Cheteshwar Pujara / सचिन से लेकर कुंबले तक, इन दिग्गजों ने पुजारा के रिटायरमेंट पर कही ये बड़ी बात

भारतीय क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा ने 24 अगस्त 2025 को सभी फॉर्मेट्स से संन्यास की घोषणा की। 37 वर्षीय पुजारा ने 103 टेस्ट में 7195 रन और 19 शतक बनाए। उनकी तकनीक, संयम और दृढ़ता ने उन्हें टीम का स्तंभ बनाया। क्रिकेट जगत ने उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

Cheteshwar Pujara: 24 अगस्त 2025 को भारतीय टेस्ट क्रिकेट के दिग्गज चेतेश्वर पुजारा ने सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी। 37 वर्षीय इस बल्लेबाज ने 103 टेस्ट मैचों में 7195 रन बनाए, जिसमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। उनकी संयमित बल्लेबाजी, मजबूत तकनीक और मानसिक दृढ़ता ने उन्हें भारतीय क्रिकेट में एक अनूठी पहचान दी। पुजारा को लंबे समय तक "भारतीय टेस्ट क्रिकेट की दीवार" के रूप में जाना जाता रहा, जो राहुल द्रविड़ की विरासत को आगे बढ़ाने वाले खिलाड़ी के रूप में उभरे।

एक शानदार करियर की झलक

पुजारा ने 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और जल्द ही नंबर 3 पर अपनी जगह पक्की कर ली। उनकी बल्लेबाजी शैली में धैर्य और एकाग्रता की मिसाल थी, जो टेस्ट क्रिकेट की भावना को पूरी तरह से दर्शाती थी। उन्होंने विशेष रूप से विदेशी पिचों पर भारत को कई यादगार जीत दिलाईं। 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारत की ऐतिहासिक जीत में पुजारा का योगदान अविस्मरणीय रहा। इस सीरीज में उन्होंने 521 रन बनाए, जिसमें तीन शतक शामिल थे, और भारत को पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जिताने में अहम भूमिका निभाई।

पुजारा का करियर केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं था। उनकी मानसिक दृढ़ता और लंबे समय तक क्रीज पर टिकने की क्षमता ने उन्हें विपक्षी गेंदबाजों के लिए एक चुनौती बना दिया। चाहे तेज गेंदबाजों का सामना हो या स्पिनरों का, पुजारा की तकनीक और धैर्य ने हमेशा भारत को मुश्किल परिस्थितियों में संभाला।

क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया

पुजारा के संन्यास की घोषणा के बाद क्रिकेट जगत ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। BCCI ने उनके योगदान की सराहना करते हुए उन्हें भारतीय बल्लेबाजी का मजबूत स्तंभ बताया। BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने कहा,

"चेतेश्वर पुजारा का करियर दृढ़ संकल्प और निस्वार्थ भाव से खेलने का शानदार उदाहरण है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट की भावना को साकार किया। उनकी एकाग्रता और विपक्षी आक्रमण को ध्वस्त करने की क्षमता ने उन्हें भारतीय क्रिकेट का एक अनमोल रत्न बनाया।"

क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने अपने भावुक संदेश में लिखा,

"पुजारा, आपको तीसरे नंबर पर खेलते देखना हमेशा सुकून देने वाला रहा। आपकी मजबूत तकनीक और दबाव में संयम ने आपको टीम का आधार बनाया। ऑस्ट्रेलिया में 2018 की सीरीज जीत आपके अविश्वसनीय लचीलेपन के बिना संभव नहीं थी। शुभकामनाएं!"

युवराज सिंह ने पुजारा की देशभक्ति और समर्पण की तारीफ करते हुए लिखा,

"ऐसा व्यक्ति जिसने हमेशा अपना मन, शरीर और आत्मा देश के लिए लगा दी। शानदार करियर के लिए बधाई, पुज्जी! फिर मिलेंगे।"

पुजारा के लंबे समय तक साथी अजिंक्य रहाणे ने कहा,

"पुज्जी, शानदार करियर के लिए बधाई। तुम्हारे साथ खेलना और विशेष टेस्ट जीत को संजोना हमेशा याद रहेगा। दूसरी पारी के लिए शुभकामनाएं!"

पुजारा की विरासत

पुजारा का करियर केवल रनों और शतकों का नहीं, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के प्रति उनके जुनून और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को धैर्य और तकनीक का महत्व सिखाया। उनके संन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट में उनकी कमी खलेगी, लेकिन उनकी विरासत हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।

पुजारा ने अपने संन्यास के संदेश में कहा,

"मैंने अपने देश के लिए खेलनेಸी। यह मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण अनुभव रहा। मैं अपने प्रशंसकों, साथियों और BCCI का आभार व्यक्त करता हूं। यह समय अलविदा कहने का है, लेकिन मैं हमेशा क्रिकेट से जुड़ा रहूंगा।"

भविष्य के लिए शुभकामनाएं

पुजारा के संन्यास के साथ ही भारतीय टेस्ट क्रिकेट का एक युग समाप्त हो गया। उनके प्रशंसक और क्रिकेट जगत उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दे रहा है। पुजारा अब कोचिंग, कमेंट्री या क्रिकेट प्रशासन में अपनी भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन उनकी दीवार जैसी मजबूती हमेशा भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में बनी रहेगी।