बड़ा खुलासा / आयशा के साथ आखरी कॉल में जब आरिफ ने कहा- कि तू मर जा और मरने का वीडियो मुझे भेज देना

Zoom News : Mar 05, 2021, 08:18 AM
Guj: आयशा आत्महत्या मामले में पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने पाया है कि 70 मिनट की रिकॉर्डिंग, जिसमें आयशा ने आत्महत्या से पहले अपने पति आरिफ से बात की। बताया जा रहा है कि इस रिकॉर्डिंग से कई राज खुलने की संभावना है अहमदाबाद के साबरमती नदी से नदी में कूदकर आत्महत्या करने वाली आयशा का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस भी हरकत में आ गई। पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज की और आयशा के पति आरिफ को राजस्थान के पाली से गिरफ्तार किया। आरिफ की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस अब सभी पहलुओं की जांच कर रही है, आयशा की आत्महत्या के बारे में अभी तक कई बातें पुलिस के सामने आ रही हैं।

पुलिस ने आयशा के पति आरिफ का मोबाइल फोन भी बरामद किया है, आयशा के परिवार के मुताबिक, आयशा ने अपने मोबाइल फोन से आत्महत्या करने से ठीक पहले लगभग 70 मिनट तक आरिफ के साथ बातचीत की थी। पुलिस को अब बातचीत की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मिली है, जिसमें आरिफ कथित तौर पर आयशा के साथ बातचीत में कह रहा है कि तुम मर जाओ और मुझे मौत का वीडियो भेज दो।

वहीं, आयशा के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि आरिफ का किसी दूसरी लड़की के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। अब पुलिस मोबाइल डेटा के माध्यम से यह भी जांचने की कोशिश कर रही है कि क्या आरिफ का किसी अन्य लड़की के साथ प्रेम संबंध था और अगर यह चल रहा था, तो वह लड़की कौन है और क्या आरिफ, आयशा इस वजह से परेशान हो गई थी कि वह दबाव डालकर दहेज का पैसा लाता था ।

आयशा ने 2020 में आरिफ और उसके परिवार के खिलाफ अहमदाबाद के वटवा पुलिस स्टेशन में दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया। जिसके लिए आरिफ और उसके परिवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद, आरिफ के परिवार ने घंटी बजा दी थी। पुलिस को मिली 70 मिनट की ऑडियो रिकॉर्डिंग में आयशा और आरिफ के बीच इस दहेज मामले को लेकर बातचीत हुई है और आरिफ ने कई बार आयशा पर परिवार को परेशान करने का आरोप लगाया था और उस पर दबाव बना रहा था। कि वह इस दहेज उत्पीड़न मामले को वापस ले।

फिलहाल पुलिस इस मामले में वीडियो, आयशा के मोबाइल के ऑडियो और आरिफ के मोबाइल के साथ ही कई सबूत भी जुटा रही है, साथ ही एफएसएल को भी मोबाइल फोन के ऑडियो की जांच के लिए भेजा जाएगा। ताकि जब पूरा मामला अदालत में जाए, तो इस मामले में वैज्ञानिक सबूत वॉयस आइडेंटिफिकेशन के जरिए पेश किए जाएं।

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