इंडिया / हरियाणा: आज मनोहर लाल मुख्यमंत्री और दुष्यंत चौटाला लेंगे उप मुख्यमंत्री पद की शपथ

65 वर्षीय मनोहर लाल आज दिवाली के पर्व पर दूसरी बार और हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं। उनके साथ जजपा सुप्रीमो दुष्यंत चौटाला भी बतौर उप मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। शनिवार को विधायक दल की बैठक में मनोहर लाल को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया। उसके बाद मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला ने मिलकर राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को सरकार बनाने का प्रस्ताव सौंपा, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।

चंडीगढ़ | 65 वर्षीय मनोहर लाल आज दिवाली के पर्व पर दूसरी बार और हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं। उनके साथ जजपा सुप्रीमो दुष्यंत चौटाला भी बतौर उप मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। शनिवार को विधायक दल की बैठक में मनोहर लाल को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया। उसके बाद मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला ने मिलकर राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को सरकार बनाने का प्रस्ताव सौंपा, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।

शपथ ग्रहण समारोह चंडीगढ़ स्थित राज भवन में आयोजित किया जाएगा। प्रदेश के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य उन्हें पद की गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह में दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला मौजूद रहेंगी। दुष्यंत के पिता अजय चौटाला भी शिरकत कर सकते हैं। उन्हें तिहाड़ जेल से 14 दिन की फरलो मिल गई है। इनके अलावा कार्यक्रम में भाजपा के सभी विधायक, जजपा के सभी दस विधायक, छह निर्दलीय विधायक भी मौजूद रहेंगे।

बता दें कि हरियाण में 13वीं विधानसभा के गठन की प्रक्रिया चल रही है। इस बार हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत नहीं मिला। पार्टी को 40 सीटें मिलीं, लेकिन फिर भी प्रदेश में भाजपा की ही सरकार बनने जा रही है। क्योंकि जननायक जनता पार्टी(जजपा) सुप्रीमो दुष्यंत चौटाला ने भाजपा को समर्थन दे दिया है। केंद्रीय पर्यवेक्षक रवि शंकर प्रसाद के अनुसार, भाजपा के पास 56 विधायकों का समर्थन है। 40 भाजपा के, 10 जजपा के और छह निर्दलीय विधायक उनके साथ हैं।

ऐसे में हरियाणा में भाजपा और जजपा मिलकर सरकार बना रहे हैं। शुक्रवार को दुष्यंत चौटाला अपने पिता अजय चौटाला से मिलने तिहाड़ जेल गए और उनसे विचार विमर्श किया। उसके बाद देर शाम उन्होंने भाजपा को समर्थन देने का एलान कर दिया। इस एलान के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी शुक्रवार रात को ही करीब साढ़े नौ बजे भाजपा-जजपा गठबंधन का एलान किया। साथ ही दुष्यंत को उप मुख्यमंत्री का पद देना भी स्वीकार कर लिया।

कौन हैं मनोहर लाल...

मनोहर लाल हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री हैं और पंजाबी परिवार से हैं। वे हरियाणा के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो गैर जाट समुदाय से आते हैं। वे लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान होने वाले पहले गैर जाट नेता भी हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रह चुके हैं। हरियाणा की 13वीं विधानसभा में दूसरी बार करनाल का प्रतिनिधित्व करेंगे। 2014 में भी वे मुख्यमंत्री बने थे और पूरे पांच साल सरकार चलाई।

मनोहर लाल का जन्म 5 मई, 1954 में रोहतक के निदाना गांव में हुआ। मनोहर लाल के पिता का नाम हरबंस लाल था। वे 1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के वक्त परिवार को लेकर रोहतक आ गए थे। परिवार की आर्थिक हालत ठीक न होने के कारण उनके पिता और दादा को मजदूरी तक करनी पड़ी। जैसे-तैसे करके पैसे इकट्ठे किए गए और जमीन खरीदकर खेतीबाड़ी शुरू की। मनोहर लाल खुद साइकिल पर सब्जियां बेचने के लिए जाया करते थे।

