Reserve Bank Of India / लोन EMI से लेकर महंगाई, एमपीसी में कौन से 5 सवालों के जवाब दे गया RBI

6 अगस्त को आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो दर 5.5% पर बरकरार रखी। पॉलिसी स्टांस भी न्यूट्रल रहा। महंगाई नियंत्रण में और ग्रोथ आउटलुक बेहतर बताया गया। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.5% अनुमानित है। री-केवाईसी और वित्तीय समावेशन पर भी फोकस रहा।

Reserve Bank Of India: 6 अगस्त 2025 को, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक के बाद रेपो दर को 5.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने और पॉलिसी स्टांस को न्यूट्रल बनाए रखने की घोषणा की। इस नीतिगत बैठक में भारत की आर्थिक स्थिति, वैश्विक चुनौतियों और वित्तीय समावेशन जैसे कई मुद्दों पर चर्चा हुई। आइए, उन पांच प्रमुख सवालों के जवाब जानते हैं, जो आम लोगों के लिए इस बैठक से उभरे हैं।

1. रेपो दर और पॉलिसी स्टांस पर आरबीआई गवर्नर का क्या रुख रहा?

आरबीआई गवर्नर ने स्पष्ट किया कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 5.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। पॉलिसी स्टांस को जून 2025 की नीति के अनुरूप न्यूट्रल रखा गया है। जून में, आरबीआई ने अप्रत्याशित रूप से 50 आधार अंकों की कटौती की थी और स्टांस को 'समायोज्य' से 'न्यूट्रल' में बदला था। लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (एलएएफ) के तहत स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ) दर 5.25 फीसदी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) दर व बैंक दर 5.75 फीसदी पर स्थिर हैं।

2. भारत की जीडीपी वृद्धि पर आरबीआई का क्या अनुमान है?

वैश्विक अनिश्चितताओं, जैसे ट्रंप के टैरिफ और अन्य कारकों के बावजूद, आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। तिमाही अनुमान भी अपरिवर्तित हैं: पहली तिमाही में 6.5%, दूसरी में 6.7%, तीसरी में 6.6%, चौथी में 6.3%, और वित्त वर्ष 2027 की पहली तिमाही में 6.6%। कुछ विश्लेषकों ने अनुमान लगाया था कि आरबीआई ग्रोथ प्रोजेक्शन को कम कर सकता है, लेकिन केंद्रीय बैंक ने अपने अनुमानों में कोई बदलाव नहीं किया।

3. महंगाई को लेकर आरबीआई का क्या कहना है?

आरबीआई ने बताया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई जून 2025 में 77 महीनों के निचले स्तर 2.1 फीसदी पर पहुंच गई है, जो लगातार आठवें महीने कमी दर्शाता है। यह मुख्य रूप से बेहतर कृषि गतिविधियों और आपूर्ति-पक्ष के उपायों के कारण खाद्य महंगाई में कमी से संभव हुआ। वित्त वर्ष 2026 के लिए सीपीआई महंगाई अनुमान को 3.7% से घटाकर 3.1% कर दिया गया है। तिमाही अनुमान इस प्रकार हैं: दूसरी तिमाही में 2.1% (पहले 3.4%), तीसरी तिमाही में 3.1% (पहले 3.9%), और चौथी तिमाही में 4.4% (अपरिवर्तित)। हालांकि, वित्त वर्ष 2027 की पहली तिमाही में महंगाई 4.9% तक बढ़ने का अनुमान है।

4. लिक्विडिटी और फाइनेंशियल मार्केट की स्थिति कैसी रहेगी?

आरबीआई गवर्नर के अनुसार, लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी सरप्लस में है। सितंबर से चरणबद्ध तरीके से लागू होने वाली कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) कटौती से लिक्विडिटी को और समर्थन मिलेगा। जून 2025 के अंत में बैंकिंग सिस्टम का क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात 78.9% था, जो पिछले साल के समान है। 2024-25 में बैंक लोन में 12.1% की वृद्धि हुई, जो 2023-24 की 16.3% वृद्धि से कम, लेकिन पिछले दस वर्षों की औसत 10.3% वृद्धि से अधिक है।

5. आरबीआई ने और किन पहलों की घोषणा की?

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि जन-धन योजना के 10 साल पूरे होने पर, 1 जुलाई से 30 सितंबर तक पंचायत स्तर पर री-केवाईसी शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। ये शिविर नए खाते खोलने, री-केवाईसी, वित्तीय समावेशन, सूक्ष्म बीमा, पेंशन योजनाओं और ग्राहक शिकायत निवारण पर ध्यान देंगे। इसके अलावा, आरबीआई मृत ग्राहकों के सुरक्षित जमा लॉकरों या खातों से संबंधित दावों के निपटान की प्रक्रिया को मानकीकृत करेगा। साथ ही, आरबीआई रिटेल-डायरेक्ट प्लेटफॉर्म का विस्तार करेगा, ताकि खुदरा निवेशक सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से ट्रेजरी बिलों में निवेश कर सकें।