- भारत,
- 15-Jun-2025 12:00 PM IST
Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव और "ऑपरेशन सिंदूर" के दौरान पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर हास्यास्पद और आधारहीन दावा सामने आया — उसने कहा कि उसने भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक राफेल फाइटर जेट को मार गिराया है। लेकिन इस दावे की सच्चाई खुद उस कंपनी ने सामने रख दी है, जो राफेल बनाती है।
Dassault एविएशन के CEO की दो टूक
फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी Dassault Aviation के चेयरमैन और CEO एरिक ट्रापियर ने एक इंटरव्यू में साफ कहा, "भारत की ओर से हमें ऐसी किसी घटना की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।" उन्होंने पाकिस्तान के इस दावे को "गलत और बेबुनियाद" करार दिया कि उसने तीन राफेल विमानों को गिरा दिया है। इस प्रतिक्रिया के साथ ही पाकिस्तान की कहानी की हवा निकल गई।
राफेल: मल्टी-रोल का बेजोड़ उदाहरण
एरिक ट्रापियर ने राफेल की क्षमताओं पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि राफेल आज दुनिया के सबसे सक्षम मल्टी-रोल फाइटर जेट्स में गिना जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि "एफ-35 और चीन के तमाम फाइटर जेट्स की तुलना में राफेल ज्यादा भरोसेमंद और सर्वगुणसंपन्न है।"
उन्होंने कहा कि "अगर ऐसा विमान चाहिए जो एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड, परमाणु हमले और समुद्री अभियानों—चारों तरह के युद्धक्षेत्रों में कुशलता से काम कर सके, तो राफेल ही सबसे उत्तम विकल्प है।"
युद्ध में लक्ष्य मायने रखता है, नुकसान नहीं
जब उनसे "ऑपरेशन सिंदूर" के संदर्भ में राफेल के किसी संभावित नुकसान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया। ट्रापियर ने कहा, “किसी भी युद्ध में मुख्य उद्देश्य मिशन की सफलता होती है, न कि ज़ीरो लॉस। सेकंड वर्ल्ड वार में भी नुकसान हुआ था, पर मिशन पूरे हुए।”
फ्रांस और अन्य देशों की पसंद: राफेल
ट्रापियर ने यह भी बताया कि राफेल केवल फ्रांसीसी सशस्त्र बलों की ही नहीं, बल्कि भारत समेत कई अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों की जरूरतों को बखूबी पूरा कर रहा है। हर कार्यक्षमता में दक्ष होना ही राफेल की सबसे बड़ी ताकत है।
पाकिस्तान की पोल फिर खुली
इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि पाकिस्तान का उद्देश्य सिर्फ मनोवैज्ञानिक युद्ध और भ्रम फैलाना है, जबकि तथ्य इसके एकदम उलट हैं। फ्रांस की आधिकारिक और तकनीकी पुष्टि के बाद यह सिद्ध हो चुका है कि पाकिस्तान का दावा झूठा था। यह घटना न सिर्फ पाकिस्तान की बेइज्जती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारत की सैन्य क्षमता और राफेल जैसे विमानों पर पूरी दुनिया को कितना भरोसा है।