Maha Kumbh 2025 / महाकुंभ में 7 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डुबकी लगाई, त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं की भीड़

महाकुंभ में पहले 4 दिनों में 7 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। विदेशों से भी भक्त बड़ी संख्या में पहुंचे। सुरभि शोध संस्थान जैसे संगठनों ने भोजन व सेवा में उत्कृष्ट योगदान दिया। मौनी अमावस्या के लिए योगी सरकार व रेलवे ने विशेष तैयारियां की हैं।

Vikrant Shekhawat : Jan 17, 2025, 10:20 AM
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ, सनातन धर्म का ऐसा पर्व, जो न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को अपनी सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक महत्व से जोड़ता है। इस बार महाकुंभ के पहले चार दिनों में त्रिवेणी संगम पर 7 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान कर अपनी आस्था को व्यक्त किया। पांचवें दिन भी संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।

गुरुवार का विशेष दिन
गुरुवार को लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। भक्त न केवल स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि संतों के पंडालों में जाकर आशीर्वाद भी ले रहे हैं। कथा, भजन और प्रवचनों से पूरा क्षेत्र आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अद्भुत जनसैलाब को सनातन धर्म की महिमा और जनता की गहरी आस्था का प्रतीक बताया। उनका कहना है कि यह आयोजन न केवल भारत की संस्कृति बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायक है।


विदेशों से श्रद्धालुओं का आगमन

महाकुंभ का आकर्षण न केवल भारत तक सीमित है, बल्कि विदेशों से भी भारी संख्या में लोग इसमें शामिल हो रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग से आए भक्ति नरसिम्हा स्वामी ने महाकुंभ में शामिल होकर अपने वर्षों पुराने सपने को पूरा किया। उनकी खुशी और उत्साह इस आयोजन की महत्ता को दर्शाते हैं।
महाकुंभ की आध्यात्मिकता और परंपराएं दुनिया भर से लाखों विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर खींच रही हैं।


श्रद्धालुओं के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं

महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं के लिए योगी सरकार और विभिन्न समाजसेवी संगठनों ने शानदार व्यवस्थाएं की हैं।

  • भोजन की व्यवस्था: सुरभि शोध संस्थान जैसे संगठनों ने श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क भोजन और नाश्ते की व्यवस्था की है।
  • स्वच्छता और सुरक्षा: पूरे क्षेत्र में स्वच्छता और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
इन व्यवस्थाओं के कारण श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के धार्मिक अनुष्ठानों में भाग ले पा रहे हैं।


मौनी अमावस्या के लिए विशेष तैयारियां

आगामी 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का स्नान महाकुंभ का सबसे बड़ा आकर्षण होगा। इस दिन करीब 6 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम तट पर आने की संभावना है।
रेलवे ने इस भारी भीड़ को संभालने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जा रही हैं और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।


महाकुंभ: आस्था का पर्व

महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता का जीवंत स्वरूप है। इस अद्वितीय पर्व में शामिल होकर श्रद्धालु न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि विश्व को भारत की सांस्कृतिक एकता का संदेश भी दे रहे हैं।
महाकुंभ का यह माहौल हर ओर भक्ति और आस्था का ऐसा अद्भुत संगम प्रस्तुत कर रहा है, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।