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- 04-Nov-2019 12:51 PM IST
नई दिल्ली | महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के 10 दिन के बाद भी अब तक वहां सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सोमवार को दिल्ली पहुंचकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं. वास्तव में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने राज्य में 50:50 के फॉर्मूले के तहत पहले अपना मुख्यमंत्री बनाने का दांव खेल दिया है. देवेन्द्र फडणवीस का दिल्ली आने का यह प्लान ऐसे वक्त में बना है जब सहयोगी शिवसेना ने खुले तौर पर अपने बागी रुख सामने रख दिए हैं. रविवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया है कि शिवसेना के पास 170 विधायकों का समर्थन है, यानी वह सरकार बनाने की स्थिति में है.सीएम के दिल्ली दौरे की वजह राज्य में बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के लिए केंद्रीय सहायता की मांग बताया जा रहा है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री अमित शाह के साथ शिवसेना के मुद्दे पर बात करने जा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के गठबंधन को सरकार बनाने के लिए जनता ने तो पर्याप्त सीट दे दी हैं, लेकिन दोनों दल अपनी-अपनी शर्तों के हिसाब से सरकार बनाने के मूड में हैं. आज शिवसेना नेता संजय राउत महाराष्ट्र के राज्यपाल से भी मिलने जा रहे हैं. शिवसेना सार्वजनिक तौर पर बीजेपी की आलोचना भी कर रही है और उसके नेता महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से होने का दावा कर रहे हैं.इसका नतीजा यह हुआ है कि राज्य के पूरे सियासी समीकरण बदल गए हैं. अब कांग्रेस-शिवसेना गठबंधन भी सामने आ गया है और लंबे समय से चली आ रही यह खींचतान दिल्ली तक पहुंच गई है. शिवसेना को कैसे मिला पूर्ण बहुमत? शिवसेना नेता संजय राउत के पूर्ण बहुमत वाले बयान को देखा जाए तो बीजेपी को छोड़कर उसे कांग्रेस और एनसीपी दोनों का समर्थन मिलने के बाद ही यह संख्या बन सकती है. शिवसेना को इन दोनों दलों के समर्थन की चर्चा गरम है. आज एनसीपी के प्रमुख शरद पवार भी दिल्ली पहुंच रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार महाराष्ट्र मुद्दे पर कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. सोनिया से पवार की मुलाकात क्यों है अहम शिवसेना के नेता सरकार बनाने को लेकर महाराष्ट्र में अन्य दलों के साथ आने के भी बयान दे रहे हैं. एनसीपी और कांग्रेस दोनों के नेताओं की तरफ से इस बात के संकेत भी दिए जा चुके हैं. रविवार को ही एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने कहा है कि शिवसेना का अगला मुख्यमंत्री होना मुमकिन है. हालांकि, समर्थन के सवाल पर उन्होंने गेंद शिवसेना के पाले में डालते हुए कहा कि शिवसेना पहले अपनी भूमिका साफ करे, उसके बाद एनसीपी अपनी स्थिति भी स्पष्ट कर देगी. दोस्ती उन्हीं से करो जो निभाने की औकात रखेएनसीपी के नेता भले ही खुले तौर पर कुछ कहने से बच रहे हों, लेकिन महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता हुसैन दलवई सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर शिवसेना के साथ सरकार बनाने की मांग कर चुके हैं. राम मंदिर जैसे बड़े मुद्दे को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ऐसे प्रस्ताव पर पूरी तरह सहमत नजर नहीं आ रहा. ऐसे में आज होने जा रही सोनिया गांधी और शरद पवार की मुलाकात काफी अहम है. दूसरी तरफ सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली बीजेपी किसी भी कीमत पर सत्ता खिसकने नहीं देना चाहती है, लिहाजा अब जानकारी ये आ रही है कि बीजेपी ने शिवसेना को नया ऑफर भी दे दिया है. इसके मुताबिक बीजेपी शिवसेना को अब डिप्टी सीएम के साथ 16 मंत्री पद दे सकती है.
