जयपुर / कोटा-झालावाड़ में बाढ़ से हालात, मुख्यमंत्री प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करेंगे

Dainik Bhaskar : Sep 16, 2019, 11:42 AM
जयपुर। मध्यप्रदेश से लगे राजस्थान के जिलों में बाढ़ जैसे हालातों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से बात की। गहलोत ने आशा व्यक्त की है कि दोनों राज्यों के बीच समन्वय बना रहेगा एवं प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य में कोई कमी नहीं रहेगी। दोनों राज्यों में उच्च अधिकारियों के स्तर पर बातचीत हो रही है। कोटा, झालावाड़ में हालात विकट हैं तथा यहां सेना, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में लगी हैं। वहीं करौली व धौलपुर में भी हालात नाजुक हैँ।

दोनों राज्यों के मुख्य सचिव, इरिगेशन सेक्रेटरीज और कलेक्टर्स के आपसी समन्वय से व्यवस्था की जा रही है एवं संबंधित जिले संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री ने राजस्थान की सीमा पर स्थित मध्यप्रदेश के जिलों में जलभराव और बरसात की स्थिति और उसके राजस्थान पर पड़ने वाले प्रभाव की भी जानकारी ली। दोनों मुख्यमंत्रियों ने आमजन को कम से कम तकलीफ हो इस के लिए दोनों तरफ के अधिकारियों को आपस में सूचनाएं एक्सचेंज करने और समन्वय बनाए रखने के संबंध में भी चर्चा की। सोमवार को मुख्यमंत्री बूंदी, कोटा, झालावाड़ और धौलपुर का एरियल सर्वे कर हालातों का जायजा लेंगे।

कोटा बैराज से लगातार पानी की निकासी जारी। सोमवार को 19 गेट खोल कर 7 लाख 9 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे चंबल से सटी दर्जनों बस्तियां जलमग्न हैं। उधर करौली में मंडरायल-करणपुर क्षेत्र में चंबल नदी में उफान बरकरार है। यहां करीब एक दर्जन गांव पानी में घिरे हैं। आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों को रेस्क्यू किया गया है। वहीं झालावाड़ में बाढ़ प्रभावित इलाकों में सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अधिकारियों को अपने एचओडी, कलेक्टर और उच्च अधिकारियों को उपस्थिति देने के निर्देश दिए गए हैं। यहां भी हालात खराब हैं।

 धौलपुर : धौलपुर में भी हालात खराब हैं। यहां चंबल का पुल डूब गया है जिससे आवागमन बंद हो गया है। पानी पुल से करीब चार पांच फीट ऊपर बह रहा है। राजाखेड़ा क्षेत्र की बसई घियाराम ग्राम पंचायत के आधा दर्जन गांवों के 50 से अधिक मकानों को खाली किया गया है। गांवों का एक-दूसरे से संपर्क तक कट गया है। सहानपुर गांव से निकलकर लोग टेंटों में पहुंच गए हैं। बाढ़ से चम्बल स्थित मुक्तिधाम पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। चंबल किनारे स्थित अंत्येष्टि स्थल पर 5 फुट से अधिक पानी आ चुका है और लगातार पानी की आबक बढ़ रही है। मुक्तिधाम समिति ने अंत्येष्टि स्थल पर अंतिम संस्कारो की व्यवस्था कराई है। साथ ही चम्बल में मगरमच्छो को देखते हुए आमजन की सुरक्षा की दृष्टि से बेरिकेटिंग कराई है।

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