विदेश / देश को खून-खराबे से बचाने के लिए गया हूं: देश छोड़ने के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी

काबुल पर तालिबान के कब्ज़ा करने के बाद देश छोड़कर गए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, "खून-खराबा ना हो इसलिए मैंने सोचा कि मेरा चले जाना सबसे अच्छा है।" उन्होंने कहा, "अगर अब भी अनगिनत देशवासी मरते और वह काबुल शहर के विनाश का सामना करते तो...शहर में एक बड़ी मानवीय आपदा होती।"

काबुल: तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान छोड़कर भागने वाले राष्ट्रपति अशरफ गनी देर रात फेसबुक पर पोस्ट अपने देश छोड़ने की वजह बताई। उन्होंने लिखा है कि वह इसलिए अफगानिस्तान से भागे ताकि लोगों को ज्यादा खून-खराबा न देखना पड़े। गौरतलब है कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। समाचार एजेंसी एएफपी ने तीन वरिष्ठ तालिबान सूत्रों के हवाले से बताया कि लड़ाकों ने प्रेसीडेंशियल पैलेस पर कब्जा कर लिया है। वो यहां पर काबुल की सुरक्षा के लिए मीटिंग कर रहे हैं।

तो बर्बाद हो जाता काबुल

गनी ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि अगर वह अफगानिस्तान में रुके होते तो बड़ी संख्या में लोग देश के लिए लड़ने आते। ऐसे में वहां असंख्य लोगों की जान जाती। साथ ही काबुल शहर पूरी तरह से बर्बाद हो जाता। उन्होंने लिखा कि अब तालिबान जीत चुका है। अब वह अफगान लोगों के सम्मान, संपत्ति और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। अशरफ गनी ने लिखा है कि तालिबान एक ऐतिहासिक टेस्ट का सामना कर रहा है। अब या तो वो अफगानिस्तान के नाम और सम्मान को बचाएंगे। या फिर अन्य जगहों और नेटवर्क को वरीयता देंगे। 

कहां गए हैं यह नहीं बताया

हालांकि अशरफ गनी ने अपनी पोस्ट में यह नहीं बताया कि वह फिलहाल कहां पर हैं। हालांकि प्रमुख अफगान मीडिया ग्रुप टोलो न्यूज के मुताबिक गनी ताजिकिस्तान गए हैं। इससे पूर्व शांति प्रक्रिया के प्रमुख अब्दुल्ला-अब्दुल्ला ने अफगानिस्तान को इस हालात में पहुंचाने के लिए अशरफ गनी को जिम्मेदार बताया। इस बीच अफगानिस्तान में हालात बेहद नाजुक हैं। वहीं काबुल हवाई अड्डे से उड़ानों को बंद कर दिया गया है।