US-Iran War / ट्रंप के मोहरे बने मुनीर, US ने ईरान पर हमले के लिए किया PAK के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल

ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले को लेकर खोरसान न्यूज का बड़ा दावा सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने इस हमले में पाकिस्तान के एयर स्पेस का इस्तेमाल किया। पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर पर ट्रंप के मोहरे बनने का आरोप, हालांकि अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।

US-Iran War: ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुए हालिया हमलों को लेकर अब एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है। ईरान समर्थक समाचार एजेंसी खोरसान न्यूज ने रिपोर्ट किया है कि अमेरिका ने इन हमलों के लिए पाकिस्तान के एयरस्पेस का इस्तेमाल किया है। हालांकि अभी तक इस दावे की पुष्टि पाकिस्तान या अमेरिका की ओर से नहीं की गई है, लेकिन यह खबर पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा रही है।

पाक आर्मी चीफ और ट्रंप की मुलाकात पर उठे सवाल

खबरों के मुताबिक, कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि यह मुलाकात वाशिंगटन डीसी में एक लंच मीटिंग के दौरान हुई थी। इस बैठक में रणनीतिक सहयोग, सैन्य समझौते और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा हुई थी।

अब खोरसान न्यूज का दावा है कि इस मुलाकात के दौरान ट्रंप ने मुनीर से पाकिस्तान के एयरबेस और पोर्ट्स के उपयोग की अनुमति ली थी, ताकि जरूरत पड़ने पर अमेरिका उनका इस्तेमाल कर सके। इसी संदर्भ में यह आरोप लगाया जा रहा है कि ईरान पर हुए हालिया हमले में अमेरिकी विमानों ने पाकिस्तानी एयरस्पेस से होकर उड़ान भरी थी।

पाकिस्तान बना ‘मोहरा’?

अगर खोरसान न्यूज की रिपोर्ट सही साबित होती है, तो यह दर्शाता है कि पाकिस्तान एक बार फिर अमेरिकी रणनीति का हिस्सा बन गया है। रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि आर्मी चीफ मुनीर, राष्ट्रपति ट्रंप के “मोहरे” बन चुके हैं, जो अमेरिकी हितों के तहत काम कर रहे हैं। यह स्थिति पाकिस्तान की विदेश नीति और उसके पड़ोसियों के साथ संबंधों पर गंभीर असर डाल सकती है, विशेष रूप से ईरान के साथ।

अमेरिका और पाकिस्तान की चुप्पी

अभी तक इस पूरे मामले पर अमेरिका या पाकिस्तान की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। हालांकि दोनों देशों की खामोशी को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अगर अमेरिका वाकई पाक एयरस्पेस का उपयोग कर रहा है, तो वह इसे सार्वजनिक नहीं करेगा, ताकि पाकिस्तान को सीधे तौर पर ईरान के विरोध में खड़ा न दिखाया जाए।

क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है

ईरान पहले से ही इस हमले को लेकर आक्रोशित है और अगर उसे यह पुष्टि मिलती है कि पाकिस्तान ने अमेरिकी हमले में सहयोग किया है, तो यह पश्चिम एशिया में एक नए मोर्चे की शुरुआत हो सकती है। भारत, चीन और रूस जैसी शक्तियों की भी इस घटनाक्रम पर नजर है, क्योंकि यह सीधे-सीधे वैश्विक शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है।