Indian Economy / अब इंडियन इकोनॉमी की रफ्तार होगी तेज, टैक्स राहत से बढ़ेगी मांग और बढ़ेंगे रोजगार के मौके

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए 12 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट की घोषणा की। साथ ही, बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने और अगली पीढ़ी के सुधारों को तेज करने का प्रस्ताव दिया। इस कदम से इंडियन इकोनॉमी में तेजी आने की उम्मीद है।

Vikrant Shekhawat : Feb 02, 2025, 07:40 PM
Indian Economy: भारत की वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 2025 का बजट पेश किया, जिसमें सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए कई अहम घोषणाएं कीं। इस बजट में जहां मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी गई, वहीं बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने सहित अगली पीढ़ी के सुधारों की ओर कदम बढ़ाए गए हैं। यह बजट भारत की आर्थिक प्रगति को नई दिशा देने का एक अहम प्रयास है।

मध्यम वर्ग को मिली बड़ी राहत

निर्मला सीतारमण के बजट में सबसे अहम घोषणा मध्यम वर्ग को मिली कर छूट थी। उन्होंने 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर छूट देने की घोषणा की, जिससे करोड़ों भारतीयों को वित्तीय राहत मिलेगी। वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इस फैसले को सराहा, यह कहते हुए कि यह कदम सही दिशा में बढ़ाया गया है। उनका मानना है कि इससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा, और बाजार में अधिक धन प्रवाहित होगा।

बीमा क्षेत्र में सुधार की दिशा

इस बजट में बीमा क्षेत्र को भी एक नया आयाम मिला। वित्त मंत्री ने एफडीआई सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा, जिससे विदेशी निवेशकों को भारत के बीमा क्षेत्र में अधिक निवेश करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, वित्त मंत्री ने प्रस्तावित किया कि अगले कुछ वर्षों में बीमा क्षेत्र में सुधार की गति तेज की जाएगी, जिससे भारतीय बीमा उद्योग अधिक प्रतिस्पर्धी और आधुनिक बनेगा।

विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चार इंजन

सरकार ने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के लिए चार महत्वपूर्ण इंजन को चिन्हित किया है—कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात। इन चारों क्षेत्रों में सुधार करने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाओं और प्रोत्साहनों का प्रस्ताव रखा है। इस दृष्टिकोण से, बजट का उद्देश्य न केवल राष्ट्रीय आय में वृद्धि करना है, बल्कि रोजगार सृजन, उत्पादन वृद्धि और निर्यात को भी प्रोत्साहित करना है।

आर्थ‍िक प्रगति को प्राथमिकता

बजट में राजकोषीय घाटे के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए, आर्थिक प्रगति पर जोर दिया गया है। विप्रो लिमिटेड की मुख्य वित्त अधिकारी अपर्णा अय्यर ने इस बजट को आर्थिक विकास को प्राथमिकता देने वाला बताया। उनका कहना था कि इस बजट में कर सुधार, नवाचार को बढ़ावा देने और कौशल विकास को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम उठाए गए हैं।

व्यापार को बढ़ावा देने वाला बजट

भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) ने इस बजट को व्यापार को आसान बनाने वाला बताया है। बजट में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिससे भारत को वैश्विक व्यापार में एक प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया जा सके। खासकर टेलीविजन निर्माताओं ने सरकार द्वारा टचस्क्रीन डिस्प्ले टीवी पर सीमा शुल्क दोगुना करने और ओपन सेल निर्माण के लिए कच्चे माल पर शुल्क में कमी करने के प्रस्ताव को सराहा, क्योंकि इससे घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा।

निष्कर्ष

2025 का बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देने वाला है। मध्यम वर्ग को मिली कर छूट, बीमा क्षेत्र में सुधार, और अगले कुछ वर्षों में निवेश, निर्यात, और एमएसएमई को बढ़ावा देने के प्रयासों से भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज होगी। इस बजट के जरिए सरकार ने न केवल आर्थिक प्रगति को प्राथमिकता दी है, बल्कि इसे आने वाले वर्षों में एक विकसित भारत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में प्रस्तुत किया है।