देश / सरकार ने विदेश से आने वालों के लिए गाइडलाइन्स में दी ढील

सरकार ने विदेश से आने वालों के लिए गुरुवार को गाइडलाइन्स में ढील दी और 5 साल से कम उम्र के बच्चों को आगमन से पहले और बाद में कोविड-19 जांच से छूट दी। वहीं, आगमन पर या होम क्वारंटीन के दौरान कोविड-19 के लक्षण मिलते हैं तो उनका टेस्ट किया जाएगा और निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज होगा।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ अभी जंग जारी है। नरेंद्र मोदी सरकार ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए अब नई गाइडलाइन जारी की है। नई गाइडलाइन के मुताबिक विदेश से आने वाले पांच साल के कम उम्र के बच्चों को भारत में आने से पहले या बाद में कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने की जरुरत नहीं है। हालांकि, अगर वो यहां आने के बाद सिम्टोमैटिक या होम क्ववारन्टीन के दौरान सिम्टोमैटिक पाए जाते हैं तब उन्हें टेस्टिंग से गुजरना पड़ेगा और फिर उन्हें जरुरी प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले गाइडलाइन की फिर से समीक्षा की गई है और दुनिया भर में कोविड वैक्सीन के दिये गये डोज को देखते हुए इसमें कुछ बदलाव किये गये हैं। इसमें कहा गया है कि वायरस के बदलते व्यवहार पर बारिकी से नजर बनाए रखना है। नई गाइडलाइन में इन अहम बातों का जिक्र किया गया है।

- इसमें कहा गया है कि नई गाइडलाइन में बनाए गए नियम 12 नवंबर तक वैलिड हैं। इसके बाद इसकी फिर से समीक्षा की जाएगी।

- अगर यात्री ने वैक्सीन के दोनों डोज लिये हैं और उस देश से आ रहे हैं जहां डब्ल्यूएचओ ने उस वैक्सीन को मंजूरी दे दी है उन्हें एयरपोर्ट से जाने की अनुमति होगी और उन्हें होम क्वारन्टाइन में जाने की जरुरत नहीं है।

- जिन यात्रियों ने एक डोज या वैक्सीन नहीं लिया है, उन्हें यहां आने के बाद कोविड-19 से जुड़े टेस्ट के नमूने दिखाने होंगे। इसके बाद ही उन्हें एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति मिलेगी। इसके अलावा उन्हें सात दिनों के लिए क्ववारन्टीन में जाना होगा और अपने स्वास्थ्य की देखभाल खुद ही करनी होगी। 

जो यात्री घर में क्वारन्टीन है उन्हें अपने स्वास्थ्य को खुद ही मॉनिटर करना है। अगर कोविड-19 के लक्षण सामने आते हैं या फिर टेस्ट रिपोर्ट कोविड-19 पॉजीटिव आती है तब उन्हें तुरंत आइसोलेशन में जाना होगा। इसके अलावा उन्हें नजदीकी हेल्थ फैसिलिटी सेंटर में या हेल्प लाइन नंबर 1075 पर सूचित करना होगा। 

- भारत आने के बाद उन्हें उन्हें दूरी बनाए रखना है और थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा। 

- जो यात्री स्क्रीनिंग के दौरान सिम्टोमैटिक पाए जाते हैं उन्हें तुरंत आइसोलेशन में जाना होगा। इसके अलावा हेल्थ फैसिलिटी के हिसाब से सुविधाएं लेनी होंगी।