जिम्बाब्वे / मां ने दिखाई बहादुरी, मगरमच्छ के जबड़ों से निकाल बचाई 3 साल के बच्चे की जान

अक्सर ही ये सुनने में आता है कि मां अपने बच्चे की जान बचाने के लिए कुछ भी कर सकती है। वो अपनी जान की परवाह किए बिना कोई भी संघर्ष करने के लिए तैयार हो जाती है। ऐसा ही कुछ जिम्बाब्वे में हुआ, यहां पर एक मां ने अपने बच्चे की जान बचाने के लिए मगरमच्छ से भीड़ गई और उसे सकुशल उसके जबड़ों में से बाहर निकाल लिया।

News18 : Apr 21, 2020, 09:32 AM
जिम्बाब्वे:  तो अक्सर ही ये सुनने में आता है कि मां अपने बच्चे की जान बचाने के लिए कुछ भी कर सकती है। वो अपनी जान की परवाह किए बिना कोई भी संघर्ष करने के लिए तैयार हो जाती है। ऐसा ही कुछ जिम्बाब्वे में हुआ, यहां पर एक मां ने अपने बच्चे की जान बचाने के लिए मगरमच्छ से भीड़ गई और उसे सकुशल उसके जबड़ों में से बाहर निकाल लिया।

द गार्जियन न्यूज में छपी एक खबर के अनुसार, 30 साल की मौरिना ने, रंडे नदी के किनारे मछली पकड़ने जाते समय वहीं पास में अपने बच्चों को खेलने के लिए छोड़ दिया था। कुछ ही देर बाद मौरिना को अपने 3 साल के बेटे के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी और वह दौड़कर वहां पहुंची। पहुचने पर उसने देखा की मगरमच्छ ने बच्चे को जबड़ों में दबा रखा है।

मौरिना ने बिना अपनी जान की परवाह किए, मगरमच्छ पर हमला कर दिया। मौरिना ने बताया की मैंने उसकी में नाक में उंगली डाल दी, जिससे उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी, इससे पहले की मगरमच्छ मुझे काटता मैंने अपने दूसरे हाथ से बच्चे को उसके मुहं से बाहर निकाल लिया।बच्चे के चेहरे पर चोट आने और काफी खून बह जाने के कारण वो तुरंत उसे अस्पताल लेकर गई, जहां डॉक्टर ने इलाज कर बताया कि बच्चे की जान को अब कोई खतरा नहीं है।

घटना के बारे में बात करते हुए मौरिना ने कहा, "मैंने यह ट्रिक अपने बड़ो से सीखी थी कि जब मगरमच्छ की नाक में उंगली डाल दो तो वो सांस न ले पाने के कारण अपनी ताकत खोने लगता है, और मैंने भी यही किया। उन्होंने कहा कि मुझे अभी खुद यकीन नहीं हो रहा कि मैंने अपने बच्चे की जान बचा ली है।जिम्बाब्वे में रूंडे नदी नील नदी के मगरमच्छों से आबाद है ये मगरमच्छ 20 फीट तक बढ़ सकते हैं।