India-China / चीन के खिलाफ अब आक्रामक हुआ भारत, सीमा पर 50,000 और सैनिकों की तैनाती

Zoom News : Jun 28, 2021, 02:08 PM
India-China | भारत ने चीन सीमा पर अपनी रणनीति में आक्रामक बदलाव करते हुए 50,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है। भले ही चीन और भारत के बीच 1962 में युद्ध हुआ था, लेकिन आमतौर पर भारतीय सेना का फोकस पाकिस्तान से लगती सीमा ही रही है। लेकिन बीते कुछ सालों में चीन सीमा पर भी तेजी से परिदृश्य बदला है। ड्रैगन की ओर से सीमा पर अतिक्रमण, इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और सेना एवं हथियारों की तैनाती में इजाफा किए जाने के चलते इस मोर्चे पर भी सतर्कता बढ़ गई है। बीते साल लद्दाख के पास गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प देखने को मिली है। इसके बाद अब यह फैसला भारत की रणनीति में अहम बदलाव का संकेत है। 

एक तरफ भारत ने पाकिस्तान के साथ एलओसी पर सीजफायर पर सहमति जताई है तो वहीं चीन के मोर्चे पर सतर्कता बरतते हुए सैनिकों की संख्या में इजाफा किया है। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले 4 लोगों ने भारत ने चीन सीमा से लगते तीन जिलों में सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है। इसके अलावा फाइटर जेट्स की संख्या में भी इजाफा किया है। फिलहाल भारतीय सेना के 2 लाख जवाब बॉर्डर पर तैनात हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक बीते एक साल में सैनिकों की तैनाती में 40 फीसदी का इजाफा होने के चलते यह संख्या इतनी बढ़ गई है।

इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि अब तक सीमा पर भारतीय सेना की तैनाती इस लिहाज से की जाती थी कि चीन के किसी कदम को रोका जा सके। लेकिन अब तैनाती में इजाफा होने के चलते भारतीय सेना के पास विकल्प होगा कि वह आक्रामक जवाब दे सके। इस रणनीति को ऑफेंसिव डिफेंस के तौर पर जाना जाता है। दरअसल सीमा पर बीते कुछ वक्त में चीन ने भी अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई है। 

भारत ने सैनिकों की तैनाती में इजाफे के साथ ही हथियारों की मूवमेंट को लेकर भी प्लान तैयार किया है। बता दें कि चीन ने भारत से लगते सीमांत इलाकों में तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया है। रनवे बिल्डिंग्स, बम प्रूफ बंकरों और नए एयरफील्ड आदि का विकास किया है। यही नहीं तिब्बत में चीन की ओर से बीते सप्ताह ही बुलेट ट्रेन का संचालन शुरू किया गया है। इसके अलावा लॉन्ग रेंज आर्टिलरी, टैंक, रॉकेट रेजिमेंट्स और टू-इंजन फाइटर जेट्स की तैनाती चीन की ओर से की गई है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER