भुज / गुजरात के माता-ना-मढ़ में मिली मंगल ग्रह जैसी सतह, अमेरिकी वैज्ञानिक पहुंचे जांच के लिए

Dainik Bhaskar : Mar 09, 2020, 02:02 PM
भुज (रोनक गज्जर). गुजरात में कच्छ के धार्मिक स्थल माता-ना-मढ़ में मंगल ग्रह जैसी सतह पाई गई है। वैज्ञानिकों की जांच में पता चला है कि यह मंगल की सतह से समानता रखने वाली दुनिया की इकलौती जगह है। इस तथ्य के सामने आने के बाद दुनियाभर के वैज्ञानिक यहां सोध के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं, इसरो, आईआईटी खड़गपुर और जियोफिजिकल रिसर्च सेंटर हैदराबाद ने इस पर संयुक्त रूप से शोध करने की बात कही है।

आईआईटी खड़गपुर के भूशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. साईबल गुप्ता ने कहा- “माता-ना-मढ़ का अध्ययन बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। इस अध्ययन से भविष्य में नासा और इसरो के मंगल मिशन के दौरान लैंडिंग साइट तय करने में मदद मिलेगी।” उन्होंने कहा कि हाइड्रो सल्फेट ऑफ पॉटेशियम और लौह तत्व के घटकों से जैरोसाइट बनता है, जो मंगल की सतह पर पाया जाता है। माता-ना-मढ़ की जमीन में भी इसकी मौजूदगी पाई गई है।

अमेरिकी वैज्ञानिक मुआयना करने पहुंचे

मंगल की सतह से समानता की खबर मिलने के बाद, अमेरिका से वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक माता-ना-मढ़ की जमीन का मुआयना करने पहुंचे। उन्होंने कहा- खनिज विज्ञान पर शोध करने के लिए यह जगह बेहतरीन है। करीब साढ़े 3 साल का समय और 10 लाख रुपए खर्च करके यहां दुर्लभ खनिज जैसोराइस की मौजूदगी वाले स्पॉट को खोजा गया है। इसके लिए आधुनिक स्पैक्ट्रोस्कोपिक और एक्स-रे डिफ्रैक्शन पैटर्न पद्धति की मदद ली गई।

मंगल पर हो रहे परिवर्तन का पता लगाना उद्देश्य

भूशास्त्र विशेषज्ञ डॉ. महेश ठक्कर ने कहा- माता-ना-मढ़ पृथ्वी पर इकलौता ऐसा स्थान है, जहां बेसाल्ट टैरेन (काले पत्थर की श्रृंखला) में जैरोसाइट की मौजूदगी पाई गई है। इसरो द्वारा कराए जाने वाले शोध का उद्देश्य यह पता लगाना है कि मंगल पर पानी का अस्तित्व था या नहीं और सदियों पहले वातावरण में हुए बदलाव के चलते वहां के वातावरण में क्या-क्या परिवर्तन हुए।

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