लॉस एंजेलिस में 2028 में होने वाले ओलंपिक खेलों में क्रिकेट की एक सदी के बाद वापसी हो रही है, जो खेल प्रेमियों के लिए एक रोमांचक खबर है। इस मेगा इवेंट में महिला और पुरुष दोनों श्रेणियों में 6-6 टीमें हिस्सा लेंगी। हालांकि, इस ऐतिहासिक वापसी के साथ ही पाकिस्तान क्रिकेट टीम के ओलंपिक में खेलने के सपने पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने हाल ही में दुबई में अपनी बोर्ड मीटिंग में लॉस एंजेलिस 2028 गेम्स के लिए टीमों के चयन के तरीके को अंतिम रूप दिया है, और यह नया मॉडल पाकिस्तान के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
क्रिकेट की ओलंपिक में ऐतिहासिक वापसी
क्रिकेट आखिरी बार 1900 के पेरिस ओलंपिक में खेला गया था, और। अब 128 साल बाद यह खेल ओलंपिक मंच पर लौट रहा है। यह क्रिकेट के वैश्विक विस्तार और लोकप्रियता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। लॉस एंजेलिस 2028 ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने का निर्णय खेल के प्रशंसकों और खिलाड़ियों दोनों के लिए उत्साहजनक है और iCC और इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) के बीच लगातार बातचीत के बाद यह संभव हो पाया है, जिसका उद्देश्य क्रिकेट को वैश्विक मल्टीस्पोर्ट परिदृश्य में अपनी जगह दिलाना है। इस इवेंट में पुरुषों और महिलाओं दोनों के T20 प्रारूप में मैच खेले जाएंगे, जिससे खेल का तेज और रोमांचक स्वरूप देखने को मिलेगा। कुल 28 मैच खेले जाएंगे, जिसकी शुरुआत 12 जुलाई 2028 से होगी।
टीमों के चयन का नया मॉडल
पहले यह विचार था कि ICC T20I रैंकिंग के आधार पर शीर्ष 6 टीमों को सीधे प्रवेश मिलेगा, लेकिन अब इस आइडिया को खत्म कर दिया गया है और iCC ने एक नया और अधिक समावेशी मॉडल अपनाया है। इस नए मॉडल के तहत, प्रत्येक क्षेत्र/महाद्वीप से शीर्ष रैंक वाली टीम को ओलंपिक में जगह मिलेगी। इसके अलावा, छठी टीम का चयन ग्लोबल क्वालिफायर के माध्यम से किया जाएगा। ICC के एक अधिकारी ने बताया कि टीमों की भागीदारी को लेकर विस्तृत बातचीत हुई है और यह तय किया गया है कि हर क्षेत्र/महाद्वीप की शीर्ष रैंक वाली टीम इसमें हिस्सा लेगी, जबकि छठी टीम ग्लोबल क्वालिफायर से आएगी। ICC जल्द ही इस संबंध में विस्तृत जानकारी साझा करेगा, लेकिन रोडमैप लगभग फाइनल हो चुका है और इस व्यवस्था का मतलब है कि पहली पांच टीमों में प्रत्येक क्षेत्र/महाद्वीप की शीर्ष टीम शामिल होगी।
पाकिस्तान के लिए संभावित चुनौतियाँ
टीमों के चयन के इस नए क्षेत्रीय मॉडल का पाकिस्तान क्रिकेट टीम पर सीधा असर पड़ सकता है। मौजूदा रैंकिंग और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के आधार पर, भारत एशिया से, ऑस्ट्रेलिया ओशिनिया से, इंग्लैंड यूरोप से और दक्षिण अफ्रीका अफ्रीका से आसानी से क्वालीफाई कर सकते हैं। अमेरिका, मेजबान होने के नाते, अमेरिका क्षेत्र से क्वालीफाई कर सकता है, या वेस्टइंडीज उस जगह को ले सकता है। ऐसे में, पाकिस्तान के लिए सीधे क्वालीफाई करना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि एशिया से भारत के क्वालीफाई करने की प्रबल संभावना है। पाकिस्तान को अपनी जगह बनाने के लिए ग्लोबल क्वालिफायर पर निर्भर रहना। पड़ सकता है, जिसकी डिटेल्स अभी ICC द्वारा साझा की जानी बाकी हैं।
भारत-पाकिस्तान मैच की संभावना पर अनिश्चितता
लॉस एंजेलिस 2028 ओलंपिक में भारत और पाकिस्तान के बीच बहुप्रतीक्षित मुकाबले की संभावना भी कम दिख रही है। चूंकि ग्लोबल क्वालिफायर की डिटेल्स अभी तक स्पष्ट नहीं हैं, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि दोनों टीमें एक ही इवेंट में हिस्सा ले पाएंगी या नहीं। अगर पाकिस्तान ग्लोबल क्वालिफायर के माध्यम से क्वालीफाई नहीं कर पाता है, तो क्रिकेट के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों में से एक का ओलंपिक मंच पर आमना-सामना नहीं हो पाएगा, जो क्रिकेट प्रशंसकों के लिए निराशाजनक हो सकता है। ICC ने अपनी मीटिंग के बाद जारी विस्तृत बयान में महिला क्रिकेट की सफलता का भी जिक्र किया और LA28 गेम्स के बारे में अपडेट दिया, जिसमें क्रिकेट के वैश्विक विकास पर जोर दिया गया है।
आगे की राह और ICC की भूमिका
ICC जल्द ही ग्लोबल क्वालिफायर के लिए विस्तृत नियम और शर्तें जारी करेगा और यह क्वालिफायर उन टीमों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा जो क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के माध्यम से सीधे क्वालीफाई नहीं कर पाती हैं। ICC का यह कदम क्रिकेट को ओलंपिक आंदोलन के साथ और अधिक एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। महिला क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता और वैश्विक पहुंच को देखते हुए, ओलंपिक में इसकी वापसी खेल को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेगी। सभी की निगाहें अब ICC की अगली घोषणाओं पर टिकी हैं, खासकर ग्लोबल क्वालिफायर की डिटेल्स पर, जो कई टीमों के ओलंपिक सपनों का निर्धारण करेंगी।