइंट प्रस्ताव अमेरिकी मसौदे में मांगी गई रियायतों को स्पष्ट रूप से खारिज करता है और यह योजना ऐसे सिद्धांतों को प्रस्तुत करती है जो यूक्रेन के हितों के साथ अधिक मेल खाते हैं और उसकी संप्रभुता को अक्षुण्ण रखने पर जोर देती है। यूरोपीय अधिकारियों ने मूल अमेरिकी दस्तावेज से असहमत होकर तुरंत अपनी खुद की योजना प्रकाशित। की, यह दर्शाता है कि वे यूक्रेन के भविष्य के लिए एक अलग दृष्टिकोण रखते हैं। यह प्रस्ताव इस बात पर बल देता है कि किसी भी स्थायी शांति। के लिए यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और राजनीतिक स्वतंत्रता का सम्मान आवश्यक है।

क्षेत्रीय वार्ता और युद्धविराम पर भिन्न दृष्टिकोण

यूरोपीय प्रस्ताव में कहा गया है कि किसी भी क्षेत्रीय वार्ता की शुरुआत केवल युद्धविराम के बाद ही होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, ये वार्ताएं भूमि के किसी पूर्व-निर्धारित हस्तांतरण के बजाय मौजूदा संघर्ष रेखा से शुरू होनी चाहिए और यह अमेरिकी मसौदे के उस प्रावधान से सीधे तौर पर अलग है, जिसमें कथित तौर पर यूक्रेन से पूर्वी डोनबास के उन शहरों से हटने की मांग की गई थी जिन पर वह अभी भी नियंत्रण रखता है। यूरोपीय योजना का यह पहलू यूक्रेन को अपनी भूमि पर नियंत्रण बनाए रखने और बातचीत में एक मजबूत स्थिति। से प्रवेश करने की अनुमति देता है, बजाय इसके कि उसे पहले से ही क्षेत्रीय नुकसान स्वीकार करना पड़े।

नाटो सदस्यता और भविष्य की सुरक्षा

यूक्रेन की भविष्य की सुरक्षा स्थिति के संबंध में भी दोनों योजनाओं में महत्वपूर्ण अंतर है। अमेरिकी प्रस्ताव के विपरीत, यूरोपीय योजना यूक्रेन को भविष्य में नाटो सदस्य बनने से नहीं रोकती है। यह केवल इस बात का उल्लेख करती है कि “वर्तमान में सहयोगियों के बीच इस पर कोई सर्वसम्मति नहीं है और ” यह प्रावधान यूक्रेन के लिए भविष्य में अपनी सुरक्षा गठबंधन चुनने का विकल्प खुला रखता है, जो उसकी संप्रभुता का एक और महत्वपूर्ण पहलू है। अमेरिकी योजना में निहित प्रतिबंधों के विपरीत, यूरोपीय संघ यूक्रेन के आत्मनिर्णय के अधिकार का सम्मान करता है।

सैन्य क्षमता और जापोरिझ्झिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र

सैन्य क्षमता के संदर्भ में, जहां अमेरिका की योजना में कीव को 6 लाख शांतिकालीन सेना रखने की इजाजत थी, वहीं यूरोपीय योजना में 8 लाख सैनिकों तक की शांतिकालीन सेना रखने की अनुमति देने की कल्पना की गई है। यह दर्शाता है कि यूरोपीय संघ यूक्रेन की रक्षात्मक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अधिक लचीला दृष्टिकोण अपनाता है और अन्य प्रस्तावों में जापोरिझ्झिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के नियंत्रण में देना शामिल है और उसके उत्पादन को मॉस्को और कीव के बीच बराबर बांटना। यह महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और ऊर्जा संसाधनों के न्यायसंगत वितरण को सुनिश्चित करने का एक प्रयास है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया और आगे की राह

यह वैकल्पिक योजना तब सामने आई जब अमेरिका, यूक्रेन और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों। के वार्ताकार जिनेवा में फ्रेमवर्क में संशोधन के लिए बातचीत कर रहे थे। दक्षिण अफ्रीका में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में कई यूरोपीय नेताओं ने अमेरिका की तरफ से। पेश किए गए पीस प्लान पर कहा था कि इस योजना पर “अतिरिक्त काम” की जरूरत है। यह टिप्पणी यूरोपीय संघ के अपने वैकल्पिक प्रस्ताव को प्रस्तुत करने के निर्णय का आधार बनी। यूरोपीय संघ का यह कदम रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए एक अधिक संतुलित और न्यायसंगत दृष्टिकोण की तलाश में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भीतर बढ़ती इच्छा को दर्शाता है, जो यूक्रेन की संप्रभुता और दीर्घकालिक स्थिरता को प्राथमिकता देता है। यह कूटनीतिक प्रयास युद्ध को समाप्त करने और क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।