विश्व / मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए किया कश्मीर का विलय: इमरान खान

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से बौखलाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा है। पाक पीएम ने कहा कि भारत के कब्जे वाले कश्मीर का विलय करना भारत सरकार की मुस्लिमों को निशाना बनाने वाली एक व्यापक नीति का हिस्सा है। इमरान खान ने भारत में जारी हुई नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) की सूची का भी जिक्र किया। उनकी पहचान अवैध विदेशी के रूप में हुई है।

इस्लामाबाद. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से बौखलाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा है। इस बार इमरान खान ने इसके लिए भारत में जारी हुई नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) का सहारा लेते हुए एक बार फिर इस्लामिक कार्ड खेलने की कोशिश की है। पाक पीएम ने कहा कि भारत के कब्जे वाले कश्मीर का विलय करना भारत सरकार की मुस्लिमों को निशाना बनाने वाली एक व्यापक नीति का हिस्सा है। 

इमरान खान ने भारत में जारी हुई नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) की सूची का भी जिक्र किया। इस सूची में असम में कम से कम 19 लाख से अधिक लोगों के नाम शामिल नहीं हैं। उनकी पहचान अवैध विदेशी के रूप में हुई है। 

'इसे खतरे की घंटी समझा जाए' 

जियो न्यूज के अनुसार, उठाया गया यह कदम क्षेत्र से मुसलमानों के बड़े पैमाने पर निर्वासन के जोखिम को दर्शाता है। इमरान खान ने एक ट्वीट में कहा, मुसलमानों की जातीय सफाई के लिए दुनिया भर में इसे खतरे की घंटी समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की आ रही खबरों से मोदी सरकार द्वारा मुसलमानों की जातीय सफाई की नीति को लेकर दुनिया भर में इसे खतरे की घंटी समझा जाना चाहिए। कश्मीर का विलय मुस्लिमों को निशाना बनाने वाली इसी व्यापक नीति का हिस्सा है।' 

युद्ध की दी थी चेतावनी 

बता दें कि इससे पहले इमरान ने गुरुवार को कहा कि अगर भारत जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटाने का फैसला पलटता है, प्रतिबंधों को खत्म करता है और अपनी सेना को वापस बुलाता है, तभी उसके साथ बातचीत हो सकती है। इस दौरान उन्होंने युद्ध की चेतावनी भी दी। हालांकि एक तरफ जहां इमरान खान युद्ध की चेतावनी दे रहे हैं, वहीं उनके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत से बातचीत की इच्छा जताई है। 

इमरान के मंत्री बोले- बातचीत को तैयार 

पाक मीडिया के मुताबिक कुरैशी ने कहा, 'हम वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा भारत भी यह चाहता है या नहीं।' कुरैशी का यह बयान तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ आतंक मुक्त और हिंसा मुक्त माहौल में द्विपक्षीय वार्ता को तैयार है।