Israel-Iran War / इजरायल ने बीती रात 60 लड़ाकू विमानों से किया ईरान के 'दिल' पर हमला, परमाणु ठिकाने ध्वस्त

इजरायल ने गुरुवार रात तेहरान पर बड़ा हमला करते हुए 60 फाइटर जेट्स से 120 बम गिराए। हमले में ईरान के परमाणु अड्डे, रक्षा मंत्रालय, मिसाइल निर्माण स्थल और रडार सिस्टम तबाह कर दिए गए। इजरायली वायुसेना ने चार ड्रोन भी मार गिराए। हमले का वीडियो भी साझा किया गया।

Israel-Iran War: इजरायल और ईरान के बीच लगातार बढ़ते तनाव ने बृहस्पतिवार की रात उस समय नया मोड़ ले लिया जब इजरायली वायुसेना ने ईरान की राजधानी तेहरान पर भीषण हमला किया। इस सुनियोजित हमले में इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) ने 60 से अधिक फाइटर जेट का इस्तेमाल करते हुए ईरान के सैन्य और परमाणु ढांचे पर कहर बरपाया।

120 विनाशकारी बमों से हिला तेहरान

इजरायली वायुसेना ने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि गुरुवार रात को उसके लड़ाकू विमानों ने तेहरान के दर्जनों सैन्य ठिकानों पर लगभग 120 महाविनाशकारी बम गिराए। इन हमलों का मुख्य उद्देश्य था ईरान की मिसाइल निर्माण इकाइयों, उनके इंजन संयंत्रों और कच्चे माल के भंडारण स्थलों को पूरी तरह से खत्म करना।

रक्षा मंत्रालय और परमाणु ठिकाने भी निशाने पर

आईडीएफ के मुताबिक, इस अभियान में ईरान के रक्षा मंत्रालय और एक प्रमुख परमाणु औद्योगिक केंद्र को विशेष रूप से निशाना बनाया गया। इसके अलावा तेहरान स्थित स्पांड मुख्यालय को भी ध्वस्त कर दिया गया, जो कि उन्नत हथियारों और सैन्य तकनीकों के अनुसंधान एवं विकास का प्रमुख केंद्र था।

हवा में ही ढेर किए गए चार ईरानी ड्रोन

इस हमले के दौरान इजरायल ने केवल जमीनी ठिकानों को ही नहीं, बल्कि हवाई खतरों को भी समाप्त किया। ईरान द्वारा छोड़े गए चार मानव रहित ड्रोन (यूएवी) को इजरायली वायुसेना ने उड़ान के दौरान ही निशाना बनाकर मार गिराया।

ईरानी रडार और मिसाइल सिस्टम हुआ ध्वस्त

तेहरान और इस्फहान में स्थित ईरानी रडार और मिसाइल प्रणाली पर भी इजरायली विमानों ने हमला बोला। इन हमलों का उद्देश्य था इजरायली विमानों को रोकने वाले तंत्र को पूरी तरह से नाकाम करना। हमले के बाद जारी वीडियो में ईरानी रडार स्थलों के ध्वस्त होने की पुष्टि होती है।

क्षेत्रीय तनाव की नई पराकाष्ठा

इस हमले ने साफ कर दिया है कि इजरायल और ईरान के बीच छद्म युद्ध अब खुले टकराव की दिशा में बढ़ चुका है। जहां एक ओर इजरायल ने इसे आत्मरक्षा और भविष्य के खतरे को खत्म करने की कार्रवाई बताया है, वहीं ईरान की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। मगर इस हमले के क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभावों को लेकर चिंता गहराने लगी है।