Cyclone Biparjoy / चक्रवात के बाद बाढ़- मूसलाधार बारिश से डूबा इंडो-पाक का नडाबेट बॉर्डर

Zoom News : Jun 17, 2023, 12:05 AM
Cyclone Biparjoy: बिपरजॉय तूफान के कारण गुजरात में इंडो-पाक बॉर्डर पर स्थित नडाबेट में गुरुवार रात तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हुई। इससे कच्छ के रेगिस्तान में पहली बार बाढ़ आ गई है। नडाबेट पर्यटन स्थल पर लगे सोलर पैनल गिर गए हैं। यहां अब भी 90-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। नडाबेट में अब भी रुक-रुककर बारिश हो रही है।

जामनगर के सीदसर गांव का डैम ओवरफ्लो

जामनगर जिले की कई स्थानीय नदियों में बाढ़ आने से सीदसर गांव के पास स्थित उमिया बांध ओवरफ्लो हो गया है। इसके लिए डैम के आसपास अलर्ट जारी किया गया है। सुबह इस डैम का एक गेट खोल दिया गया। इसके बाद ​​​​​​​उपलेटा तालुका के हरियासन, चरेलिया, खर्चिया, रजपारा, रबारिका और जर गांवों के लोगों को सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं।

अंबाजी में सड़कों पर पानी भरा, पहिए थमे

दांता तालुका के गांवों में चक्रवात बिपरजोय का असर हर तरफ दिखाई दे रहा है। यात्राधाम अंबाजी में रात 8 बजे से तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हुई, जो अब भी रुक-रुककर जारी है। अंबाजी मंदिर के आसपास के इलाकों में पानी भर जाने से श्रद्धालुओं को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। ओवरफ्लो होने के चलते कई सड़कों पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।

संतालपुर के कई इलाके जलमग्न

पाटण जिले की कई तहसीलों में तेज बारिश जारी है। संतालपुर तालुका के कई इलाकों में पानी भर गया है। पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए हैं, जिससे इलाके में अंधेरा छाया है। तेज हवा और बारिश से दर्जनों कच्चे मकान ढह गए हैं। राधनपुर और डालडी गांव में भी भारी तबाही हुई है।

राजकोट में तेज हवाओं के साथ बारिश

राजकोट शहर और जिले के गोंडल, जेतपुर, उपलेटा समेत अन्य इलाकों भी देर रात से तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। इससे कई जगहों पर जलभराव हो गया है। सड़कों पर नदियां बहने जैसा नजारा है। राजकोट शहर के पोपटपारा नाले के उफान पर आने से निचले इलाकों में पानी भर गया है। रेलनगर समेत कई इलाकों का शहर से संपर्क टूट गया है।

बनासकांठा में भी भारी बारिश

बनासकांठा के वाव तालुका के कई गांवों में मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। यहां भी तेज हवाओं के चलते कई कच्चे मकानों की छतें उड़ गई हैं। बिजली गुल होने और गांवों में पानी भरा होने से लोगों के लिए भारी परेशानियां खड़ी हो गई हैं। नदियों के उफान पर होने से कई गांवों का बनासकांठा से संपर्क टूट गया है।

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