India-Oman Relations / प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक तीन-देशीय यात्रा संपन्न, ओमान से स्वदेश रवाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चार दिवसीय, तीन देशों की यात्रा पूरी कर ली है और ओमान से स्वदेश रवाना हो गए। ओमान के उप प्रधानमंत्री सैयद शिहाब बिन तारिक अल सईद ने उन्हें एयरपोर्ट पर हाथ जोड़कर 'नमस्ते' कहकर विदा किया। इस यात्रा के दौरान एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता भी हुआ, जिससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चार दिवसीय, तीन देशों की महत्वपूर्ण यात्रा सफलतापूर्वक पूरी करने के बाद गुरुवार को ओमान से स्वदेश के लिए प्रस्थान किया और यह यात्रा भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। ओमान के रक्षा मामलों के उप प्रधानमंत्री सैयद शिहाब बिन तारिक अल सईद स्वयं प्रधानमंत्री मोदी को विदाई देने के लिए मस्कट हवाई अड्डे तक आए और उन्होंने भारतीय संस्कृति के सम्मान में हाथ जोड़कर 'नमस्ते' कहकर प्रधानमंत्री को विदा किया, जो दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों का प्रतीक है।

ओमान से भव्य विदाई और राजनयिक सौहार्द

प्रधानमंत्री मोदी की ओमान से विदाई का दृश्य दोनों देशों के बीच बढ़ते सौहार्द और सम्मान को दर्शाता है। ओमान के उप प्रधानमंत्री सैयद शिहाब बिन तारिक अल सईद का व्यक्तिगत रूप से हवाई अड्डे पर उपस्थित होना और 'नमस्ते' के पारंपरिक भारतीय अभिवादन के साथ विदाई देना, राजनयिक प्रोटोकॉल से बढ़कर एक व्यक्तिगत सम्मान और मित्रता का प्रतीक था। यह दर्शाता है कि ओमान भारत के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देता है। यह भावुक विदाई प्रधानमंत्री की यात्रा की सफलता और दोनों देशों के। नेताओं के बीच विकसित हुए व्यक्तिगत तालमेल को भी रेखांकित करती है।

द्विपक्षीय संबंधों को मिली नई मजबूती

बुधवार को ओमान पहुंचने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक के साथ विस्तृत बातचीत की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करना था। दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया, जिसमें व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान शामिल हैं। इन चर्चाओं ने दोनों देशों के बीच भविष्य के सहयोग के लिए। एक मजबूत आधार तैयार किया, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर हस्ताक्षर

प्रधानमंत्री मोदी की ओमान यात्रा का एक प्रमुख परिणाम एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर हस्ताक्षर रहा, जिसे व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) भी कहा जाता है। इस समझौते को दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों। को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला बताया जा रहा है। यह समझौता भारत के 98 प्रतिशत निर्यातों को ओमान में शुल्क-मुक्त पहुंच प्रदान करेगा, जिसमें वस्त्र, कृषि उत्पाद और चमड़ा उत्पाद जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं। यह भारतीय निर्यातकों के लिए एक बड़ा अवसर खोलेगा और उन्हें ओमानी बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा।

दोनों देशों के लिए आर्थिक लाभ

इस समझौते से न केवल भारत को लाभ होगा, बल्कि ओमान को भी महत्वपूर्ण आर्थिक फायदे होंगे और भारत ओमानी उत्पादों जैसे खजूर, मार्बल और पेट्रोकेमिकल आइटम्स पर टैरिफ कम करेगा, जिससे इन उत्पादों के लिए भारतीय बाजार में पहुंच आसान हो जाएगी। यह समझौता अगले कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही से लागू होने की उम्मीद है, जिससे जल्द ही इसके सकारात्मक प्रभाव दिखने शुरू हो जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह 21वीं सदी में दोनों देशों के संबंधों में नई ऊर्जा का संचार करेगा और व्यापार, निवेश को नई गति देगा, साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर भी खोलेगा।

पीएम मोदी ने समझौते को बताया ऐतिहासिक

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में इस समझौते के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “आज हम भारत-ओमान संबंधों में एक ऐतिहासिक कदम आगे बढ़ा रहे हैं, जिसका सकारात्मक प्रभाव आने वाले दशकों तक महसूस किया जाएगा। व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) 21वीं सदी में हमारे संबंधों में नई ऊर्जा का संचार करेगा। यह व्यापार, निवेश को नई गति देगा और विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर खोलेगा और ” उन्होंने यह भी कहा कि सीईपीए पर हस्ताक्षर एक प्रमुख परिणाम रहा है, जो दोनों देशों के युवाओं को लाभ पहुंचाएगा और भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में भी काफी प्रगति हुई है।

ओमान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ ओमान'

अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी को द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके अमूल्य योगदान के लिए सुल्तान तारिक द्वारा ओमान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ प्रदान किया गया। यह सम्मान भारत और ओमान के बीच गहरी मित्रता और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व के प्रति ओमान के सम्मान का प्रतीक है। यह दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंधों और साझा हितों को दर्शाता है।

क्षेत्रीय महत्व और रणनीतिक साझेदारी

यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब भारत अपने सबसे बड़े निर्यात गंतव्य अमेरिका में 50 प्रतिशत के कड़े टैरिफ का सामना कर रहा है और ऐसे में ओमान जैसे रणनीतिक साझेदार के साथ एफटीए भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ओमान न केवल एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है, बल्कि क्षेत्रीय से लेकर अफ्रीका तक भारतीय वस्तुओं एवं सेवाओं का एक प्रमुख द्वार भी है और यह समझौता भारत को मध्य पूर्व और अफ्रीकी बाजारों तक अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।

तीन देशों की चार दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा

प्रधानमंत्री मोदी की यह चार दिवसीय यात्रा तीन देशों की थी, जिसमें ओमान के अलावा जॉर्डन और इथियोपिया का दौरा भी शामिल था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस यात्रा को “दिलों को छूने वाली और बंधनों को मजबूत करने वाली” बताया और उन्होंने एक्स पर लिखा, “महत्वपूर्ण चर्चाओं और प्रमुख परिणामों की प्राप्ति के बाद, पीएम नरेंद्र मोदी जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की चार दिवसीय व्यस्त यात्रा के बाद भारत के लिए रवाना हो रहे हैं। ” यह यात्रा भारत की 'एक्ट ईस्ट' और 'कनेक्ट वेस्ट' नीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में भारत की वैश्विक उपस्थिति और प्रभाव को बढ़ाना है।

धन्यवाद और भविष्य की संभावनाएं

अपनी विदाई से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने “महाराज सुल्तान हैथम बिन तारिक, ओमान सरकार और लोगों को इस यात्रा के दौरान उनके स्नेह के लिए आभार व्यक्त किया। ” उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भारत-ओमान मित्रता और मजबूत होती रहेगी और यह यात्रा न केवल राजनयिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में सफल रही, बल्कि इसने दोनों देशों के लोगों के बीच सांस्कृतिक और व्यक्तिगत संबंधों को भी गहरा किया है, जिससे भविष्य में और अधिक सहयोग और समझ की नींव रखी गई है।