देशभर में इंडिगो एयरलाइंस के लगातार रद्द हो रहे उड़ानों के कारण उत्पन्न हुए संकट ने हवाई यात्रा को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस अभूतपूर्व स्थिति का फायदा उठाते हुए, अन्य एयरलाइंस ने हवाई किराए में रिकॉर्ड। बढ़ोतरी कर दी है, जिससे पहले से ही परेशान यात्रियों में हाहाकार मचा हुआ है। दिल्ली से मुंबई, पटना, बेंगलुरु, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख मार्गों पर किराए में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है, जो सामान्य किराए से कई गुना अधिक है और इस गंभीर स्थिति पर संज्ञान लेते हुए, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाया है और कुछ एयरलाइंस द्वारा बढ़ाए गए किरायों पर गंभीर नोटिस जारी किया है।
इंडिगो संकट और उड़ानों का रद्द होना
इंडिगो एयरलाइंस का संकट लगातार पांचवें या चौथे दिन भी जारी है, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए हैं। शनिवार को, दिल्ली से इंडिगो की कुल 86 उड़ानें रद्द की गईं, जिनमें 37 प्रस्थान करने वाली और 49 आगमन करने वाली उड़ानें शामिल थीं। मुंबई हवाई अड्डे पर भी स्थिति गंभीर रही, जहां इंडिगो की 109 उड़ानें रद्द हुईं, जिनमें 51 आगमन और 58 प्रस्थान शामिल थे और अहमदाबाद में 19 इंडिगो उड़ानें रद्द हुईं, जिनमें 7 आगमन और 12 प्रस्थान थीं, जबकि तिरुवनंतपुरम में 6 इंडिगो उड़ानें रद्द की गईं। इन बड़े पैमाने पर रद्दीकरणों ने यात्रियों के लिए यात्रा योजनाओं को बाधित कर दिया है और उन्हें वैकल्पिक व्यवस्थाएं खोजने के लिए मजबूर किया है।
आसमान छूते हवाई किराए और यात्रियों की परेशानी
इंडिगो की उड़ानों के रद्द होने के बाद, अन्य एयरलाइंस ने मांग में वृद्धि का लाभ उठाते हुए किराए में भारी बढ़ोतरी कर दी है। उदाहरण के लिए, दिल्ली से मुंबई का सामान्य किराया जो आमतौर पर 6,000 रुपये होता है, वह बढ़कर लगभग 70,000 रुपये हो गया है और इसी तरह, दिल्ली से पटना का किराया, जो सामान्यतः 5,000 रुपये होता है, वह 60,000 रुपये तक पहुंच गया है। दिल्ली से बेंगलुरु का किराया, जो सामान्य तौर पर 7,000 रुपये। होता है, वह 1 लाख रुपये से भी अधिक हो गया है। इसके अतिरिक्त, दिल्ली से चेन्नई का किराया 90,000 रुपये और दिल्ली से कोलकाता का किराया 68,000 रुपये के करीब पहुंच गया है। किराए में यह अप्रत्याशित वृद्धि उन यात्रियों के लिए एक बड़ा झटका है जिन्हें तत्काल यात्रा करनी है, चाहे वह व्यक्तिगत कारणों से हो या व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं के कारण।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सख्त कार्रवाई
यात्रियों को इस वित्तीय बोझ से बचाने और एयरलाइंस द्वारा अनुचित मूल्य निर्धारण को रोकने के लिए, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने तत्काल कदम उठाए हैं। मंत्रालय ने एयरफेयर में अचानक बढ़ोतरी पर गंभीर नोटिस जारी किया है और एयरलाइंस को अपनी मूल्य निर्धारण नीतियों पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि संकट की स्थिति में भी यात्रियों को अत्यधिक कीमतों का सामना न करना पड़े और हवाई यात्रा सभी के लिए सुलभ बनी रहे। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वह इस स्थिति को गंभीरता से ले रहा है और किसी भी एयरलाइन को यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाने की अनुमति नहीं देगा।
किराया सीमा का अनिवार्य कार्यान्वयन
मंत्रालय ने यात्रियों को महंगा टिकट न देना पड़े, इसके लिए किराया सीमा लागू की है। सभी एयरलाइंस को नई तय की गई किराया सीमा का पालन करना अनिवार्य है। यह नियम स्थिति सामान्य होने तक लागू रहेंगे, जिसका अर्थ है कि जब तक इंडिगो संकट पूरी तरह से हल नहीं हो जाता और हवाई यात्रा सामान्य नहीं हो जाती, तब तक एयरलाइंस को निर्धारित सीमा के भीतर ही किराया वसूलना होगा और इस कदम से उम्मीद है कि हवाई टिकट की कीमतें नीचे आएंगी और यात्रियों को कुछ राहत मिलेगी। यह एक महत्वपूर्ण नीतिगत हस्तक्षेप है जो बाजार की अस्थिरता के दौरान उपभोक्ता हितों की रक्षा करता है।
एयर फेयर की रियल-टाइम मॉनिटरिंग
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने संकट के दौरान एयर फेयर पर रियल-टाइम मॉनिटरिंग करने का भी फैसला किया है। इसका मतलब है कि मंत्रालय लगातार हवाई किराए पर नजर रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि एयरलाइंस निर्धारित किराया सीमा का पालन कर रही हैं। यदि कोई एयरलाइन इन नियमों का उल्लंघन करती पाई जाती है, तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी और इस निगरानी तंत्र का उद्देश्य पारदर्शिता बनाए रखना और एयरलाइंस को मनमानी मूल्य निर्धारण से रोकना है। मंत्रालय के इस सक्रिय दृष्टिकोण से उम्मीद है कि हवाई टिकट की कीमतें स्थिर होंगी और यात्रियों को उचित मूल्य पर यात्रा करने का अवसर मिलेगा। यह कदम बाजार में विश्वास बहाल करने और यह सुनिश्चित करने। के लिए महत्वपूर्ण है कि एयरलाइंस अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करें।