दुनिया / NASA ने चेताया- ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन से 15 इंच बढ़ जाएगा वैश्विक समुद्र स्तर

News18 : Sep 19, 2020, 06:21 AM
वाशिंगटन। नासा (NASA) के नेतृत्व में किये गये एक अध्ययन के मुताबिक यदि ग्रीनहाउस गैसों (Greenhouse Gas) का उत्सर्जन वर्ष 2100 तक बढ़ना जारी रहता है, तो ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में बर्फ पिघलने से वैश्विक समुद्र स्तर 38 सेंटीमीटर से अधिक बढ़ सकता है। नासा ने कहा कि अध्ययन के यह निष्कर्ष जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी समिति (आईपीसीसी) 2019 की समुद्र और 'क्रायोस्फेयर' या पृथ्वी की सतह जहां जल ठोस रूप में है, पर विशेष रिपोर्ट के अनुरूप है। इसमें कहा गया है कि हिम शैल के पिघलने से वैश्विक समुद्र स्तर में करीब एक तिहाई वृद्धि हो सकती है।

आईपीसीसी की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि ग्रीनलैंड 2000-2100 के बीच वैश्विक समुद्र स्तर को आठ से 27 सेंमी तथा अंटार्कटिका तीन से 28 सेंमी बढ़ा सकता है। यह अध्ययन द क्रायोस्फेयर जर्नल में प्रकाशित हुआ है। ये निष्कर्ष नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर नीत 'आइस शीट मॉडल इंटरकम्पैरिजन प्रोजेक्ट' (आईएसएमआईपी6) से आये हैं। नीदरलैंड के उत्रेच विश्वविद्यालय में ग्रीनलैंड हिम शैल आईएसएमआईपी6 कोशिशों का नेतृत्व करने वाले अध्ययनकर्ता हेइको गोलजर ने कहा कि हवा का तापमान बढ़ने से बर्फ की सतह पिघलने और समुद्री तापमान बढ़ने से ग्रीनलैंड की बर्फ समुद्र स्तर में काफी वृद्धि कर देगी। आईएसएमआईपी6 टीम ने पाया कि ग्रीनलैंड की बर्फ यदि अनुमान के मुताबिक पिघलती है तो इससे 2100 तक वैश्विक समुद्र स्तर में करीब 3.5 इंच (नौ सेंमी) की वृद्धि हो सकती है।


पूर्व अध्ययन में लगाया गया अनुमान

वहीं, कम उत्सर्जन होने की स्थिति में यह वृद्धि करीब 1।3 इंच (तीन सेंमी) रह सकती है। अध्ययन में शामिल वैज्ञानिकों ने कहा कि यह औद्योगिकीकरण पूर्व और वर्तमान समय के बीच तापमान बढ़ने से बर्फ पिघलने की पूर्व अनुमानित सीमा के अलावा है। उन्होंने बताया कि पूर्व के अध्ययनों में यह अनुमान लगाया गया है कि ग्रीनलैंड में बर्फ पिघलने से 2100 तक वैश्विक समुद्र स्तर में करीब छह मिमी की वृद्धि हो सकती है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER