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- 24-Aug-2025 08:40 PM IST
Cheteshwar Pujara: भारतीय क्रिकेट के मजबूत स्तंभ और 'भारत की दीवार' कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है। करीब दो साल से भारतीय टेस्ट टीम से बाहर चल रहे पुजारा ने घरेलू क्रिकेट में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी, लेकिन हाल ही में दलीप ट्रॉफी के लिए वेस्ट जोन की टीम में जगह न मिलने के बाद उन्होंने यह बड़ा फैसला लिया। पुजारा के इस निर्णय ने क्रिकेट प्रशंसकों को भावुक कर दिया है, क्योंकि उन्होंने अपने ठोस बल्लेबाजी शैली से भारतीय क्रिकेट को कई यादगार पल दिए हैं।
दलीप ट्रॉफी में नहीं मिली जगह
28 अगस्त 2025 से शुरू होने वाली दलीप ट्रॉफी में पुजारा को वेस्ट जोन की टीम में शामिल नहीं किया गया। इस टीम की कमान ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर को सौंपी गई है। पुजारा ने अपना आखिरी घरेलू मैच फरवरी 2025 में गुजरात के खिलाफ खेला था। दलीप ट्रॉफी में जगह न मिलने के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि घरेलू क्रिकेट में भी उनकी वापसी मुश्किल हो सकती है। शायद यही वजह रही कि पुजारा ने संन्यास लेने का कठिन फैसला किया।
भारतीय टीम में आखिरी प्रदर्शन
पुजारा ने भारतीय टेस्ट टीम के लिए आखिरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2021-23 के फाइनल में हिस्सा लिया था। यह मैच 7 जून 2023 को लंदन के ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 209 रनों से जीत हासिल की थी। पुजारा इस मैच में ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाए थे। उन्होंने पहली पारी में 14 और दूसरी पारी में 27 रन बनाए थे। इसके बाद से उन्हें भारतीय टीम में दोबारा मौका नहीं मिला।
टेस्ट क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड
चेतेश्वर पुजारा ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ की थी। अपने 13 साल के टेस्ट करियर में उन्होंने 103 टेस्ट मैच खेले और 43.60 की शानदार औसत से 7195 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 19 शतक और 35 अर्धशतक जड़े। उनकी बल्लेबाजी शैली ने उन्हें भारतीय टेस्ट टीम का एक भरोसेमंद बल्लेबाज बनाया, खासकर विदेशी पिचों पर। पुजारा ने अपनी रक्षात्मक तकनीक और धैर्य के साथ कई बार भारतीय टीम को मुश्किल परिस्थितियों से उबारा।
वनडे और फर्स्ट क्लास क्रिकेट में प्रदर्शन
पुजारा ने 2013 में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी। हालांकि, उन्होंने केवल 5 वनडे मैच खेले, जिसमें 10.20 की औसत से 51 रन बनाए। वनडे क्रिकेट में वे ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाए। लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड शानदार रहा। पुजारा ने 260 से ज्यादा फर्स्ट क्लास मैचों में 21,000 से अधिक रन बनाए, जिसमें 66 शतक और 80 से ज्यादा अर्धशतक शामिल हैं। यह आंकड़ा उनकी निरंतरता और समर्पण को दर्शाता है।
कमेंट्री में भी दिखा जलवा
हाल ही में भारत और इंग्लैंड के बीच हुई टेस्ट सीरीज में पुजारा को कमेंट्री बॉक्स में देखा गया था। उनकी गहरी क्रिकेट समझ और खेल के प्रति जुनून ने कमेंट्री में भी प्रशंसकों का दिल जीता। हालांकि, अब क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि वे भविष्य में क्रिकेट से कैसे जुड़े रहते हैं।
पुजारा का योगदान अविस्मरणीय
चेतेश्वर पुजारा का भारतीय क्रिकेट में योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी दीवार जैसी बल्लेबाजी, खासकर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों में, ने भारत को कई ऐतिहासिक जीत दिलाई। प्रशंसक उन्हें न केवल उनके रनों के लिए, बल्कि उनकी सादगी और खेल के प्रति समर्पण के लिए भी याद रखेंगे। पुजारा ने अपने संन्यास के साथ एक युग का अंत किया है, लेकिन उनकी विरासत भारतीय क्रिकेट में हमेशा जीवित रहेगी।
