कोरोना अलर्ट / कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में 'आर या पार' वाला महीना साबित हो सकता है मई : चिकित्सा विशेषज्ञ

भारत में तीन मई को लॉकडाउन की अवधि समाप्त हो रही है। जैसे-जैसे यह तारीख नजदीक आ रही है, चिकित्सा विशेषज्ञ महसूस कर रहे हैं कि अगला महीना यानी मई कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में 'आर या पार' वाला महीना साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ राहतें देने के साथ-साथ हॉटस्पॉट इलाकों में आक्रामक कंटेनमेंट नीति बनाने की बहुत जरूरत है।

AMAR UJALA : Apr 30, 2020, 05:48 PM
भारत: में तीन मई को लॉकडाउन की अवधि समाप्त हो रही है। जैसे-जैसे यह तारीख नजदीक आ रही है, चिकित्सा विशेषज्ञ महसूस कर रहे हैं कि अगला महीना यानी मई कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में 'आर या पार' वाला महीना साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ राहतें देने के साथ-साथ हॉटस्पॉट इलाकों में आक्रामक कंटेनमेंट नीति बनाने की बहुत जरूरत है। 

विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कम से कम मई तक रेलवे यात्रा, हवाई यात्रा, अंतरराज्यीय बस सेवा, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और धार्मिक स्थलों को बंद रखना चाहिए। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के सभी मुख्यमंत्रियों से वार्ता में कहा था कि हमें कोरोना वायरस से जंग जारी रखने के साथ देश की अर्थव्यवस्था पर भी ध्यान देना होगा।

केंद्र सरकार ने बुधवार को स्पष्ट संकेत दिए थे कि पूरे देश में जारी लॉकडाउन को तीन मई के बाद आगे भी बढ़ाया जाएगा, लेकिन साथ ही लोगों को कुछ राहतें दी जाएंगी और कई जिलों में कुछ सेवाओं को भी छूट दी जाएगी। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि रेड जोन में आक्रामक नियंत्रण की रणनीति की जरूरत है और ग्रीन जोन में भी राहतें देते हुए पूरी निगरानी करने की आवश्यकता है।  बुधवार को एक आधिकारिक सूत्र ने बताया था कि देश में कोरोना वायरस हॉटस्पॉट जिलों की संख्या बुधवार सुबह तक घटकर 129 हो गई है। यह संख्या एक पखवाड़ा पहले तक 170 थी। लेकिन, इस दौरान संक्रमण मुक्त इलाके या ग्रीन जोन की संख्या में कमी भी आई है। इन की संख्या अब 325 से घटकर 307 हो गई है। वहीं, इसी समयकाल के दौरान नॉन हॉटस्पॉट जिले या ऑरेंज जोन की संख्या में बढ़त हुई है जो 207 से 297 हो गई है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में पल्मोनॉलॉजी एंड क्रिटिकल केयर के अतिरिक्त निदेशक डॉ. राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि यह समझना बहुत जरूरी है कि लॉकडाउन से वायरस मरता नहीं है, इससे केवल वायरस के प्रसार की रफ्तार कम होती है। उन्होंने कहा रेड जोन में अभी कम से कम दो सप्ताह तक और लॉकडाउन जारी रहना चाहिए। 

उन्होंने कहा, मई का महीना कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में 'आर या पार' का महीना साबित हो सकता है और यह जरूरी है कि उन मामलों में बंदी बरकरार रहे जहां संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। डॉ. गुप्ता ने कहा कि ग्रीन जोन में राहतें दी जा सकती हैं लेकिन पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि वहां किसी तरह से वायरस न पहुंचे और क्षेत्र संक्रमण मुक्त रहे।

वहीं, सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि यह बहुत जरूरी था कि रेल यात्रा, हवाई यात्राओं, अंतरराज्यीय बस सेवाओं, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और धार्मिक स्थानों आदि को बंद किया जाए। उन्होंने कहा, ग्रीन जोन की सीमाओं को सील कर दिया जाना चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग आदि मानकों का इस्तेमाल करते हुए जरूरी राहतें दी जानी चाहिए।