देश / न वेतन, न घर जाने की सहूलियत, UP से लेकर पंजाब-राजस्थान में मजदूरों का प्रदर्शन

AajTak : May 15, 2020, 07:53 AM
India Lockdown: देश के कई हिस्सों से प्रवासी मजदूरों की घरवापसी जारी है, लेकिन इसी बीच अलग अलग शहरों से मजदूरों और फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन की घटनाएं भी खूब सामने आ रही हैं। मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रोके जाने के बाद मजदूरों ने पूरा हाईवे ही जाम कर दिया।

पंजाब के संगरूर में सैलरी और जबरन काम कराने को लेकर मिल मजदूरों ने प्रदर्शन किया। तो वहीं अलवर में वेतन नहीं मिलने से सड़क पर मजदूरों ने बवाल काटा। मजदूरों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और मुकदमा दर्ज करने की धमकी भी दी। वहीं, राजस्थान के ही भीलवाड़ा में भी सैलरी रोकने के बाद सड़क पर मजदूरों ने हंगामा किया।

मजदूरों ने यमुना एक्सप्रेसवे को किया जाम

गुरुवार को कुछ मजदूर अपनी साइकिलों से अपने घर जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें आगरा-मथुरा बार्डर पर रोक दिया। इससे नाराज मजदूरों ने यमुना एक्सप्रेसवे पर जाम लगा दिया। यह मजदूर नोएडा से मध्य प्रदेश और अन्य स्थानों पर जा रहे थे। मजदूरों के जाम लगाने की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया है। उन्हें ट्रक और बस में बैठाकर रवाना किया गया।

संगरूर में मजदूरों का प्रदर्शन

संगरू के एक निजी मिल के मजदूरों ने गुरुवार को प्रदर्शन किया। मजदूरों का आरोप है कि उनको तनख्वाह कम दी जा रही है, बाहर के मुकाबले मिल के अंदर राशन के रेट ज्यादा लिए जा रहे हैं और उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। इसे लेकर चार दिन पहले भी मजदूर प्रदर्शन कर चुके हैं। गुरुवार को एक बार फिर मजदूरों ने बवाल काटा।

अलवर में वेतन के लिए हंगामा

अलवर जिले के भिवाड़ी में वेतन न मिलने से नाराज मजदूरो ने गुरुवार को फैक्ट्री गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने मजदूरों पर जमकर लाठियां भांजी और उन्हें खदेड़ दिया। साथ ही मजदूरों को पुलिस की ओर मुकदमा दर्ज करने की धमकी भी दी गई। बाद में तहसीलदार ने मामला शांत कराया और फैक्ट्री मालिक को वेतन देने का निर्देश दिया।

भीलवाड़ा में भी मजदूरों का हंगामा

अलवर की ही तरह भीलवाड़ा में भी मजदूरों ने वेतन के लिए प्रदर्शन किया। भीलवाड़ा-चित्‍तौडगढ़ राजमार्ग पर स्थित एक फैक्ट्री के मजदूरों ने मार्च और अप्रैल की सैलरी को लेकर बवाल काटा। पुलिस ने मजदूरों को खदेड़ने के लिए हल्का बल का प्रयोग किया। मजदूरों ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं की जाती, तब तक वह काम शुरू नहीं करेगें।

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