मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक भयावह घटना सामने आई है, जहां एक तेज रफ्तार कार चलते-चलते आग के गोले में तब्दील हो गई। यह घटना महाराष्ट्र के पालघर जिले में दापचरी सीमा शुल्क चेकपोस्ट के पास रविवार देर रात हुई और आग इतनी भीषण थी कि देखते ही देखते पूरी कार जलकर खाक हो गई, लेकिन एक बड़े हादसे को चालक की सूझबूझ और सतर्कता ने टाल दिया।
ड्राइवर की सूझबूझ ने बचाई जान
इस घटना में सबसे राहत भरी बात यह रही कि कार में सवार चार यात्रियों की जान बच गई। ड्राइवर ने समय रहते कार में आग लगने का आभास कर लिया और तुरंत गाड़ी रोक दी। उसने बिना किसी देरी के सभी चार यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस त्वरित कार्रवाई के कारण कोई जनहानि नहीं हुई, जो कि ऐसी भीषण आग की घटनाओं में अक्सर देखने को मिलती है और कार के जलने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें आग की लपटें कार को पूरी तरह अपनी चपेट में लेती दिख रही हैं।
कार में आग लगने के संभावित कारण
चलती कार में आग लगने का कोई एक निश्चित कारण नहीं होता है, बल्कि इसके पीछे कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। ज्यादातर मामलों में, कार में आग लगने के मुख्य कारणों में इलेक्ट्रिकल फॉल्ट, ईंधन का रिसाव (फ्यूल लीक), इंजन का अत्यधिक गर्म होना (ओवरहीटिंग), या यांत्रिक खराबी (मैकेनिकल फेलियर) शामिल होते हैं। इन कारणों को समझना भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद कर सकता है।
इलेक्ट्रिकल फॉल्ट और शॉर्ट सर्किट
इलेक्ट्रिकल फॉल्ट कार में आग लगने का एक प्रमुख कारण है। कई बार कार की वायरिंग पुरानी हो जाती है, या फिर चूहे उन्हें काट देते हैं, जिससे तारों का इंसुलेशन खराब हो जाता है। नमी के संपर्क में आने पर भी वायरिंग में शॉर्ट सर्किट हो सकता है, जिससे चिंगारी निकलती है और यह चिंगारी डैशबोर्ड, बैटरी के पास, या इंजन बे में आग लगा सकती है। इसके अलावा, ढीली वायरिंग गर्म होकर प्लास्टिक इंसुलेशन को पिघला सकती है, जिससे आग लग जाती है।
ईंधन का रिसाव (फ्यूल लीक)
फ्यूल लाइन में दरार, ढीले कनेक्शन, या फ्यूल पंप की खराबी के कारण पेट्रोल या डीजल का रिसाव हो सकता है और यह लीक हुआ ईंधन गर्म इंजन, एग्जॉस्ट सिस्टम या किसी चिंगारी के संपर्क में आने पर तुरंत आग पकड़ लेता है, जिससे विस्फोट जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। ईंधन का रिसाव बेहद खतरनाक होता है क्योंकि यह बहुत तेजी से आग फैलाता है।
इंजन का अत्यधिक गर्म होना (ओवरहीटिंग)
कूलेंट का रिसाव, रेडिएटर का अवरुद्ध होना, थर्मोस्टेट का खराब होना, या कूलेंट की कमी भी इंजन के अत्यधिक गर्म होने का कारण बन सकती है। जब इंजन बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है, तो यह तेल या ईंधन को प्रज्वलित कर सकता है और इसके अलावा, एग्जॉस्ट मैनिफोल्ड इतना गर्म हो सकता है कि उसके पास का तेल जलने लगे और आग लग जाए। इंजन का सही तापमान बनाए रखना आग से बचाव के लिए महत्वपूर्ण है।
यांत्रिक खराबी और दुर्घटनाएं
कई बार कार में कोई बड़ी यांत्रिक खराबी भी आग का कारण बन सकती है, खासकर यदि वह अत्यधिक गर्मी या घर्षण पैदा करे। इसके अतिरिक्त, दुर्घटनाओं के बाद भी कारों में आग लगने की घटनाएं आम हैं और टक्कर से फ्यूल टैंक फट सकता है या बैटरी में शॉर्ट सर्किट हो सकता है, जिससे तुरंत आग लग जाती है। इस तरह की दुर्घटनाएं अक्सर गंभीर परिणाम देती हैं।
इस घटना ने एक बार फिर वाहन चालकों को अपनी गाड़ियों के नियमित रखरखाव और किसी भी असामान्य संकेत पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया है। ड्राइवर की सतर्कता ने इस मामले में चार लोगों की जान बचाकर एक मिसाल कायम की है।