विश्व / भारत-पाकिस्तान मिलकर कुछ ऐसा करें जो वास्तव में दोनों के लिए फायदेमंद हो: डॉनल्ड ट्रंप

NavBharat Times : Sep 24, 2019, 06:44 AM
वॉशिंगटन. अपने आप को 'बहुत अच्छा पंच' बताते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने फिर कहा कि वह कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान और भारत के बीच मध्यस्थता के लिए तैयार हैं, बशर्ते दोनों पक्ष राजी हों। ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ प्रेस वार्ता के दौरान ये टिप्पणियां कीं। हालांकि, उन्होंने सुझाव दिया कि भारत-पाकिस्तान मिलकर कुछ ऐसा करें जो वास्तव में दोनों के लिए फायदेमंद हो। ट्रंप ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान अपने लिए कुछ ऐसा करेंगे जो बहुत चतुराईपूर्ण और अच्छा होगा।' उन्होंने आगे कहा, 'कोई न कोई समाधान हमेशा होता है।'

इमरान की बेताबी पर बोले ट्रंप...

दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कश्मीर में मध्यस्थता को लेकर बेताबी आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही दिख रही है। वह पहले भी ट्रंप से मध्यस्थता की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन भारत साफ कर चुका है कि कश्मीर का मामला द्विपक्षीय है और इसमें किसी तीसरे देश को 'कष्ट करने' की आवश्यकता नहीं है। खुद प्रधानमंत्री मोदी से यह सुनकर ट्रंप ने कहा था कि भारत-पाकिस्तान आपस में यह मामला हल करें।

बावजूद इसके इमरान ने सोमवार को ट्रंप से कहा कि दुनिया में सबसे शक्तिशाली देश की जिम्मेदारी है। साथ ही उन्होंने कहा कि 'कश्मीर में संकट बहुत बड़ा होने जा रहा है।' इस पर ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे को लंबे समय से चल रहा जटिल मामला बताते हुए कहा, 'अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मैं जरूर मदद करूंगा।' उन्होंने कहा, 'अगर दोनों (पाकिस्तान और भारत) चाहते हैं तो मैं यह करने के लिए तैयार हूं।' उन्होंने कहा, 'किसी भी समय मैं एक बहुत अच्छा मध्यस्थ साबित होऊंगा।'

मोदी के बयान का इमरान के सामने जिक्र

ट्रंप ने इमरान खान के सामने ह्यूस्टन के एनआरजी स्टेडियम में आयोजित 'हाउडी मोदी' मेगा रैली में प्रधानमंत्री मोदी के बयान का जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'मैंने कल काफी आक्रामक बयान सुना। मैं वहां था। मुझे नहीं पता था कि वहां मुझे भारत से, प्रधानमंत्री (मोदी) से यह बयान सुनने को मिलेगा।' ट्रंप ने इमरान को यह भी बताया कि मोदी के इस बेहद आक्रामक बयान का वहां मौजूदा भारी जनसमूह ने जोरदार समर्थन किया।

याद रहे कि ह्यूस्टन की रैली में मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ 'निर्णायक लड़ाई' का आह्वान करते हुए आतंकवाद का समर्थन करने पर पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के भारत के फैसले से उन लोगों को दिक्कत हुई जो अपने देश को नहीं संभाल सकते। उन्होंने कहा था कि अब बारी आ गई है जब आतंकवाद को समर्थन देने वाले और आतंकवादियों को पालने वाले के खिलाफ निर्णायक लड़ी जाए।

आतंकवाद के खिलाफ पाक की लड़ाई पर बोले ट्रंप...

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या वह आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई से खुश हैं तो उन्होंने बेहद सधे अंदाज में कहा कि इमरान खान की सरकार में अच्छी प्रगति हुई है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि वो कुछ करना चाहते हैं। दूसरा कोई चारा भी नहीं है। दूसरा (आतंकवाद का) रास्ता सिर्फ मौत, विनाश और गरीबी की ओर ले जाएगा। प्रधानमंत्री यह समझते हैं।' ट्रंप का इशारा यही था कि आतंकवाद के पनाहगाह को खत्म करना पाकिस्तान की जिम्मेदारी है।

पाकिस्तान की गुहार और भारत का इनकार

अपने आप को कश्मीरियों का दूत घोषित कर चुके खान ने रविवार को अमेरिकी सांसदों, विद्वानों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और मीडिया को भारत द्वारा 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के नतीजों के बारे में बताया था। ट्रंप और खान ने जुलाई में वॉइट हाउस में बैठक की थी। दोनों के बीच उस भेंटवार्ता के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कश्मीर मुद्दे के हल के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की इच्छा प्रकट की थी। भारत ने उसे खारिज कर दिया था। पिछले महीने फ्रांस में जी7 सम्मेलन के मौके पर मोदी की ट्रंप के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की गुजाइंश से स्पष्ट रूप से इनकार किया था।


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