देश / किसानों को मिलेगा इस योजना का लाभ, मवेशी की मौत पर सरकार देगी पैसा, जानें कैसे करें अप्लाई

News18 : Aug 12, 2020, 06:34 AM
Delhi: किसानों के लिए पशु और खेती ही उनकी कमाई का एकमात्र जरिया होता है। किसान फसल को किसी भी प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से बचने के लिए बीमा करवाता है। लेकिन कई बार खेती-किसानी का आधार माने जाने वाले पशुधन के बीमा (Pashu bima yojana 2020) के बारे में सोचते तक नहीं। बीमारी, मौसम या दुर्घटना से होने वाली पशु की मौत से एक किसान को बहुत ज्यादा नुकसान होता है। पशु की मौत से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की पशुधन बीमा योजना है। यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जो देश के 100 चयनित जिलों में क्रियान्वित की गई थी। यह योजना देश के 300 चयनित जिलों में नियमित रूप से चलाया जा रहा है।


प्रीमियम का एक बड़ा हिस्सा केंद्र या राज्य सरकारें करती है वहन-

दूध देने वाली गाय-भैंस की कीमत की बात करें तो आज के समय में अच्छा दूध देनी वाली भैंस की कीमत लाख रुपये से ज्यादा है। वहीं अगर घोड़ा, ऊंट की बात की जाए तो इनकी कीमत कई लाख की होती है। इसलिए जरूरी है कि अन्य सामान की तरह भी पशुधन का बीमा कराया जाए।


हर राज्य में होती है अलग-

बता दें कि राज्य सरकार पशुओं के बीमा के लिए समय-समय पर अलग-अलग योजनाएं निकालती हैं। खास बात ये है कि पशुओं के बीमा के प्रीमियम का एक बड़ा हिस्सा केंद्र या राज्य सरकारें वहन करती हैं। हर राज्य में पशुओं का बीमा प्रीमियम और कवरेज राशि भी अलग-अलग होती है। जैसे- उत्तर प्रदेश में गाय या भेंस के 50,000 बीमा कवरेज के लिए प्रीमियम राशि पशुओं की नस्ल के आधार पर 400 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक है।

जानिए कैसे होगा पशुओं का बीमा

>> किसानों को अपने पशु का इंश्योरेंस करवाने के लिए अपने जिले के पशु चिकित्सालय में बीमा के लिए जानकारी देनी होगी।

>> पशु डॉक्टर और बीमा कंपनी का एजेंट किसान के घर जाकर वहां पशु के स्वास्थ की जांच करता है।

>> पशु के स्वस्थ्य होने पर एक हेल्थ सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।

>> पशु का बीमा करने के दौरान बीमा कंपनी द्वारा पशु के कान में टैग लगाया जाता है।

>> किसान की अपने पशु के साथ एक फोटो ली जाती है। इसके बाद बीमा पॉलिसी जारी की जाती है।

योजना के अंतर्गत देशी/ संकर दुधारू मवेशियों और भैंसों का बीमा उनके वर्तमान बाजार मूल्य पर किया जाता है। बीमा का प्रीमियम 50 प्रतिशत तक अनुदानित होता है। अनुदान की पूरी लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाती है। अनुदान का लाभ प्रत्येक लाभार्थी को 2 पशुओं तक सीमित रखा गया है तथा एक पशु की बीमा अधिकतम 3 साल के लिए की जाती है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER