दुनिया / पाकिस्तानी लड़ाकू विमान का पूरा जखीरा आया खतरे में, भारत से है डर

AajTak : Aug 04, 2020, 04:04 PM
Delhi: भारतीय वायु सेना में जब से फ्रांसीसी राफेल जेट शामिल हुआ है, तब से पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है। राफेल के आने से भारतीय वायु सेना की ताकत कई गुना बढ़ गई है। BVRAAM (विजुअल रेंज से बाहर) मीटिअर मिसाइल के साथ राफेल को एशिया का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान कहा जा सकता है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि भारत के परमाणु हमला करने में सक्षम राफेल को खरीदना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अपनी सुरक्षा जरूरतों के दायरे से बाहर जाकर सैन्य क्षमता बढ़ा रहा है। पाकिस्तान से दुनिया से गुहार भी लगाई थी कि वह भारत को हथियार क्षमता बढ़ाने से रोके। पाकिस्तान की ये चिंता जायज है क्योंकि अब उसका लड़ाकू विमान का पूरा जखीरा ही खतरे में पड़ गया है।

पिछले साल, फरवरी महीने में भारत और पाकिस्तान की वायु सेना आमने-सामने आ गई थीं। पाकिस्तान की वायु सेना भारत के एक मिग-21 विमान को संभवत: अमेरिकी एफ-16 जेट की AIM-120 AMRAAM (एडवांस मीडियम रेंज एयर टु एयर मिसाइल) की मदद से मार गिराने में कामयाब रही थी। भारत ने भी एक पाकिस्तानी विमान को मार गिराया था। हालांकि, भारतीय वायु सेना इस बात से चिंतित हो गई थी कि पाकिस्तान वायु सेना भारतीय लड़ाकू विमानों को बिना कोई मौका दिए लंबी दूरी से टारगेट करने में सफल रही। भारत के अग्रणी सुखोई एमकेआई पर भी निशाना साधा गया लेकिन वह AMRAAM (एडवांस मीडियम रेंज एयर टु एयर मिसाइल) से बचकर निकल आया। हालांकि, सुखोई से पलटवार नहीं किया जा सका।

पाकिस्तान एफ-16 का AMRAAM (एडवांस मीडियम रेंज एयर टु एयर मिसाइल) भारत के लिए लंबे वक्त से चुनौती बना हुआ था। पाकिस्तान के पास शुरुआती मॉडल AIM-120A/B था जिसकी रेंज 75 किमी थी लेकिन बाद में उसने 100 किमी रेंज वाली AIM-120C-5 मिसाइल को खरीद लिया। इसकी मदद से पाकिस्तानी लड़ाकू विमान भारतीय जेट को बिना स्पॉट किए ही उस पर हमला कर पाने में कामयाब हो पाए थे। जबकि भारतीय लड़ाकू विमानों को पाकिस्तान के एफ-16 को टारगेट करने के बजाय मिसाइलों से बचना पड़ा।

हालांकि, अब 4++ जेनरेशन के राफेल जेट भारतीय वायु सेना में शामिल हो चुका है। इसमें घातक BVRAAM (बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर टु एयर मिसाइल) मीटिअर भी लगा है जिससे पाकिस्तान के एफ-16 जेट समेत सारे लड़ाकू विमान सीधे खतरे में आ गए हैं। पाकिस्तान का जेएफ-17 भी राफेल का सबसे आसान शिकार बनेगा।

राफेल जेट जहां फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन कंपनी बनाती है, वहीं मीटिअर मिसाइल पूरी दुनिया में मिसाइल निर्माता के तौर पर लोकप्रिय यूरोपीय कंपनी एमबीडीए बनाती है। ये भारतीय वायुसेना के लिए गेमचेंजर है। यहां तक कि ब्रिटेन जिन लड़ाकू विमानों की पांचवी पीढ़ी एफ-35 का इस्तेमाल कर रहा है, वो मीटिअर मिसाइलों से लैस हैं।


मीटिअर ऐक्टिव रडार गाइडेड विजुअल रेंज से बाहर हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। इसके अलावा, इसमें प्रॉपल्सन सिस्टम है और GmbH’ के सॉलिड फ्यूल, रैमजेट का इस्तेमाल होता है। इससे हमले के दौरान इंजन पावर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। जबकि कई हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों में ये विकल्प नहीं मिलता है।


इस क्षमता की वजह से मीटिअर टारगेट को भागने का कोई मौका नहीं देता है। मीटिअर की रेंज पाकिस्तान के एफ-16 में इस्तेमाल होने वाले AMRAAM के 100 किमी की रेंज की तुलना में 120 किमी होती है। यह खराब से खराब मौसम में भी लंबी दूरी से ही अपने टारगेट को तबाह कर सकता है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान केवल राफेल लड़ाकू विमान की वजह से भयभीत नहीं है। मीटिअर मिसाइल उसके AMRAAM से कई गुना बेहतर है और उसके एफ-16 विमान के लिए सीधा खतरा पैदा करता है। दशकों तक पाकिस्तान अपने एफ-16 विमान के बारे में शेखी बघारता रहा है लेकिन अब राफेल ने सारा गेम पलट दिया है। राफेल भारतीय वायुसेना के 17 स्क्वाड्रन का हिस्सा होंगे जिन्हें गोल्डन एरोज के नाम से जाना जाएगा। 2021 के अंत तक भारत को बाकी राफेल विमान मिलने की उम्मीद है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER