लखनऊ / अयोध्या नगरी हुई रोशनी से जगमग, 5 लाख से ज्यादा दीये जलाए गए, 11 झांकियां निकाली गईं

NDTV : Oct 27, 2019, 08:14 AM
नई दिल्ली/ अयोध्या:भगवान राम की नगरी अयोध्या (Ayodhya) में आज तीसरा दीपोत्सव (Ayodhya Deepotsav 2019 ) आयोजित किया जा रहा है. अयोध्या नगरी रोशनी से जगमग है. राम की पैड़ी और सरयू तट पर 5 लाख से ज्यादा दीये जलाए गए हैं. इसी क्रम में आज साकेत महाविद्यालय से भगवान की लीला पर आधारित 11 झांकियां निकाली गईं. फिजी की डिप्टी स्पीकर वीना भटनागर ने इसे झंडी दिखाकर रवाना किया. रामकथा पार्क तक निकलने वाली इन झांकियों का जगह-जगह स्वागत हुआ. 11 झांकियों में भगवान श्री राम के जीवन का वृतांत है. 

भारत के अनेक प्रदेशों से आईं विभिन्न रामलीला समितियों द्वारा इन पर भगवान श्रीराम और रामायण के 11 प्रसंगों को प्रस्तुत किया गया.  दीपोत्सव की शोभा बढ़ाने वाली इन झांकियों को निकालने के पीछे भगवान के चरित्र को जन जन तक पहुंचाने का प्रयास माना जा रहा है. झांकी के साथ चल रहे विभिन्न प्रदेशों के कलाकारों द्वारा किया जा रहा नृत्य काफी मनमोहक है. 

दीपोत्सव में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंचे सीएम योगी ने कहा कि राम की परंपरा पर सबको गर्व की अनुभूति होती है. उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार में बिना किसी भेदभाव के सबका विकास हो रहा है. सीएम योगी ने कहा, पिछली सरकारें अयोध्या के नाम से डरती थीं. पीएम मोदी ने राम राज्य की धारणा को साकार किया है. मोदी ने भारत की परंपरा को विश्व पटल पर रखा. भारत दुनिया में विश्वगुरू के रूप में स्थापित हो रहा है.' इस दौरान सीएम योगी ने कहा, 'भारत किसी को छेड़ता नहीं, अगर कोई छेड़े तो उसे छोड़ता नहीं.'

बता दें कि कार्यक्रम में सीएम योगी के अलावा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी शिरकत कर रही हैं. आपको बता दें कि आज ही सीएम योगी ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी से अपने सरकारी आवास पर मुलाकात की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि "राम मंदिर पर अदालत का जो भी फैसला आए, उसे हम सभी को मानना चाहिए." 

मुख्यमंत्री योगी ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि से प्रयागराज में संगम की रेती पर लगने वाले माघ मेले और राम जन्म भूमि के संदर्भ में चर्चा की.सीएम योगी ने कहा, "राम मंदिर पर यदि हिंदू जनमानस के पक्ष में फैसला आता है, तो भी खुशियां मनाने में बहुत अतिरेक नहीं किया जाना चाहिए. अति उत्साह में ऐसा कोई भी कार्य न हो, जो अशोभनीय हो. हम सबको अदालत का फैसला मानना चाहिए." 

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