- भारत,
- 05-Jul-2025 02:10 PM IST
PM Modi Visit Argentina: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4-5 जुलाई 2025 को अपने पांच देशों के दौरे के तीसरे चरण में अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स पहुंचे। यह यात्रा भारत और अर्जेंटीना के बीच कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। 1968 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की यात्रा के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब दोनों देश ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिजों, रक्षा, व्यापार और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को गहरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। ब्राजील में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले यह यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति में दक्षिण अमेरिका के बढ़ते महत्व को रेखांकित करती है।
रणनीतिक खनिज और ऊर्जा सहयोग
अर्जेंटीना का लिथियम, कॉपर और शेल गैस का विशाल भंडार भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। लिथियम, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रिड स्टोरेज के लिए बैटरी निर्माण में महत्वपूर्ण है, भारत की स्वच्छ ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं का आधार है। अर्जेंटीना, बोलीविया और चिली के साथ मिलकर 'लिथियम त्रिभुज' का हिस्सा है, जो विश्व के सबसे बड़े लिथियम भंडारों में से एक है। भारतीय कंपनी KABIL (खानिज बिदेश इंडिया लिमिटेड) ने अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में लिथियम खनन के अधिकार हासिल किए हैं, और इस यात्रा के दौरान इस क्षेत्र में और निवेश की घोषणाएं संभावित हैं।
इसके अलावा, अर्जेंटीना के विशाल शेल गैस भंडार, जो विश्व में दूसरे सबसे बड़े हैं, और इसकी बढ़ती एलएनजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) निर्यात क्षमता भारत के लिए आकर्षक हैं। खाड़ी क्षेत्र के पारंपरिक ऊर्जा आपूर्तिकर्ताओं की अस्थिरता के बीच, भारत ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने की रणनीति पर काम कर रहा है। अर्जेंटीना इस समीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, और ब्यूनस आयर्स ने भारतीय निवेश को अपने अपस्ट्रीम ऊर्जा क्षेत्र में आकर्षित करने में रुचि दिखाई है।
व्यापार: खाद्य तेलों से आगे की राह
भारत और अर्जेंटीना के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2024 में 5.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया, जिसके साथ भारत अब अर्जेंटीना के शीर्ष छह व्यापारिक साझेदारों में शामिल है। ऐतिहासिक रूप से, यह व्यापार खाद्य तेलों, विशेष रूप से सोयाबीन तेल, पर केंद्रित रहा है। हालांकि, अब दोनों देश कृषि-वस्तुओं से परे व्यापार को विविध करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं। अर्जेंटीना भारतीय फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरण और आईटी सेवाओं का आयात बढ़ाने में रुचि रखता है, जबकि भारत अर्जेंटीना के फल, सब्जी, डेयरी और अनाज बाजारों तक पहुंच बढ़ाने पर जोर दे रहा है।
2022 में दोनों देशों का व्यापार 6.4 बिलियन डॉलर के शिखर पर पहुंचा था, लेकिन 2023 में अर्जेंटीना में सूखे के कारण व्यापार 39% घटकर 3.9 बिलियन डॉलर रह गया। 2024 में बेहतर मौसम और आर्थिक स्थिरता के साथ व्यापार ने फिर से रफ्तार पकड़ी, और 2025 के शुरुआती महीनों में 53.9% की वृद्धि के साथ 2.05 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। दोनों देश व्यापार असंतुलन को कम करने और दो-तरफा बाजार पहुंच को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की योजना बना रहे हैं। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली, जो दिसंबर 2023 में सत्ता में आए, ने पश्चिम से परे आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देने की इच्छा जताई है, जिससे भारत के लिए मर्कोसुर व्यापार वार्ता को पुनर्जनन का अवसर मिला है।
रक्षा, अंतरिक्ष और तकनीकी सहयोग
रक्षा सहयोग इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अर्जेंटीना ने भारत द्वारा निर्मित तेजस हल्के लड़ाकू विमान सहित रक्षा प्रणालियों में रुचि दिखाई है। संयुक्त प्रशिक्षण, सह-उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर चर्चा होने की संभावना है। इसके अलावा, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और टेलीमेडिसिन जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। अर्जेंटीना भारत के डिजिटल गवर्नेंस और किफायती स्वास्थ्य सेवा मॉडल से सीखने के लिए उत्सुक है।
अंतरिक्ष सहयोग भी चर्चा का एक प्रमुख बिंदु है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अर्जेंटीना की CONAE अंतरिक्ष एजेंसी पहले भी सहयोग कर चुके हैं, और इस यात्रा को भविष्य के साझा मिशनों को औपचारिक रूप देने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है। सैटेलाइट प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष अनुसंधान में साझेदारी दोनों देशों के लिए लाभकारी हो सकती है।
द्विपक्षीय व्यापार का अवलोकन
मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स के आंकड़ों के अनुसार, भारत और अर्जेंटीना का द्विपक्षीय व्यापार 2019 से 2022 तक दोगुना से अधिक हो गया, जो 2022 में 6.4 बिलियन डॉलर के शिखर पर था। भारत इस दौरान अर्जेंटीना का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा। 2023 में सूखे के कारण व्यापार में गिरावट आई, लेकिन 2024 में यह फिर से 5.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। 2025 के शुरुआती महीनों में व्यापार में 53.9% की वृद्धि दर्ज की गई।
भारत से अर्जेंटीना को निर्यात में पेट्रोलियम तेल, कृषि रसायन, यार्न-फैब्रिक, कार्बनिक रसायन, थोक दवाएं और दोपहिया वाहन शामिल हैं। वहीं, अर्जेंटीना से भारत को वनस्पति तेल (सोयाबीन और सूरजमुखी), तैयार चमड़ा, अनाज, रसायन और दालें आयात की जाती हैं। भारतीय कंपनियों जैसे टीसीएस, इंफोसिस, बजाज, टीवीएस और ग्लेनमार्क ने अर्जेंटीना में 1.2 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है, जबकि अर्जेंटीना की कंपनियों जैसे ग्लोबेंट और टेकइंट ने भारत में 120 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।
Earlier today, PM @narendramodi arrived in Buenos Aires, Argentina, where he will meet President @JMilei.
— PMO India (@PMOIndia) July 5, 2025
Upon his arrival, the Indian community extended a warm and enthusiastic welcome to the PM. pic.twitter.com/1A9qd80mzy