राजस्थान के औद्योगिक और तकनीकी परिदृश्य में एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया है. प्रवासी राजस्थान दिवस के अवसर पर, लंदन स्थित अंतरराष्ट्रीय आईटी विजनरी और प्रवासी उद्यमी सुखदेव जांगिड़ ने राजस्थान सरकार के साथ 60,000 करोड़ रुपये के एक विशाल निवेश एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं और इस समझौते के तहत, जोधपुर में दुबई की तर्ज पर एक अत्याधुनिक आईटी टेक्नो सिटी का निर्माण किया जाएगा, जिसे अगले पांच वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. यह परियोजना राज्य के आईटी सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और युवाओं. के लिए वैश्विक स्तर के रोजगार के अवसर पैदा करने का वादा करती है.
मुख्यमंत्री ने की सराहना
सुखदेव जांगिड़ ने जब मुख्यमंत्री के सामने इस महत्वाकांक्षी आईटी आधारित टेक्नो सिटी परियोजना का प्रस्ताव प्रस्तुत किया, तो मुख्यमंत्री ने उनके इस दूरदर्शी कदम की खुले दिल से सराहना की. मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह निवेश केवल राजस्थान के आईटी सेक्टर को ही मजबूत नहीं करेगा, बल्कि यह. राज्य के युवाओं के लिए वैश्विक स्तर के रोजगार के अवसर, उद्यमिता के विस्तार और तकनीकी नवाचार के नए द्वार भी खोलेगा. यह परियोजना राज्य के आर्थिक विकास को गति देने और उसे एक आधुनिक तकनीकी हब के. रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे राजस्थान का भविष्य और भी उज्ज्वल होगा.
इस मेगा इन्वेस्टमेंट परियोजना का मुख्य लक्ष्य जोधपुर को एक वैश्विक आईटी केंद्र के रूप में विकसित करना है और दुबई की तर्ज पर बनने वाली यह टेक्नो सिटी आधुनिक आईटी इमारतों, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और नवाचार-केंद्रित इकोसिस्टम से सुसज्जित होगी. जांगिड़ का मानना है कि यह परियोजना केवल निवेश तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य राजस्थान के युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही वैश्विक अवसर प्रदान करना है. यह मारवाड़ की प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचने का अवसर देगी और विदेशों में कार्यरत भारतीयों को अपनी मातृभूमि में वापस आकर योगदान करने के लिए प्रेरित करेगी. इस परियोजना से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा, आईटी और. स्टार्टअप इकोसिस्टम का विस्तार होगा, और वैश्विक निवेश प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा.
सुखदेव जांगिड़ का प्रेरणादायक सफर
सुखदेव जांगिड़ का जीवन संघर्ष, परिश्रम और दृढ़ संकल्प की एक मिसाल है. वे एक सामान्य किसान परिवार से आते हैं, जहां उनके पिता कृषि कार्य से जुड़े थे और तीन भाइयों में सबसे छोटे सुखदेव जांगिड़ ने अपने बड़े भाई को वर्ष 2012 में खो दिया था. उनकी प्राथमिक शिक्षा ग्राम अरणाय (सांचौर) के एक सरकारी स्कूल में हुई, जो उनके शुरुआती जीवन की सादगी को दर्शाता है. उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा 1997 में जोधपुर में प्राप्त की, और फिर 2006 में लंदन यूनिवर्सिटी (यूके) से एमबीए की डिग्री हासिल की, जो उनके वैश्विक दृष्टिकोण की नींव बनी.
अंतर्राष्ट्रीय उद्यमिता की ओर
अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, सुखदेव जांगिड़ ने 2007-08 में लंदन की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी (MNC) में काम किया, जहां उन्होंने मूल्यवान वैश्विक अनुभव प्राप्त किया और इस अनुभव ने उन्हें उद्यमिता की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया, और 2009 में उन्होंने लंदन में अपनी खुद की कंपनी, कैप्सिटेक की स्थापना की. उनकी कंपनी के भारत में बैक ऑफिस भी स्थित हैं, जो उनकी वैश्विक उपस्थिति को दर्शाता है. वर्तमान में, सुखदेव जांगिड़ सात देशों – लंदन (यूके), अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया,. इंडोनेशिया, दुबई और अन्य – में 29 सफल कंपनियां संचालित कर रहे हैं. यह उनकी व्यावसायिक दूरदर्शिता और वैश्विक पहुंच का प्रमाण है.
प्रवासियों के लिए एक बड़ा सपना
जांगिड़ का यह प्रोजेक्ट केवल आर्थिक निवेश से कहीं बढ़कर है;. यह राजस्थान के प्रवासियों के लिए एक बड़े सपने का प्रतीक है. उनका उद्देश्य केवल धन कमाना नहीं, बल्कि अपनी मातृभूमि के. प्रति समर्पण दिखाते हुए, राजस्थान के युवाओं को सशक्त बनाना है. वे चाहते हैं कि मारवाड़ की प्रतिभाएं, जिन्हें अक्सर अवसरों की तलाश में बाहर जाना पड़ता है, उन्हें अपने ही राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर के अवसर मिलें और इस टेक्नो सिटी परियोजना के पूरा होने पर, जोधपुर का क्षितिज दुबई की तरह आधुनिक आईटी इमारतों से सुसज्जित दिखाई देगा, जो राज्य के तकनीकी विकास का एक नया प्रतीक बनेगा. यह विदेशों में कार्यरत भारतीयों को वापस देश में आकर योगदान करने के लिए एक मजबूत प्रेरणा भी देगा, जिससे 'घर वापसी' की अवधारणा को बल मिलेगा.
रोजगार और विकास का नया अध्याय
इस मेगा निवेश से राजस्थान में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा, जिससे हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा. इसके अलावा, यह आईटी और स्टार्टअप इकोसिस्टम को अभूतपूर्व गति से विस्तारित करेगा, जिससे नए नवाचारों और उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक निवेश प्रवाह और नवाचार आधारित विकास को इस परियोजना से अभूतपूर्व गति मिलने की उम्मीद है, जिससे राजस्थान भारत के तकनीकी मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान हासिल कर सकेगा. सुखदेव जांगिड़ ने यह सिद्ध कर दिया है कि दृढ़ संकल्प, वैश्विक अनुभव और अपनी मातृभूमि के प्रति अटूट समर्पण के साथ, कोई भी प्रवासी राजस्थानी राज्य के विकास में एक ऐतिहासिक भूमिका निभा सकता है. यह परियोजना राजस्थान के आईटी भविष्य को पहले से कहीं अधिक उज्ज्वल बना रही है, और यह राज्य के लिए एक नए युग की शुरुआत का संकेत है.