टू प्लस टू वार्ता / जयशंकर ने अमेरिका की व्यापारिक प्रतिनिधि से मुलाकात की, सहयोग की प्रतिबद्धता पर कायम रहेंगे भारत-अमेरिका

Zoom News : Apr 13, 2022, 09:26 AM
भारत और अमेरिका ने मंत्री स्तरीय टु प्लस टु वार्ता के दौरान खुले व मुक्त हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराया और इस दिशा में आगे सहयोग जारी रखने की पुष्टि की। दोनों देशों ने वाशिंगटन में संपन्न हुई चौथी टु प्लस टु वार्ता के बाद साझा बयान जारी किया है। 

इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अमेरिका की व्यापारिक प्रतिनिधि राजदूत कैथरीन टाई से मुलाकात की और भारत अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की तथा वैश्विक स्थिति पर विचारों का आदान प्रदान किया। उन्होंने ट्वीट किया कि यूएसटीआर राजदूत टाई से मुलाकात कर खुशी हुई। हमने द्विपक्षीय व्यापार पर चर्चा की तथा वैश्विक स्थिति पर विचारों का आदान प्रदान किया।

इससे पहले वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया वहीं अमेरिका की ओर से विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन और रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने नेतृत्व किया। हिंद प्रशांत क्षेत्र के अलावा दोनों देशों के बीच रक्षा, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समेत अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी। साथ ही इन क्षेत्रों में क्वाड को और सशक्त करने की पहलों का भी स्वागत किया। साझा बयान में मंत्रियों ने पिछले साल मार्च में हुई वर्चुअल क्वाड बैठक, सितंबर 2021 में वाशिंगटन में हुई क्वाड नेताओं की बैठक और इस साल फरवरी में मेलबर्न में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक का जिक्र किया। दोनों देशों ने कहा कि वे इस साल तोक्यो में होने वाली अगली क्वाड सदस्यों की बैठक की तैयारी में जुटे हैं। बयान में मंत्रियों ने एक स्वतंत्र एवं खुले हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इस क्षेत्र में सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाएगा। यह क्षेत्र किसी भी देश के सैन्य, आर्थिक और राजनीतिक दबाव से मुक्त होगा। 

क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि के लिए मिलकर करेंगे काम

भारत और अमेरिका ने दोहराया कि वे क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे। इसमें समावेशी क्षेत्रीय ढांचे, कानून का सख्त पालन, आवाजाही की स्वतंत्रता, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और आसियान के संकल्पों का ध्यान रखा जाएगा। दोनों देशों ने कहा दक्षिण चीन सागर समेत पूरे क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन होना चाहिए ताकि नियम आधारित व्यवस्था की चुनौतियों का सामना किया जा सके। दोनों देशों ने इस दौरान क्षेत्र में शांति व समृद्धि के लिए बीते एक वर्ष में क्वाड के सकारात्मक और रचनात्मक एजेंडा विकसित करने पर हुई प्रगति का स्वागत किया। 

रक्षा क्षेत्र में परस्पर सहयोग को और मजबूती देंगे

भारत और अमेरिका के मंत्रियों ने वार्ता में तय किया कि रक्षा क्षेत्र में परस्पर सहयोग को और मजबूती दी जाएगी। भारत और अमेरिका ने एक उन्नत और व्यापक रक्षा साझेदारी के निर्माण के लिए अपनी महत्वाकांक्षाओं की पुष्टि की। इसमें दोनों देशों की सेनाएं सभी क्षेत्रों में एक साथ मिलकर समन्वय करेंगी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, इससे भारत-अमेरिका संबंधों की गति को बनाए रखने और हमारे काम को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। हमारे दो महान राष्ट्रों के परस्पर हित हैं और परस्पर लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक साझा इच्छा है। 

रक्षा साइबर संवाद का अगले चरण इस साल  

दोनों देशों के मंत्रियों ने 2021 में आयोजित दूसरे रक्षा साइबर संवाद का स्वागत किया और इस वर्ष अगले दौर के आयोजन की पुष्टि की। उन्होंने नए डोमेन में संयुक्त नवाचार और सहयोग के अवसरों का उपयोग करने के लिए इस वर्ष एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) संवाद शुरू करने का भी फैसला किया। मंत्रियों ने अपनी-अपनी सेनाओं के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण के मौकों पर भी चर्चा की। वहीं अमेरिका ने इन उभरते हुए क्षेत्रों में उन्नत पाठ्यक्रमों में भारतीय भागीदारी का स्वागत किया।

भारत को मिला अमेरिका का साथ 

पाकिस्तान में नये प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सत्ता संभालते ही भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान को दो-टूक कहा कि वह 26/11 के मुंबई और पठानकोट हमले के दोषियों को न्याय के दायरे में लाए। पाकिस्तान को यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया कि उसके क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए न हो। इसके लिए वह आतंकवाद के खिलाफ तत्काल, निरंतर और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करे। 

विदेशमंत्री एस. जयशंकर, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन व रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के बीच हुई टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान में पाकिस्तान से यह कदम उठाने की मांग की गई। जो बाइडन द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद दोनों देशों के मंत्रियों ने सोमवार को पहली टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता की। शहबाज शरीफ के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के एक दिन बाद दोनों देशों का यह संयुक्त बयान आया है।

बयान के अनुसार, मंत्रियों ने आतंकवादी संगठनों और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने, हिंसक कट्टरपंथ का मुकाबला करने, आतंकवादी घोषित करने, आतंकवादी कृत्यों के लिए इंटरनेट के उपयोग और सीमा-पार आतंकवाद संबंधी सूचनाओं के निरंतर आदान-प्रदान के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की।

एफएटीएफ के अनुरूप आतंकी फंडिंग पर अंकुश लगाने पर जोर

बयान में कहा गया कि मंत्रियों ने ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की सिफारिशों के अनुरूप, सभी देशों से मनी लॉन्ड्रिग और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया। भारत और अमेरिका ने हर तरह के आतंकवाद और सीमा पार आतंकवाद के इस्तेमाल की कड़ी निंदा की। पाकिस्तान 2018 से लगातार एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना हुआ है। वह अब तक आतंकी फंडिग और मनी लॉन्ड्रिग पर रोक लगाने में असफल रहा है। 


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