रेलवे बोर्ड / लॉकडाउन से पहले जो टिकट प्राइस थी, आज भी वही है, एक भी पैसा ज्यादा नहीं लिया जा रहा

NavBharat Times : May 23, 2020, 04:21 PM
नई दिल्‍ली | यूपी और बिहार, इन दोनों राज्यों में 80% ट्रेनें गई हैं। इस ट्रैफिक पर कंजेशन है। इसलिए कंजेशन रूट पर ट्रेन धीरे-धीरे चलाने की बजाय थोड़ा लंबा रूट लेना सही होता है। हमारे अधिकारी रात-रातभर ट्रेनों के मूवमेंट पर नजर रखते हैं। वो फैसला लेते हैं कि किन रूटों पर ट्रेनों को डायवर्ट किया जाए: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव

यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड में सबसे ज्यादा ट्रेनें गई हैं: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव

लॉकडाउन से पहले जो टिकट प्राइस थी, आज भी वही है। किसी टिकट पर एक भी पैसा ज्यादा नहीं लिया जा रहा है। लॉकडाउन से पहले कुछ छूटों पर रोक लगा दी गई थी, वही व्यवस्था आज भी लागू है: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव

वेटिंग लिस्ट इसलिए दिया क्योंकि पहले ट्रेनों में देखा गया कि कुछ लोग ट्रेन खुलने के वक्त टिकट कैंसल कर रहे थे। अब वेटिंग लिस्ट की व्यवस्था होने के कारण कैंसल टिकटों से खाली बर्थ को बाकी लोगों से भरा जाएगा: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव

अब तक 35 लाख प्रवासी श्रमिक एक राज्य से दूसरे राज्य गए जबकि करीब 10 लाख श्रमिक राज्य के अंदर सफर कर सके हैं: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव

कुछ ट्रेनों में बर्थ की क्षमता का महज 30% ही बुकिंग हुई है, हालांकि कुछ ट्रेनों में 100% सीटें बुक हो चुकी हैं: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव

हमने सिर्फ कन्फर्म टिकट पर ही यात्रा की अनुमति दी है। साथ ही एनरूट टिकट बिल्कुल मना किया हुआ है। रास्ते में किसी यात्री को चढ़ने की अनुमति नहीं है, इसलिए आरएसी टिकट के कन्फर्म होने की पूरी संभावान है: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव

अभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का 85% किराया केंद्र सरकार जबकि 15% किराया संबंधित राज्य सरकार देती है। शुरू-शुरू में कुछ एनजीओ ने भी किराए में आंशिक योगदान दिया था: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव

हम हर जोन में आपात स्थिति में श्रमिकों के लिए ट्रेनों की व्यवस्थी कर दी है: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव

रेलवे के आसपास रहने वालों के लिए भोजन की व्यवस्था की। 47 मील बांट चुके हैं: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन

रेलवे ने अपने वर्कशॉप्स में पीपीई, मास्क, सैनिटाइजर्स बना रहे हैं: यादव

अनिवार्य वस्तुओं की ढुलाई के लिए रेलवे ने हरसंभव प्रयास किए: यादव

रेलवे के 17 अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल घोषित कर दिए। इनमें 5 हजार बेड्स हैं। 33 अस्पतालों में कुछ ब्लॉक्स कोविड मरीजों के इलाज के लिए अलग किए गए हैं: विनोद

कोविड केयर सेंटर्स के लिए रेलवे की बोगियों का इस्तेमाल हो रहा है, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की बोगियों को भी इस उद्देश्य से उपयोग में लाया जाएगा: यादव

1 हजार टिकट बुकिंग काउंटर्स खुल चुके हैं और धीरे-धीरे सभी टिकट खिड़कियां खुल जाएंगी। साथ ही, रेलवे एजेंट, पोस्ट ऑफिस, कॉमन सर्विस सेंटर्स आदि को भी टिकट उपलब्ध कराने की अनुमती दी है: यादव

राज्य सरकारों के साथ रेलवे ने सभी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाने की योजना बना रखी है। जब तक हरेक प्रवासी श्रमिक को उनके गंतव्य तक नहीं पहुंचा लेते तब तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलती रहेंगी: यादव

हमने योजना बना रखी है कि अगले 10 दिनों में 36 लाख लोगों की यात्रा करवा पाएंगे: यादव

गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने बताया कि 27 मार्च को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए अडवाइजरी जारी कर प्रवासी श्रमिकों की सुविधा का ध्यान रखने का आदेश दिया गया। 28 मार्च को राज्य आपदा कोष से पैसे खर्च करने का आदेश दिया गया। फिर 29 मार्च को अडवाइजरी की गई।

12 और 14 अप्रैल को प्रदेशों को यह भी अडवाइजरी दी गई कि कहीं से कोई अफवाह आ रही हो तो उसे रोका जाए। सामुदायिक नेताओं, एनजीओ आदि से भी सहयोग लेने की सलाह दी गई।

29 अप्रैल को एक ऑर्डर जारी कर श्रमिकों को एक से दूसरे राज्यों में आवाजाही की अनुमति दी गई।

1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। 19 को एक और एसओपी निकाला गृह मंत्रालय निकाला गृह मंत्रालय ने ताकि प्रवासी श्रमिकों की आवाजाही आसान हो जाए।

पीयूष गोयल कर चुके इशारा, अब नॉर्मल होने का वक्‍त

रेल मंत्री पीयूष गोयल कुछ दिन पहले कह चुके हैं कि अब वक्‍त आ गया है कि देश को 'सामान्‍य स्थिति की ओर ले जाया जाए।' पिछले दिनों जिस तरह चरणबद्ध ढंग से रेलवे ने पैसेंजर ट्रेन्‍स का ऑपरेशन शुरू किया है, उसको देखते हुए आगे और राहत मिलने की ही संभावना है।

लॉकडाउन में सबसे पहले चलीं श्रमिक स्पेशल ट्रेनें

रेलवे ने मजदूर दिवस के अवसर पर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया था। लॉकडाउन में पहली ट्रेन तेलंगाना से झारखंड के हटिया के लिए रवाना हुई थी। उसके बाद 12 मई से 15 जोड़ी राजधानी स्पेशन ट्रेनों का भी संचालन शुरू हुआ। ये सारी ट्रेनें नई दिल्ली जाने-आने वाली हैं। ये नई दिल्ली से डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नै, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू तवी जाने और इन जगहों से नई दिल्ली आने वाली ट्रेने हैं। अब 1 जून से 100 जोड़ी ट्रेनों का संचालन शुरू हो रहा है जिनके लिए टिकटें मिलनी शुरू हो गई हैं। ध्यान रहे कि रेलवे ने कोरोना वायरस देखभाल केंद्रों के लिए 20 हजार बोगियों को रिजर्व रखा है।

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