देश / मनसुख मांडविया बने देश के नए स्वास्थ्य मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान को मिला शिक्षा मंत्रालय

Zoom News : Jul 08, 2021, 06:48 AM
नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कैबिनेट विस्‍तार किया। जिसमें मनसुख मंडाविया को बुधवार को डॉ. हर्षवर्धन की जगह भारत का नया स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। मनसुख मंडाविया का पोर्टफोलियो अत्यधिक महत्व रखता है क्योंकि देश कोरोनोवायरस महामारी के बीच में उन्‍हें स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में मची तबाही की वजह से हर्ष वर्धन से छिना स्वास्थ्य मंत्रालय अब मनसुख मांडविया को दिया गया है।

गुजरात से आने वाले मनसुख के पास केमिकल और फर्टिलाइजर मंत्रालय भी रहेगा। खुद एक डॉक्टर, हर्षवर्धन स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रभारी थे कोविड महामारी में उन्‍होंने दिन रात मेहनत की और फिर भारत ने टीके विकसित करने के लिए काम किया। हालाँकि, संकट के बीच में उनकी विभिन्न टिप्पणियों को आलोचकों द्वारा असंवेदनशील और जमीनी हकीकत से अनभिज्ञ बताया गया, यहां तक ​​​​कि उन्होंने सरकार की स्थिति से निपटने का जोरदार बचाव किया। इसके बावजूद डाक्‍टर हर्षवर्धन से स्‍वास्‍थ मंत्रालय की जिम्‍मेदारी लेकर मंडाविया को ये जिम्‍मेदारी दी गई है। आइए जानते हैं कौन हैं ये मं‍डावरिया जिन पीएम मोदी ने जताया हैं इतना भरोसा?

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में एक महत्वपूर्ण युवा चेहरा रहे

मनसुख लक्ष्मणभाई मंडाविया राज्यसभा के सदस्य हैं। उन्होंने अपनी युवावस्था में एबीवीपी की राज्य कार्यकारी समिति के रूप में कार्य किया। वह 2002 के पलिताना निर्वाचन क्षेत्र के विधायक भी चुने गए। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के भाजपा नेता मनसुख मंडाविया 2016 से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में एक महत्वपूर्ण युवा चेहरा रहे हैं।उन्हें पहली बार केंद्रीय कैबिनेट में 5 जुलाई, 2016 को सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया था।

किसान परिवार के हैं बेटे

30 मई, 2019 को, उन्हें फिर से रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में बंदरगाहों, नौवहन और जलमार्ग के स्वतंत्र प्रभार के साथ शपथ दिलाई गई। 1 जुलाई, 1972 को भावनगर जिले के हनोल गाँव में एक किसान परिवार में जन्मे, मंडाविया पहली बार 2012 में राज्यसभा के लिए चुने गए और 2018 में फिर से चुने गए।

मंडाविया 2002 में गुजरात में सबसे कम उम्र के विधायक बने

इससे पहले, उन्होंने गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। उन्होंने भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) में शामिल होने से पहले, आरएसएस की छात्र शाखा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। मंडाविया 2002 में गुजरात में सबसे कम उम्र के विधायक बने जब वे पलिताना निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए।

स्‍वास्‍थ क्षेत्र में मं‍डारिया ने किए हैं ये काम

2014 में, वह भाजपा के मेगा सदस्यता अभियान के प्रभारी भी बने, जिसके दौरान एक करोड़ लोग पार्टी में शामिल हुए। अगले वर्ष 2015 में, उन्हें संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया, जहां उन्होंने 'सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा' पर भाषण दिया। केंद्रीय मंत्री के रूप में, उन्हें सस्ती दरों पर 850 से अधिक दवाएं उपलब्ध कराने और हार्ट स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण की लागत को कम करने के लिए 5,100 से अधिक जन औषधि स्टोर स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। उन्हें यूनिसेफ द्वारा महिलाओं के मासिक धर्म स्वच्छता में योगदान के लिए जन औषधि केंद्रों की श्रृंखला का उपयोग करके ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल तकनीक से बने 10 करोड़ सैनिटरी पैड को मामूली कीमत पर बेचने के लिए सम्मानित किया गया था।

मंडावियां के ये प्रयास खूब सराहे गए

भावनगर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर, मंडाविया को लंबी पदयात्राओं (पैर मार्च) के आयोजन के लिए भी जाना जाता है, जिसमें उन्होंने लड़कियों की शिक्षा और नशे के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक विधायक के रूप में दो पदयात्राएं कीं। उनके संगठनात्मक कौशल को ध्यान में रखते हुए, उन्हें 2013 में राज्य भाजपा का सबसे कम उम्र का सचिव और 2014 में महासचिव बनाया गया था।

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