Shashi Tharoor / शशि थरूर को मोदी सरकार ने दी बड़ी जिम्मेदारी, US में PAK को करेंगे बेनकाब

संसदीय कार्य मंत्रालय ने 8 देशों में भारत का पक्ष रखने को सांसदों के प्रतिनिधिमंडल घोषित किए। शशि थरूर अमेरिका में भारत का नेतृत्व करेंगे। सभी दलों के नेता मिलकर आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को वैश्विक मंचों पर रखेंगे।

Shashi Tharoor: भारत की संसद ने आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी देश का पक्ष मजबूती से रखने की तैयारी कर ली है। संसदीय कार्य मंत्रालय ने उन सांसदों के नामों की घोषणा कर दी है, जो विदेशों में जाकर भारत की स्थिति और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को उजागर करेंगे। खास बात यह है कि इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केवल सत्ता पक्ष ही नहीं, बल्कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता कर रहे हैं।

शशि थरूर को अमेरिका की जिम्मेदारी

इस पहल में सबसे बड़ी जिम्मेदारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शशि थरूर को दी गई है। वे भारत के प्रतिनिधि के रूप में अमेरिका में देश का पक्ष रखेंगे और पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को बेनकाब करेंगे। थरूर की विदेश नीति पर गहरी पकड़ और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अनुभव को देखते हुए यह जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है।

प्रतिनिधिमंडल की संरचना और नेतृत्व

भारत सरकार ने आठ अलग-अलग क्षेत्रों में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना बनाई है। ये प्रतिनिधिमंडल पहले चरण में निम्नानुसार नेतृत्व करेंगे:

  • शशि थरूर (कांग्रेस)संयुक्त राज्य अमेरिका

  • विजयंत जय पांडा (भाजपा)पूर्वी यूरोप

  • कनिमोझी (डीएमके)रूस

  • संजय झा (जेडीयू)दक्षिण-पूर्व एशिया

  • रविशंकर प्रसाद (भाजपा)मध्य पूर्व

  • सुप्रिया सुले (एनसीपी)पश्चिम एशिया

  • श्रीकांत शिंदे (शिवसेना शिंदे गुट)अफ्रीकी देश

आतंक के खिलाफ एकजुटता की मिसाल

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को देशभर में व्यापक समर्थन मिला। इस कार्रवाई ने न सिर्फ पाकिस्तान को करारा संदेश दिया, बल्कि भारत की राजनीतिक एकता को भी उजागर किया। अब यही एकता अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी दिखाई देगी। सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है – यह लड़ाई केवल किसी सरकार की नहीं, पूरे राष्ट्र की है।

सभी दलों से सांसद शामिल

इस बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के 43 से 45 सांसद शामिल होंगे। इनमें शामिल प्रमुख नामों में हैं:

  • प्रेमचंद गुप्ता (राजद)

  • अनुराग ठाकुर (भाजपा)

  • तेजस्वी सूर्या (भाजपा)

  • बृजलाल (भाजपा)

  • अपराजिता सारंगी (भाजपा)

  • राजीव प्रताप रूडी (भाजपा)

  • डी पुरंदेश्वरी (भाजपा)

  • सस्मित पात्रा (बीजेडी)

  • मनीष तिवारी (कांग्रेस)

  • अमर सिंह (कांग्रेस)

  • प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना उद्धव गुट)

  • जॉन बिट्स (सीपीआई एम)

  • असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM)

मिशन का उद्देश्य

हर प्रतिनिधिमंडल का मुख्य लक्ष्य यह होगा कि वे विदेशी सरकारों, नीति-निर्माताओं, थिंक टैंकों और मीडिया से संवाद कर यह स्पष्ट करें कि पाकिस्तान स्थित आतंकी ढांचे कैसे भारत की संप्रभुता पर हमले कर रहे हैं। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि भारत की सैन्य कार्रवाई न तो किसी देश की संप्रभुता का उल्लंघन थी और न ही आक्रामकता, बल्कि अपने नागरिकों की सुरक्षा और आत्मरक्षा का आवश्यक कदम थी।

कब होंगे दौरे?

22 मई के बाद यह प्रतिनिधिमंडल अपने-अपने विदेश दौरों पर रवाना होंगे। यह पहल भारत की राजनीतिक परिपक्वता, लोकतांत्रिक एकता और आतंक के खिलाफ कठोर लेकिन संतुलित रुख को दुनिया के सामने रखने की दिशा में एक अहम कदम है।