राजस्थान के डूंगरपुर जिले में आज शनिवार को आयोजित हुए राज्य स्तरीय जनजाति गौरव दिवस समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जनजाति समुदाय के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं और वितरण किए। यह कार्यक्रम जनजाति समुदाय के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को सम्मान देने के साथ-साथ उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री ने दोपहर 12. 20 बजे विशेष हेलीकॉप्टर से डूंगरपुर के पुलिस लाइन हेलीपेड पहुंचकर कार्यक्रम में शिरकत की, जहां भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक सहायता
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने समारोह के दौरान समाज कल्याण विभाग। की ओर से कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाया। उन्होंने 40 होनहार बालिकाओं को स्कूटी वितरित की, जिससे उनकी शिक्षा और आवागमन में सुविधा होगी, और वे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकेंगी। इसके अतिरिक्त, 23 दिव्यांगों को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर प्रदान की गईं, जो उनके जीवन को आसान बनाएंगी और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जुड़ने में मदद करेंगी। ये वितरण सीधे तौर पर लाभार्थियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से किए गए हैं।
समारोह में सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने वाली योजनाओं के तहत भी लाभ प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री ने सुखद दाम्पत्य योजना के दो लाभार्थियों को 5-5 लाख रुपए के चेक सौंपे, जिससे नवविवाहित जोड़ों को आर्थिक संबल मिलेगा। इसके साथ ही, अंतरजातीय विवाह योजना के एक लाभार्थी को 10 लाख रुपए की कुल राशि में से पहली किश्त के रूप में ढाई लाख रुपए का चेक प्रदान किया गया और ये योजनाएं सामाजिक समरसता और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने में सहायक हैं।
आजीविका और विकास को बढ़ावा
आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने महिला स्वयं सहायता समूहों को आजीविका संवर्धन के लिए 31 करोड़ रुपए के ऋण का वितरण किया और यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, छोटे व्यवसाय शुरू करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने 87 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया, जिससे क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास होगा और लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और इन परियोजनाओं में सड़क, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित कार्य शामिल हो सकते हैं, जो क्षेत्र के समग्र विकास को गति देंगे।
शिक्षा और सशक्तिकरण पर जोर
शिक्षा के क्षेत्र में भी मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं और उन्होंने किसानों और विद्यार्थियों को 204 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भुगतान किया। यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा की गई, जिससे उन्हें शिक्षा और कृषि संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी और जनजाति युवाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु 60 छात्राओं के आवासीय बैच का भी शुभारंभ किया गया। यह पहल जनजाति युवाओं को उच्च शिक्षा और रोजगार के अवसरों के लिए तैयार करेगी, जिससे उनका भविष्य उज्ज्वल होगा।
जनजाति गौरव सम्मान और प्रदर्शनी
कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने श्री भोगीलाल पंड्या राजकीय महाविद्यालय के मैदान में जनजाति गौरव एवं विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और उसका अवलोकन किया। इस प्रदर्शनी में जनजाति समुदाय की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और विकास यात्रा को दर्शाया गया, जिससे आगंतुकों को उनकी विरासत को समझने का अवसर मिला और इसके अतिरिक्त, उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रतिभाओं को जनजाति गौरव सम्मान से नवाजा गया, जिससे समुदाय के भीतर प्रेरणा और सकारात्मकता का संचार हुआ। यह सम्मान उन व्यक्तियों को दिया गया जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और समुदाय के लिए एक मिसाल कायम की है।
मुख्यमंत्री का संबोधन और अन्य गणमान्य व्यक्ति
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य स्तरीय जनजाति गौरव दिवस समारोह को संबोधित करते हुए जनजाति समुदाय के कल्याण के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उनके संबोधन में इन योजनाओं के महत्व और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी और जिले के प्रभारी मंत्री सहित कई अन्य नेता भी शामिल हुए, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यह समारोह न केवल जनजाति समुदाय के लिए एक उत्सव था, बल्कि उनके सर्वांगीण विकास की दिशा में सरकार के प्रयासों को प्रदर्शित करने का एक मंच भी था।