मनोहर लाल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पंडित नेकी राम शर्मा गवर्नमेंट कॉलेज से की। उनके पिता उन्हें आगे पढ़ने देना नहीं चाहते थे। लेकिन मनोहर आगे पढ़ाई करके डॉक्टर बनना चाहते थे। हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे घरवालों से पैसे उधार लेकर दिल्ली चले आए और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर मेडिकल की तैयारी करने लगे। मनोहर लाल ने तीन बार प्री मेडिकल दिया, पर क्लीयर नहीं हो सकता। मनोहर लाल 24 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़ गए थे।

1979 इलाहाबाद में हुए विश्व हिंदू परिषद के समागम में पहुंचे और कई संतों और संघ के प्रचारकों से मिले। 1980 में उन्होंने ताउम्र आरएसएस से जुड़ने और शादी न करने का फैसला लिया। उनके इस फैसले का घरवालों ने काफी विरोध किया, पर वे नहीं माने। लगातार 14 साल गुजरात, हिमांचल, जम्मू कश्मीर जैसे 12 राज्यों में काम करने के बाद उन्हें 1994 में संघ की तरफ से एक्टिव राजनीति में आने का मौका मिला। 1995 में बीजेपी ने उन्हें हरियाणा का संगठन मंत्री बनाया।

1996 में उन्होंने बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी के साथ गठबंधन करके बीजेपी को सत्ता में हिस्सेदारी दिलाई। फिर जब देखा कि बंसीलाल सरकार की ठीक नहीं जा रही तो आलाकमान को सपोर्ट वापसी के लिए राजी किया। 2014 के विधानसभा चुनाव में करनाल सीट से उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीत दर्ज करके 26 अक्टूबर 2014 हरियाणा के सीएम बने।

कौन हैं दुष्यंत चौटाला...

जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला, ताऊ देवी लाल के परिवार से हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते और ताऊ देवी लाल के पड़पोते हैं। दुष्यंत उचाना कलां से पहली बार विधायक बनकर उपमुख्यमंत्री बने हैं। दुष्यंत का यह दूसरा विधानसभा चुनाव था, लेकिन जीते पहली बार।

26 साल की उम्र में सबसे युवा सांसद बनने वाले कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी से बिजनेस ग्रेजुएट हैं और वे नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से भी पढ़े हैं। चाचा अभय चौटाला से रार के बाद 10 महीने पहले ही उन्होंने जजपा का गठन किया, जो 2019 के विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतकर किंगमेकर बनकर उभरी है।

2014 में दुष्यंत इनेलो की टिकट पर उचाना कलां से हार गए थे। उन्हें चौधरी बीरेंद्र की पत्नी प्रेमलता ने हराया था। इस बार जजपा के बैनर तले दुष्यंत उचाना से ही जीते और उन्होंने प्रेमलता को ही हराया है। वहीं भाजपा की गठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री पद पाकर दुष्यंत ने उचाना की चौधर भी कायम कर दी है।

उनके दादा ओमप्रकाश चौटाला भी उचाना कलां से चुनाव लड़ते रहे हैं और जब चौधरी बीरेंद्र सिंह कांग्रेस में सीएम बनने की दौड़ में थे तो उन्हें बड़े चौटाला ने ही हराया था। इसके बाद बीरेंद्र सिंह कांग्रेस में बड़े नेता तो रहे पर मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल नहीं हो पाए। अब दुष्यंत ने उपमुख्यमंत्री बनकर फिर बीरेंद्र परिवार को राजनीतिक झटका दिया है।

दुष्यंत परदादा ताऊ देवी लाल की नीतियों पर ही आगे बढ़ रहे हैं। ताऊ हरियाणा के मुख्यमंत्री रहने के साथ ही 1989 से 1991 तक उपप्रधानमंत्री रह चुके हैं। उस समय जनता दल की सरकार बनी थी।